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फसल

बायोबीऑन गोल्ड और Udder-H गोल्ड लिक्विड अपने पशुओं को खिलाए और दूध का बंपर उत्पादन पाए

बायोबीऑन गोल्ड और Udder-H गोल्ड लिक्विड अपने पशुओं को खिलाए और दूध का बंपर उत्पादन पाए

एनीमैक्स फार्मा पशु स्वास्थ्य देखभाल उद्योग में तेजी से विकसित होने वाली कंपनी है। वर्ष 2007 में, कंपनी ने अपने संचालन की शुरुआत देश के उत्तरी क्षेत्रों में की, जिनमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं।  पशु चिकित्सा क्षेत्र के पशुपालकों और किसानों ने कंपनी के कई उत्पादों को स्वीकार किया है, जिससे इसे तेजी से पहचान और प्रतिष्ठा प्राप्त हुई। वास्तव में, पशुओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, कंपनी विभिन्न चिकित्सीय क्षेत्रों में पोषण और वृद्धि को बढ़ावा देने वाले उत्पाद लगातार प्रदान कर रही है। इस लेख में...
मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत इस राज्य के पशुपालकों को मिलेगा 50% से 90% तक अनुदान

मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत इस राज्य के पशुपालकों को मिलेगा 50% से 90% तक अनुदान

झारखंड सरकार किसानों के साथ-साथ पशुपालकों की भी आर्थिक सहायता कर रही है। इस उद्देश्य से सरकार कई योजनाओं को लागू कर रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और पशुपालन को बढ़ावा दिया जा सके।इसी दिशा में सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री पशुधन योजना की शुरुआत की है। यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से एक बड़ा अवसर लेकर आई है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा 50% से 90% तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है, जिससे पशुपालन को व्यवसायिक रूप से बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आमदनी बढ़ेगी।  मुख्यमंत्री...
लूसर्न की खेती: चारा फसलों की रानी के साथ उच्च उत्पादन कैसे प्राप्त करें

लूसर्न की खेती: चारा फसलों की रानी के साथ उच्च उत्पादन कैसे प्राप्त करें

लूसर्न को 'चारा फसलों की रानी' के रूप में जाना जाता है। इसको रिजका के नाम से भी जाना जाता है।भारत में, लूसर्न मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और लद्दाख के लेह क्षेत्र के सिंचित क्षेत्रों में उगाई जाती है।इसे आमतौर पर रबी मौसम में एक महत्वपूर्ण चारा फसल के रूप में उगाया जाता है।खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की आपूर्ति बरसीम के लिए पर्याप्त नहीं होती और सर्दियों का समय छोटा होता है।इसकी गहरी जड़ प्रणाली इसे सिंचाई सुविधा वाले शुष्क क्षेत्रों के लिए बहुत अनुकूल बनाती है। यह उच्च जलस्तर...
जानिए हरे चारे की समस्या को दूर करने वाली ग्रीष्मकालीन फसलों के बारे में

जानिए हरे चारे की समस्या को दूर करने वाली ग्रीष्मकालीन फसलों के बारे में

पशुपालकों को हरा चारा सुनिश्चित करने के लिए काफी अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। भारतीय मौसम विगाग का कहना है, कि इस बार गर्मी अपने चरम स्तर पर पहुँचने की आशंका है। विगत दिनों तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि होने की वजह से पशुपालकों के हरे चारे की उपलब्धता में गिरावट आ रही है। क्योंकि, तापमान में वृद्धि होने के कारण खेतों में नमी की मात्रा में गिरावट देखने को मिल रही है। हरे चारे पर इसका प्रत्यक्ष तौर प्रभाव देखने को मिल रहा है। इस वजह से पशुपालकों को वक्त रहते ही हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित कर...
जानिए गर्मियों में पशुओं के चारे की समस्या खत्म करने वाली नेपियर घास के बारे में

जानिए गर्मियों में पशुओं के चारे की समस्या खत्म करने वाली नेपियर घास के बारे में

भारत एक कृषि प्रधान देश है। क्योंकि, यहां की अधिकांश आबादी खेती किसानी पर निर्भर है। कृषि को अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ माना जाता है। भारत में खेती के साथ-साथ पशुपालन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां खेती के पश्चात पशुपालन दूसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है। किसान गाय-भैंस से लेकर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में तरह-तरह के पशु पालते हैं। दरअसल, महंगाई के साथ-साथ पशुओं का चारा भी फिलहाल काफी महंगा हो गया है। ऐसा माना जाता है, कि चारे के तौर पर पशुओं के लिए हरी घास सबसे अच्छा विकल्प होती है। यदि पशुओं को...
पशुपालन में इन 5 घास का इस्तेमाल करके जल्द ही हो सकते हैं मालामाल

पशुपालन में इन 5 घास का इस्तेमाल करके जल्द ही हो सकते हैं मालामाल

भारत दुनिया का सबसे बाद दुग्ध उत्पादक देश है। दुनिया में उत्पादित होने वाले कुल दूध का 24 फीसदी उत्पादन अकेले भारत में होता है। इस बीच भारत की बड़ी जनसंख्या की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए सरकार लगातार पशुपालन को प्रोत्साहित कर रही है। ताकि देश में पशुओं से प्राप्त उत्पादों की पूर्ति की जा सके। इसके लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लॉन्च करती रहती है।जिससे किसानों को फायदा होता है और देश में पशुपालन में बढ़ोत्तरी होती है। लेकिन इन सब के बीच किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या पशु चारे को लेकर है, जिसके बिना...