हरियाणा सरकार ने पराली आदि जैसे अवशेषों से पर्यावरण को बचाने की योजना बनाई

हरियाणा सरकार ने पराली आदि जैसे अवशेषों से पर्यावरण को बचाने की योजना बनाई

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यह परियोजना भूमिगत स्तर पर समुदायों में जागरूकता बढ़ाने एवं वैकल्पिक विधियों को अपनाने को लेकर बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगी, जिससे फसल अवशेष जलाने की जरूरत कम पड़ेगी।

एस एम सहगल फाउंडेशन ने वालमार्ट फाउंडेशन एवं फ्लिपकार्ट फाउंडेशन के साथ जुड़कर कृषि अवशेष के प्रभावी प्रबंधन के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को प्रोत्साहन देने और बच्चों एवं युवाओं में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए एक एकीकृत परियोजना को जारी करने का ऐलान किया है। प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चण्डीगढ़ में साझा की गई। प्रोजेक्ट को वालमार्ट फाउंडेशन एवं फ्लिपकार्ट फाउंडेशन से मिले अनुदान के जरिए से हरियाणा में क्रियान्वित किया जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है, कि इसका उद्देश्य हरियाणा में फसली अवशेषों को जलाने की वजह प्रदूषण के रूप में होने वाले दुष्प्रभाव को कम करना है।

इससे तकरीबन 100 गांवों को सहायता मिलेगी

मृदा के स्वास्थ्य, मानव कल्याण एवं पर्यावरण पर फसल अवशेष जलाने के नुकसानदायक प्रभावों को देखते हुए वॉलमार्ट फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना का उद्देश्य 100 गांवों के 15,000 किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करना है। किसानों को मृदा स्वास्थ्य एवं फसल उत्पादकता में सुधार पर ध्यान देने के विषय में बताया जाएगा। इसके साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन हेतु पर्यावरण के अनुकूल स्थायी निराकरण के सुझावों के साथ-साथ फसल अवशेष जलाने से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन को कम करने के संबंध में प्रशिक्षित किया जाएगा। इन समाधानों में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सुपर सीडर का इस्तेमाल और धान की कम अवधि वाली प्रजातियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ किसानों के लिए क्षमता निर्माण के कदम शम्मिलित हैं।

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हजारों बच्चों और युवाओं को जागरुक किया जाऐगा

बतादें, कि इसके अलावा फ्लिपकार्ट फाउंडेशन से प्राप्त अनुदान से इन जनपदों के 60 गांवों में 5,000 बच्चों एवं युवाओं में जागरूकता बढ़ाने और पर्यावरण को लेकर जागरूकता उतपन्न करने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा। क्योंकि, यह क्षेत्र फसल अवशेष जलाने की परेशानी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। साथ ही, यहां परिवार एवं समाज में परिवर्तन लाने के लिए युवा आगे बढ़कर कार्य कर सकते हैं।

यह परियोजना जमीनी तौर पर समुदायों में जागरूकता को बढ़ाने और वैकल्पिक तरीकों को अपनाने को लेकर बढ़ावा देने का कार्य करेगी, जिससे फसल अवशेष जलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसके अतिरिक्त, युवाओं में जागरूकता पैदा करने और समाज में बदलाव का वाहक बनने के लिए उन्हें शिक्षित करने पर भी बल दिया जाएगा। एस एम सहगल फाउंडेशन एक सहयोगी नेटवर्क बनाने और हरित भविष्य को प्रोत्साहन देने के लिए शोध संस्थानों, शिक्षाविदों और सामाजिक उद्यमों समेत बहुत से अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर कार्य करता रहा है।

सीएम खट्टर का इस पर क्या कहना है

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है, कि “हरियाणा सरकार बेहतर स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में फसलों के अवशेष प्रबंधन का उचित निराकरण खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने एक व्यापक रूपरेखा तैयार की है, जिसमें मजबूत एवं कुशल फसल अवशेष प्रबंधन के उपाय, प्रभावी निगरानी व इस लक्ष्य को लेकर लगातार जागरूकता अभियान शम्मिलित हैं। हम वॉलमार्ट फाउंडेशन, फ्लिपकार्ट फाउंडेशन और एस. एम. सहगल फाउंडेशन को इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए बधाई देते हैं और आशा करते हैं कि ये परियोजनाएं हमारे समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगी.”

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