मखाने की खेती करने पर किसानों को मिलेगी ₹75,000 का अनुदान - जानें, पूरी जानकारी

Published on: 15-Nov-2025

Subsidy on Makhana cultivation: मध्यप्रदेश सरकार अब राज्य के किसानों को नई फसलों की ओर आकर्षित करने के लिए लगातार नई पहल कर रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत अब राज्य में मखाने की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने जानकारी दी है कि बिहार की तरह अब मध्यप्रदेश में भी मखाने की खेती को प्रोत्साहन देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने चार जिलों – नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में मखाना खेती के विस्तार हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की है। 

मंत्री कुशवाह ने किसानों से अपील की है कि वे इस योजना से जुड़कर मखाने की खेती को अपनाएं, जिससे न केवल उनकी आमदनी में इज़ाफा होगा बल्कि राज्य में वैकल्पिक फसलों का दायरा भी बढ़ेगा। मखाना खेती को लेकर सरकार का मानना है कि यह फसल उन किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी जिनके पास जलाशय या छोटे तालाब उपलब्ध हैं, क्योंकि मखाना जल आधारित फसल है।

भारत और विदेशों में तेजी से बढ़ रही है मखाने की मांग

मध्यप्रदेश के उद्यानिकी मंत्री ने बताया कि मखाने की खेती सिंघाड़े की तरह पानी भरे छोटे-छोटे तालाबों में की जाती है, जिससे इसे उगाना अपेक्षाकृत आसान और कम जोखिम वाला कार्य है। वर्तमान में बिहार भारत का सबसे बड़ा मखाना उत्पादक राज्य है, जहां बड़ी संख्या में किसान इस फसल की खेती से अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।

मखाना केवल भारत में ही नहीं बल्कि अरब देशों और यूरोप के बाजारों में भी अत्यधिक लोकप्रिय है। इसके पौष्टिक गुणों और हेल्थ बेनिफिट्स के कारण मखाने की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही है। मखाना एक उच्च प्रोटीन और कम कैलोरी वाला स्नैक माना जाता है, जो सेहत के प्रति जागरूक लोगों के बीच खासा पसंद किया जा रहा है।

भारत सरकार ने भी इस फसल की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए ‘मखाना बोर्ड’ का गठन किया है, जो इसके उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, मध्यप्रदेश की जलवायु और मिट्टी भी मखाने की खेती के लिए उपयुक्त है, जिससे किसानों के लिए यह नई फसल एक बड़ा अवसर बन सकती है।

Makhana Subsidy: किसानों को मिलेगा ₹75,000 प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान

मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण आयुक्त अरविन्द दुबे ने बताया कि चार चयनित जिलों – नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में कुल 150 हेक्टेयर क्षेत्र को मखाना खेती के लिए विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पूरी परियोजना पर करीब 45 लाख रुपए का खर्च अनुमानित किया गया है।

योजना के तहत मखाना उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹75,000 या कुल लागत का 40 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाएगा, जो भी राशि कम होगी। इससे किसानों को प्रारंभिक निवेश में बड़ी राहत मिलेगी और वे बिना आर्थिक दबाव के नई फसल की ओर रुख कर सकेंगे।

आयुक्त दुबे ने यह भी बताया कि इस योजना में किसानों की दिलचस्पी बढ़ रही है। अब तक 99 किसान ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, और आने वाले समय में यह संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है। सरकार का लक्ष्य है कि इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद मखाने की खेती को अन्य जिलों में भी फैलाया जाए, ताकि यह मध्यप्रदेश की एक नई और लाभकारी फसल के रूप में स्थापित हो सके।

MP Makhana Kheti: मखाना खेती से किसानों को होगा कई गुना लाभ

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मखाना खेती से किसानों को पारंपरिक फसलों की तुलना में बेहतर आर्थिक रिटर्न मिल सकता है। यह फसल वर्षभर में कम मेहनत और सीमित संसाधनों में भी अच्छा उत्पादन देती है। इसके बीज, फूल और पत्तियां सभी उपयोगी होती हैं, जिनसे कई मूल्यवर्धित उत्पाद बनाए जा सकते हैं।

मखाना उद्योग के विकास से ग्रामीण स्तर पर रोज़गार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, क्योंकि इसके प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन में बड़ी संख्या में लोग जुड़ सकते हैं। सरकार का यह कदम किसानों की आमदनी दोगुनी करने के उद्देश्य की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

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