मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से केले की फसल बर्बाद, किसान मुआवजे की गुहार कर रहे हैं

By: MeriKheti
Published on: 09-May-2023

अचानक आई बेमौसम, बारिश की वजह से किसानों की फसलों को काफी हानि पहुंची है। मध्य प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसान आर्थिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं। बेमौसम, बारिश से किसानों को होने वाली हानि रुकने का नाम नहीं ले रही है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं और सरसों की फसलों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया है। साथ ही, गेहूं, सरसों के अतिरिक्त बाकी फसलें भी प्रभावित हुई है। उत्तर प्रदेश और बिहार में लीची, टमाटर और आम सहित विभिन्न फसलों को क्षति पहुँचने की खबरें सामने आई हैं। मध्य प्रदेश से भी एक ऐसी ही फसल क्षति होने की बात सामने आ रही हैं। किसान सहायता की आशा भरी निगाहों से सरकार की तरफ देख रहे हैं।

मध्य प्रदेश में केला, प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है

मीडिया की खबरों के मुताबिक, मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में बारिश और ओलावृष्टि की वजह से कृषकों को ज्यादा हानि हुई है। ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी की वजह हल्दी, केला और प्याज की फसलें गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। किसानों की हुई फसल क्षति को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से सर्वे कराने की मांग की है।

केले की फसल क्षति के लिए मुआवजे की गुहार कर रहे किसान

स्थानीय किसान राज्य सरकार से केले की फसलों को हुई क्षति की मांग कर रहे हैं। स्थानीय किसानों ने बताया है, कि विगत 3 सालों से केले की फसल का बीमा तक भी नहीं हो सका है। जो कि अतिशीघ्र होना चाहिए। इसके अतिरिक्त किसानों को हुए फसल हानि को ढाई लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए। इससे किसानों को अच्छी-खासी राहत मिल सकेगी। ये भी पढ़े: केले की खेती करने वाले किसान दें ध्यान, नही तो बढ़ सकती है मुसीबत: वैज्ञानिक

राज्य सरकार ने सर्वे कराने के निर्देश जारी किए

राज्य सरकार के स्तर से किसानों की समस्याओं को देखते हुए सर्वेक्षण करावाना चालू कर दिया है। कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग की एक ज्वाइंट टीम हुए फसलीय क्षति का आंकलन करने में लगी हुई है। टीमों के स्तर से सर्वे का काम तेज कर दिया गया है। वहीं, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में बड़ी संख्या में किसान केले की खेती करते हैं। ऐसे में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से इन्ही किसानों को भारी क्षति हुई है। वहीं, बड़ी तादात में किसान ऐसे भी हैं, जोकि यह आरोप लगा रहे हैं, कि उनकी फसलों को काफी ज्यादा क्षति पहुँची है। लेकिन, सर्वे वाली टीम फसलीय क्षति का आंकलन काफी कम दिखा रही है।

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