जानें भारत विश्व में फसल बीमा क्लेम दर के मामले में कौन-से स्थान पर है

जानें भारत विश्व में फसल बीमा क्लेम दर के मामले में कौन-से स्थान पर है

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भारत अमेरिका एवं चीन, विश्व के फसल बीमा प्रीमियम का 70% फीसद भुगतान करते हैं। दरअसल, अमेरिका व कनाडा में बीमा कंपनियों के संचालन एवं उनके समुचित प्रबंधन का खर्च अथवा भुगतान सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इटली एवं कनाड़ा के उपरांत भारत में फसल बीमा क्लेम की तादात सर्वाधिक होती है। कृषि बीमा के प्रमुख एवं अंतर्राष्ट्रीय रीइंश्योरेंस एंड इंश्योरेंस कंसल्टेंसी एवं ब्रोकिंग सर्विसेज के वरिष्ठ सलाहकार कोल्ली एन राव द्वारा किए गए एक अध्ययन में विशेष बात सामने आयी है। अध्ययन में पता चला है, कि बीते सात साल के दौरान भारत में औसत फसल बीमा क्लेम दर 83% प्रतिशत था। जबकि इटली में 98% एवं कनाडा में यह 99% था। विशेष बात यह है, कि चीन और तुर्की के में फसल बीमा क्लेम दर सर्वाधिक कम था।

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अध्ययन के अनुसार, तुर्की एवं चीन में फसल बीमा क्लेम दर क्रमश: 55% एवं 59% था। यदि भारत की बात की जाये तो साल 2016 में, जब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना द्वारा वर्तमान क्लेम सब्सिडी-आधारित मॉडल को परिवर्तित कर दिया, तो भारत में फसल बीमा बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हो गया। बीते सात सालों में, बीमा कंपनियों ने प्रीमियम में 1,54,265 करोड़ रुपये लिए एवं क्लेम के रूप में 1,28,418 रुपये करोड़ का भुगतान हो कर दिया। इसकी वजह से उनको 83% प्रतिशत का क्लेम अनुपात प्राप्त हुआ है।

जानें क्लेम दर कितने प्रतिशत से ज्यादा थी

2016 एवं 2018 के मध्य, तमिलनाडु में प्रचंड सूखा की स्थिति बनी थी। जिसके चलते 8,397 करोड़ रुपये का क्लेम किया गया, जो कि 4,085 करोड़ रुपये के सकल प्रीमियम के 200% फीसद से ज्यादा था। इसी प्रकार, महाराष्ट्र में कृषकों को अत्यंत बारिश की वजह से 2019 में करीब 4,500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मिली, तब उनकी फसल पककर कटाई लायक हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि कर्नाटक, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, तेलंगाना एवं ओड़िशा समेत बहुत सारे राज्यों के क्षेत्र में बदहाल मौसम की वजह से एक या अधिक वर्षों में क्लेम दर 100% फीसद से ज्यादा थी।

18 बीमा कंपनियों में से कितनी कंपनियों ने ऐसा करना किया बंद

अत्यंत आवश्यक समय के चलते, राव ने बताया है, कि पीएमएफबीवाई(PMFBY) सरकार हर एक मुख्य जनपदों में 50 से 100 लोगों को भेजती है। तकरीबन 2,500 करोड़ रुपये का प्रीमियम दर्ज करने वाली कंपनी के लिए, PMFBY हेतु लाभ-अलाभ बिंदु करीब 90% फीसद क्लेम का अनुपात है। उनका यह भी कहना है, कि 2020 से व्यापार काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है, इसलिए फसल बीमा विक्रय करने वाली 18 बीमा कंपनियों में से आठ ने ऐसा करना बिल्कुल समाप्त कर दिया है।

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