हिन्दुस्तान का पहला CNG ट्रेक्टर हुआ लॉन्‍च, जानिए खूबियां - Meri Kheti

हिन्दुस्तान का पहला CNG ट्रेक्टर हुआ लॉन्‍च, जानिए खूबियां

1

सरकार लगातार देश के किसानो की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है, जैसा की इस प्रयास से लगता है की किसी हद तक सरकार इसको पूरा भी कर सकती है। किसानों की आय दोगुनी करने का मतलब ये नहीं है की सरकार किसी फसल का मूल्य दोगुना कर देगी बल्कि इसका अभिप्राय यह है सरकार किसानों की लगत भी उसी अनुपात में काम करेगी।

इसी कड़ी में बैटरी चलित ट्रैक्टर के बाद अब देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर बाजार में आने को है। इसे शुक्रवार यानी 12 फरवरी को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लांच किया। इस ट्रेक्टर के प्रयोग से किसान ईंधन की 50 % तक की बचत कर पाएंगे। इस ट्रैक्टर की लॉन्चिंग के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि किसी भी डीजल ट्रैक्टर को चौपहिया वाहनों की तरह सीएनजी में कन्वर्ट करना आसान होगा। देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि इससे किसानों को सालाना एक से डेढ़ लाख रुपए की बचत होगी।

ट्रैक्टर को रामेट टेक्नो सॉल्यूशन और टोमोसेटो एकाइल इंडिया ने मिलकर बनाया है। फिलहाल इसके खर्च के बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया है। परन्तु आने वाला कल सीएनजी एवं बैटरी आधारित एनर्जी का ही है। इसे देखते हुए इस पहल को प्रचारित प्रसारित किया गया है। श्री गडकरी ने कहा कि इस देश के किसी भी मैन्युफैक्चरर्स द्वारा सीएनजी ट्रैक्टर के लिए बनाए गए विभागीय मानदंडों का अनुपालन करके ट्रैक्टर बनाए जा सकते हैं।

आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर किसान

श्री गडकरी ने कहा 1 साल में किसान यदि माल ढुलाई करता है तो ₹350000 का डीजल खर्च कर देता है। खेती किसानी में भी सवा दो से ढाई लाख रुपए का डीजल खर्च आता है। सीएनजी ट्रैक्टर से 50 से 55 फ़ीसदी धनराशि कि उन्हें बचत होगी। इससे किसान की लागत घटेगी और वह आर्थिक रूप से संपन्न होंगे।

क्या कोई भी ट्रैक्टर सीएनजी में हो सकेगा कन्वर्ट?

जिस कंपनी ने ट्रैक्टर में सीएनजी किट लगाई है उसकी इसको लगाने के बाद किसी भी डीजल ट्रैक्टर को सीएनजी में कन्वर्ट किया जा सकेगा। इसके लिए देश भर में सीएनजी कन्वर्जन सेंटर खोले जाएंगे। श्री गडकरी ने बताया कि इस किट में अभी कुछ सामान विदेशी भी है। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत उसे भी स्वदेशी तैयार किया जाने का प्रयास किया जा रहा है। धीरे धीरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी सीएनजी में कन्वर्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया किसी 15 साल पुराने वाहन में सीएनजी किट लगा दी जाए तो वह बिल्कुल नए जैसा हो जाता है।

लगेंगे 500 सीबीजी प्लांट

इस मौके पर मौजूद केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा किस देश में सर्वाधिक ईंधन पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाले वाहनों पर खर्च होता है जबकि देश में 60 करोड़ नीचे टर्न बायोमास उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार देश में 500 सीवीजी कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगा रही है।

CNG ट्रेक्टर की विशेषताएं:

इस ट्रेक्टर की विशेषताएं हम नीचे दिए गए पॉइंट में समझ सकते हैं –

१- इसके CNG टैंक को बेहद मजबूत और हर परिस्थिति के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है जिससे की ट्रेक्टर का किसी भी परिस्थिति में प्रयोग करने पर इस पर कोई फर्क न पड़े।

२- डीजल से पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है। CNG के प्रयोग से प्रदूषण के समस्या से निजात मिलेगी।

३- डीजल के मुकाबले सीएनजी में कार्बन उत्सर्जन में 70 फीसदी की कमी होती है इससे हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण मिलेगा।

४-रावमैट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो ऐशिल इंडिया की ओर से संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. इससे ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर सृजन होंगें।

५- इसके प्रयोग से किसान भी पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान देंगें।

सरकार को इसके लिए कुछ प्रयास भी करने होंगें जिससे की इस तकनीक को किसान भी अपना पाएं. ट्रेक्टर का प्रयोग ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में किया जाता है जबकि इसकी उपलब्धता ग्रामीण इलाकों में नहीं है. ये सबसे बड़ी समस्या है।

१- ग्रामीण इलाकों में CNG पंप का न होना।

२- डीजल ट्रेक्टर को CNG में लाना इसका खर्चा भी कम होना चाहिए।

३- जब काम की अधिकता होती है तो किसान खेत में ही डीजल का ड्रम ले जाते हैं जो की CNG में ये संभव नहीं है।

४- CNG से किसान को लगता है की इससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है तो किसान की इस चिंता को दूर करना।

५- गर्मी और सर्दी में क्या बचाव होंगें ? क्यों की भारत में गर्मी में तापमान 48 डिग्री तक चला जाता है. जो की कहीं किसी दुर्घटना का कारण न बन जाये।

दुनिया में 1.2 करोड़ सीएनजी बेस्ड वाहन

एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में वर्तमान में 1.2 करोड़ सीएनजी आधारित वाहन चल रहे हैं। इसकी वजह यही है डीजल की कीमत है बहुत ज्यादा है साथ ही डीजल इंजन से कार्बन का उत्सर्जन ज्यादा होता है जो प्रदूषण बनाने में अहम भूमिका निभाता है। आर्थिक लाभ और पर्यावरण संरक्षण की कड़ी में सीएनजी टेक्नोलॉजी एक वरदान के रूप में सामने आई है।

Source: PIB.GOV.IN

1 Comment
  1. Avinash Yelwande says

    Very Nice And Helpful Information

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More