सीजनल सब्जियों के उत्पादन से करें कमाई

By: MeriKheti
Published on: 09-Oct-2020

छोटे और सीमांत किसानों को यदि अपनी माली हालत में सुधार करना है तो वह सब्जी उत्पादन की ओर ध्यान दें। ठंड का मौसम शुरू होने वाला है और इस समय में पत्तागोभी,फूलगोभी,गाजर,मूली,शलजम,चुकंदर,आलू,पालक,चौलाई,धनिया जैसी अनेक फसलें इस सीजन में लगाई जाती हैं। सब्जी लगाने से किसानों को दोहरा फायदा होता है।पहला तो उन्हें अपने बच्चों और परिवार के लिए ताजी और अच्छी सब्जियां मिल जाती हैं दूसरा वह दैनिक रूप से मंडी से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा भी पाते हैं। गेहूं,धान जैसी मोटी फसलों में दैनिक आय नहीं होती है। किसानों को अनेक खतरों के बाद 4 से 5 महीने का इंतजार करके फसल मिलती है। हमारी दैनिक जरूरतों में भी सब्जियों का विशेष योगदान है। किसी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन तीन सौ ग्राम सब्जी की आवश्यकता रहती है ताकि उसकी शरीर की विटामिनों की जरूरत पूरी हो सके।

सब्जियों में मौजूद विटामिन

सब्जियां 1-विटामिन ए : गाजर, पालक, चौलाई करी पत्ता, धनिया केला हरी पत्तेदार सब्जियां एवं सीताफल में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। 2-विटामिन बी : मटर, मिर्च, लहसुन एवं धनिया में पर्याप्त होता है। 3-विटामिन सी : शिमला मिर्च, बंद गोभी, करेला, चौलाई पालक, खरबूज, टमाटर एवं धनिया में पर्याप्त होता है। 4-कैल्शियम : चौलाई, पालक, मेथी, प्याज, ब्रोकली एवं केला में पर्याप्त होता है। 5-आयरन यानी लौह तत्व : चौलाई , पालक, मेथी ,करेला एवं से में पर्याप्त होता है। 6-आयोडीन : भिंडी एवं प्याज आदि में पर्याप्त होता है।

फूलगोभी

फूलगोभी फूलगोभी की मध्य पछेती किस्मौ में पूसा को पौसजा एवं पूसा शुक्ति किस्में प्रमुख हैं । इन्हें अगस्त के अंत से सितंबर तक लगाया जा सकता है। इनसे दिसंबर से जनवरी तक फसल में नहीं लगती है और ऊपर करीब 325 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। पचेतिया किस्मों में पूसा स्नोबॉल k1, पूसा स्नोबॉल के 25, पूसा स्नोबॉल हाइब्रिड 1 एवं पूसा स्नोबॉल किस्में प्रमुख हैं। इन्हें सितंबर से नवंबर के मध्य लगाया जा सकता है। इनसे जनवरी और मार्च के मध्य फसल मिलने लगती है। उत्पादन साडे 300 से साडे 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है।

गाजर

गाजर अक्टूबर-नवंबर के मध्य पूसा रुधिरा, पूसा अस्मिता, पूसा कुल्फी एवं पूसा वसुधा किस्मे लगाई जाती है। इनसे नवंबर से लेकर जनवरी तक फसल मिलती रहती है। उत्पादन 300 से  450 कुंतल प्रति हेक्टेयर होता है।

मूली

मूली मूली एक ऐसी सब्जी है जो साल भर सलाद के रूप में प्रयोग में लाई जाती है। हर सीजन में लगाने की इसकी अलग-अलग किस्में है। वर्तमान समय में पूसा मृदुला, जैपनीज व्हाइट, पूसा श्वेता, पूसा जामुनी एवं पूसा गुलाबी किसने लगाई जा सकती हैं।इनसे मध्य फरवरी से अप्रैल तक फसल मिलना शुरू हो जाती है। उत्पादन करीब ढाई सौ कुंतल प्रति हेक्टेयर होता है।

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