किसानों ने इस योजना के अंतर्गत उगाई भिंडी की नई किस्म, इस तरह बढ़ाई आमदनी

By: MeriKheti
Published on: 01-May-2023

आज के समय में किसान काफी जागरूक हो गए हैं। राजस्थान राज्य के राजसमंद जनपद में किसानों द्वारा DMFT योजना के अंतर्गत संकर भिंडी उत्पादित की जाती है। विशेष बात यह है, कि जनपद में समकुल 250 किसानों ने संकर भिंडी का उत्पादन किया है। भिंडी के अंदर विटामिन्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से शरीर को विभिन्न प्रकार की विटामिन्स एवं पोषक तत्व अर्जित होते हैं। यही कारण है, कि बीमार होने की स्थिति में डॉक्टर भी रोगी को भिंडी की सब्जी का सेवन करने की राय देते हैं। हालाँकि, बाजार में सदैव भिंडी उपलब्ध होती है। परंतु, गर्मी के मौसम में इसकी पैदावार बेहद ज्यादा होती है। इसकी वजह से ही इसकी कीमत में गिरावट आ जाती है। इसी मध्य खबर सामने आई है, कि किसानों ने एक ऐसी संकर भिंड़ी का उत्पादन किया है, जिससे उनको काफी अच्छा उत्पादन मिलने की संभावना है। राजस्थान के राजसमंद जनपद के किसान भाइयों ने यह सफलता हांसिल की है। किसानों ने DMFT योजना के अंतर्गत संकर भिंडी का उत्पादन किया है। विशेष बात यह है, कि जनपद में समकुल 250 किसानों ने संकर भिंडी की खेती की है। तो उधर कृषि अधिकारी आमेट रक्षा पारीक का कहना है, कि किसानों के खेत में उत्पादित की गई भिंडी का परीक्षण सफलतापूर्वक रहा है।

35 किलो भिंडी विक्रय से 1400 रुपये की आय हुई

विशेष बात यह है, कि इस संकर भिंडी को काफी कम जल की आवश्यकता होती है। किसानों ने बूंद- बूंद कर के सिंचाई करने की तकनीक से इस संकर भिंडी की खेती संपन्न की है। वर्तमान, समस्त किसानों के खेत में भिंडी की फसल लहलहाती दिख रही है। किसानों को यह आशा है, कि यदि मौसम ने उनका साथ दिया, तो वह भिंडी का अच्छा-खासा उत्पादन ले सकते हैं। हालांकि, एक किसान का कहना है, कि अब तक मैं 35 किलो भिंडी बेच चुका हूं, जिससे 1400 रुपये की आमदनी हुई है।

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किसानों की आय में होगा इतना इजाफा

बतादें, कि बाजार में भिंडी फिलहाल 80 से 100 रुपये किलो बेचा रहा है। अगर एक किसान पूरे सीजन में 100 किलो भिंडी बेचता है, तब उसको हाल ही की कीमत के हिसाब से 8 से 10 हजार रुपये तक की आमदनी हो सकती है। भिंडी की सर्वोच्च विशेषता यह है, कि इसकी फसल बारिश के मौसम में भी खराब नहीं होती है। वैसे तो बारिश होने पर शिमला मिर्च, तोरई, लौकी, खीरा और ककड़ी सहित ज्यादातर सब्जियों के पौधे खराब हो जाते हैं। परंतु, भिंडी पर कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ता है। जितनी ज्यादा बारिश होती है, भिंडी का पौधा भी उतनी ही तीव्र गति से बढ़ती है। इससे पैदावार में भी इजाफा हो जाता है।

भिंड़ी की खेती में कितने समयांतराल पर सिचांई की आवश्यकता होती है

बतादें, कि भिंडी की खेती में 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में इस प्रजाति की भिंडी की खेती करने वाले किसानों को सिंचाई पर आने वाली लागत से भी राहत मिलेगी। साथ ही, भिंडी को बाकी फसलों के तुलनात्मक खरपतवार भी कम हानि पहुंचाते हैं। हालांकि, इसके उपरांत भी किसानों को खरपतवार की सफाई अवश्य करनी चाहिए।

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