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इस राज्य में जैविक कॉफी उत्पादन हेतु सरकार करेगी सहायता

Published on: 27-Nov-2022

ओड़ीशा कृषि उत्पादन आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने बताया कि कोरापुट में उन्हें बेहतरीन गुणवत्ता वाली अरेबिका कॉफी प्राप्त होती है। ओडिशा के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार ने आगामी पांच सालों में हजारों हेक्टेयर भूमि में जैविक कॉफी उत्पादन हेतु योजना तैयार की है। इस बात की पुष्टि स्वयं राज्य कृषि उत्पादन आयुक्त प्रदीप कुमार जेना द्वारा की गयी है। उन्होंने कहा है, कि राज्य सरकार द्वारा आने वाले ५ सालों में १०,००० हेक्टेयर में जैविक कॉफी उगायी जाएगी, उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में अच्छी खासी संख्या में कॉफी बागान हैं। हमने भी कॉफी बागानों के साथ अच्छा काम किया है। ऐसे में हमें उम्मीद है, कि जैविक कॉफी की खेती से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।



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साथ ही, उनका कहना है, कि कोरापुट में हमें अच्छी गुणवत्ता युक्त अरेबिका कॉफी प्राप्त होती है। जेना ने कहा कि हमने अगले कुछ सालों में १०००० हेक्टेयर कॉफी बागान बनाये जाने की कोशिश की है। सरकार का यही प्रयास है, कि ओडिशा को भारत में जैविक कॉफी उत्पादक राज्य के रूप में पहचान दिलाई जाए। बतादें कि कॉफी बोर्ड के मुताबिक, ओडिशा व आंध्र प्रदेश एवं उत्तर-पूर्व के गैर-पारंपरिक इलाकों में कुल कॉफ़ी फ़सल इलाकों का करीब २१% हिस्सा है। पारंपरिक क्षेत्रों में ३. ६८ लाख हेक्टेयर की तुलना में २०२१-२२ में गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में ९९,३८० हेक्टेयर में कॉफी उगाई गई थी।

इन क्षेत्रों को रचनात्मक तरीके से जैविक बनाया जायेगा

आंध्र प्रदेश में ९४.९५६ हेक्टेयर कॉफी हेतु जमीन है, परंतु अपेक्षाकृत ओडिशा में ४.४२४ हेक्टेयर एवं उत्तर-पूर्व में ४.६९५ हेक्टेयर जमीन है। ओडिशा में सिर्फ अरेबिका कॉफी का उत्पादन किया जाता है, लेकिन आंध्र प्रदेश एवं उत्तर-पूर्व में रोबस्टा कॉफी का उत्पादन बड़े स्तर से किया जाता है। साथ ही, ओडिशा के आदिवासी समुदाय के किसान लोग भी कॉफी का उत्पादन करते हैं। अधिकतर जनजातीय क्षेत्र डिफ़ॉल्ट रूप से जैविक खेती करते हैं। वहां रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जेना का कहना है, कि उनके द्वारा कॉफी के विपणन का लाभ अर्जन हेतु इन क्षेत्रों को रचनात्मक तरीके से जैविक बनाया जाये।

कृषि मशीनीकरण का व स्वचालन पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा

उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार के माध्यम से उच्च स्तर पर कृषि को स्वचालित एवं उपकरणीय बनाकर पैदावार को बढ़ावा दिये जाने का प्रयास किया जायेगा। दरअसल में, २० वर्ष पूर्व हमारी प्रति व्यक्ति विघुत व्यय राष्ट्रीय औसत का अधिकांश एक चौथाई थी। प्रदीप कुमार जेना ने बताया कि ओडिशा राज्य प्रति व्यक्ति २.४ kWh विघुत खपत करता है, जो कि राष्ट्रीय औसत २. ७ kWh से कम है। राज्य कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा बताया गया है, कि अब कृषि मशीनीकरण एवं स्वचालन पर अधिक ध्यान दिया जायेगा।

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