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टॉप तीन में आने वाली सरसों की इन किस्मों से होगा शानदार उत्पादन

Published on: 03-Nov-2023

किसान भाइयों जैसा कि सब जानते हैं, कि सरसों की तीन उन्नत प्रजातियां एनआरसीडीआर-2, एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड एवं एनआरसीडीआर-601 किसान को प्रति हेक्टेयर तकरीबन 26 क्विंटल तक उत्पादन प्रदान करेंगी। जो कि तकरीबन 137-156 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं। ये समस्त किस्में ICAR-डीआरएमआर द्वारा तैयार की गई हैं। रबी की तिलहनी फसलों के अंतर्गत मुख्य स्थान सरसों का है। यदि देखा जाए तो सरसों की फसल सीमित सिंचाई की स्थिति में ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। यदि किसान सरसों की शानदार किस्मों का चयन करें एवं सही तरीके से खेती करें, तो वह कम समयावधि में ही सरसों की फसल से बेहतरीन पैदावार अर्जित कर सकते हैं। इसी कड़ी में आज हम किसानों के लिए सरसों की टॉप तीन प्रजातियों की जानकारी लेकर आए हैं, जिसकी खेती भारत के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और दिल्ली सहित भारत के विभिन्न राज्यों में सुगमता से की जा सकती है। सरसों की यह समस्त प्रजातियां 137-156 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त इन उन्नत प्रजातियों की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर करीब 26 क्विंटल तक पैदावार हांसिल कर सकते हैं। सरसों की मुख्य तीन किस्मों की बात कर रहे हैं, जो कि क्रमशः एनआरसीडीआर-2, एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड और एनआरसीडीआर-601 हैं। इन प्रजातियों को ICAR-डीआरएमआर द्वारा तैयार किया गया है।

टॉप तीन में आने वाली सरसों की तीन उन्नत किस्में

सरसों की एनआरसीडीआर-2 किस्म की जानकारी

सरसों की इस उन्नत किस्म की खेती दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा एवं जम्मू और कश्मीर के किसान सुगमता से कर सकते हैं। इसके पौधे की लंबाई 165-212 सेमी तक होती है। साथ ही, सरसों की यह प्रजाति 131-156 दिन में पूर्णतय पककर तैयार हो जाती है। NRCDR-2 किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर तकरीबन 26 क्विंटल तक उत्पादन हांसिल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सरसों की NRCDR-2 किस्म में तेल की मात्रा 36.5- 42.5 फीसद तक होती है। साथ ही, इस किस्म के अंदर स्क्लेरोटिनिया स्टेम रोट, पाउडरी मिल्ड्यू, एफिड्स, सफेद रतुआ और अल्टरनेरिया ब्लाइट का कम आक्रमण होता है।

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एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड किस्म सबसे ज्यादा कहाँ होती है

सरसों की यह किस्म राजस्थान और उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए सबसे अच्छी होती है। इसके पौधे लंबाई में लगभग 180-205 सेमी तक होते हैं। सरसों की एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड किस्म 127-148 दिन में पककर तैयार हो जाती है। किसान इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 25 क्विंटल तक पैदावार हांसिल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस किस्म में तेल की मात्रा की बात करें तो वह 38.6- 42.5 फीसद के मध्य होती है।

सरसों की एनआरसीडीआर-601 किस्म इन राज्यों में की जाती है

सरसों की इस उन्नत किस्म का उत्पादन हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में की जाती हैं। यह किस्म प्रति हेक्टेयर 26 क्विंटल तक उत्पादन प्रदान करने में सक्षम है। खेत में सरसों की NRCDR-601 किस्म 137-151 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म के सरसों के पौधों की ऊंचाई 161-210 सेमी तक होती है। सरसों की इस किस्म में सफेद रतुआ, (स्टैग हेड), अल्टरनेरिया ब्लाइट और स्क्लेरोटिनिया जैसे रोग नहीं लग पाते हैं।

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