किसान दिवस 2024: कब आता हैं किसान दिवस?

Published on: 06-Dec-2024
Updated on: 06-Dec-2024
A farmer plowing a field with oxen, representing traditional Indian farming methods, with an image of Chaudhary Charan Singh
सम्पादकीय सम्पादकीय

हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस या राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में समर्पित है।

वे किसानों के हितों के लिए कार्य करते थे और उनकी भलाई के लिए नीतियां बनाते थे। चौधरी चरण सिंह ने 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

किसान परिवार से आने के कारण, वे किसानों की समस्याओं और उनकी स्थितियों को भली-भांति समझते थे। उन्होंने कृषि सुधारों के लिए कई अहम कदम उठाए।

चौधरी चरण सिंह का जन्म कब और कहां हुआ था?

चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के नूरपुर गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विज्ञान में पूरी की और आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।

इसके बाद, उन्होंने कानून की पढ़ाई की और गाजियाबाद में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत और योगदान

श्री चरण सिंह ने राजनीति में 1937 में कदम रखा, जब वे छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए।

उन्होंने विधानसभा में कई बार अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 1946, 1952, 1962, और 1967 के चुनावों में भी जीत हासिल की।

उन्होंने पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव के रूप में कार्य किया और न्याय, सूचना, राजस्व, चिकित्सा, और लोक स्वास्थ्य जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली। बाद में वे उत्तर प्रदेश कैबिनेट में मंत्री भी बने।

1959 में, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन उनका योगदान भारतीय राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।

ये भी पढ़ें: चकबंदी क्या है और इससे किसानों को क्या फायदे मिलते हैं?

किसानों और ग्रामीणों की सेवा में जीवन समर्पित

चौधरी चरण सिंह प्रशासनिक अक्षमता, भाई-भतीजावाद, और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर रुख अपनाने के लिए जाने जाते थे।

उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार के क्षेत्र में उनके योगदान को विशेष रूप से सराहा जाता है।

उन्होंने 1939 में विभागीय ऋणमुक्ति विधेयक तैयार किया, जो ग्रामीण देनदारों को राहत देने और जमीन के समान वितरण को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।

साधारण जीवन और लेखन के प्रति रुचि

अपने खाली समय में वे अध्ययन और लेखन में जुटे रहते थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें और लेख लिखे है, जैसे:

  • ज़मींदारी उन्मूलन
  • भारत की गरीबी और उसका समाधान
  • किसानों की भूसंपत्ति या किसानों के लिए भूमि
  • प्रिवेंशन ऑफ डिवीज़न ऑफ होल्डिंग्स बिल ए सर्टेन मिनिमम
  • को-ऑपरेटिव फार्मिंग एक्स-रयेड

चौधरी चरण सिंह ने अपने जीवन में किसानों और ग्रामीण भारत की सेवा को प्राथमिकता दी, और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।