केन्द्र सरकार ने 14 फसलों की 17 किस्मों का समर्थन मूल्य बढ़ाया

केन्द्र सरकार ने 14 फसलों की 17 किस्मों का समर्थन मूल्य बढ़ाया

0

धान के समर्थन मूल्य में 100 रू. प्रति क्विंटल की वृद्धि – केन्द्र सरकार ने 14 फसलों की 17 किस्मों का समर्थन मूल्य बढ़ाया

नई दिल्ली।
केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों के हक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने 14 फसलों की 17 किस्मों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की है। इनमें मुख्य रूप से धान के समर्थन मूल्य में 100 रुपए की बढ़ोतरी की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति इसकी मंजूरी दी है। सरकार द्वारा तय की गई कीमतें इन फैसलों के औसत उत्पादन लागत से पचास फीसदी अधिक है।

ये भी पढ़ें: MSP से डबल हो गए कपास के दाम – किसानों के लिए सफेद सोना साबित हो रही कपास की खेती

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है। किसानों को दी जा रहीं सुविधाओं के चलते उत्पादन में बंपर वृद्धि हुई है। खरीफ की फसलों के उत्पादन में 2.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकार किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प के साथ बीते आठ साल में कई दफा एमएसपी भी तेजी से बढ़ाती रही है।

ऐसे तय होती है एमएसपी

– केन्द्र सरकार प्रत्येक वर्ष कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज (सीएसीपी) [Commission for Agricultural Costs & Prices(CACP)] की सिफारिश पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है। इसके लिए सरकार ने लागत प्लस पचास फीसदी का फार्मूला तय कर रखा है। यह सरकार की तरफ से किसानों को मिलने वाला तय मूल्य है।

ये हैं प्रमुख प्रमुख फसलें :

– धान, बाजरा, मक्का, ज्वार, मूंगफली, मूंग, तिल, सन, कपास, सोयाबीन, उड़द आदि खरीफ की फसलें हैं। इनकी बुवाई जून से जुलाई तक होती हैं। जबकि नवंबर से दिसंबर में कटाई होती है।

इन फसलों पर इतना बढ़ाया गया है एमएसपी:

1- धान(सामान्य व ग्रेड ए) – 100 रु.
2- ज्वार (हाइब्रिड व मालदंडी) – 232 रु.
3- बाजरा – 100 रु.
4- मक्का – 92 रु.
5- मूंग – 480 रु.
6- उड़द – 300 रु.
7- मूंगफली -300 रु.
8- सोयाबीन (पीला) – 350 रु.
9- तिल – 523 रु.
10- कपास – 354 रु.

——
लोकेन्द्र नरवार

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More