जानें दुनियाभर में मशहूर पुंगनूर गाय की पहचान और विशेषताओं के बारे में

जानें दुनियाभर में मशहूर पुंगनूर गाय की पहचान और विशेषताओं के बारे में

0

भारत में गाय का पालन प्राचीन काल से लगातार चलता आ रहा है। किसान कई सदियों से कृषि के साथ गावों में गाय पालन भी करते आ रहे हैं। भारत में गाय की विभिन्न सारी देसी नस्लें हैं, इन सबकी अपनी-अपनी विशेषताएं होती हैं। इनमें से आपने भी बहुत सारी प्रजातियों की गायों को देखा होगा। साथ ही, कुछ गायों के विषय में सुना भी होगा। पुंगनूर गाय भी इन्हीं में शामिल है, जो अपने कद-काठी के लिए संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। पुंगनूर गाय विश्व की सबसे छोटी गाय है, जो कि फिलहाल विलुप्ती की कगार पर है।

पुंगनूर गाय की मुख्य विशेषताएँ

1. शरीर का रंग : पुंगनूर मवेशी भिन्न-भिन्न रंगों में पाए जाते हैं। इनके शरीर में सफेद रंग सहित लाल, भूरे अथवा काले रंग के धब्बे भी दिखाई पड़ जाते हैं।

ये भी पढ़ें: गाय पालन को प्रोत्साहन देने के लिए यह राज्य सरकार अच्छी-खासी धनराशि प्रदान कर रही है।

2. शरीर : पुंगनूर गाय विश्व में बहुत कम मिलने वाले पशुओं की प्रजाति में से एक है। इसका शरीर पीछे की तरफ से झुका हुआ और आगे से पीछे की तरफ पूंछ जमीन को छूती हुई होती हैं।

3. सींग: पुंगनूर किस्म का माथा चौड़ा और सींग छोटे होते हैं। सींग वर्धमान के आकार के होते हैं और अक्सर पुरुषों में आगे और पीछे की ओर और मादाओं में पार्श्व और आगे की तरफ झुके हुए होते हैं।

पुंगनूर गाय की यह पहचान होती है

1. पुंगनूर मवेशी की पूंछ जमीन को छूने लायक लंबी होती है।

2. पुंगनूर गाय के सींग थोड़े टेड़े-मेड़े होते हैं और पीठ बिल्कुल सपाट होती है।

ये भी पढ़ें: सरोगेसी तकनीक का हुआ सफल परीक्षण, अब इस तकनीक की सहायता से गाय देगी बछिया को जन्म

3. पुंगनूर गाय का पीछे का भाग नीचे की तरफ झुका हुआ होता है।

पुंगनूर गाय में क्या-क्या खासियत मौजूद होती हैं

1. पुंगनूर गाय की प्रजाति अधिकांश सूखा प्रतिरोधी है। यह सूखे चारे पर भी जिंदा रह सकती है। पुंगनूर गाय औसतन प्रतिदिन तकरीबन 3-5 किलोग्राम दूध का उत्पादन कर सकती है।

2. गाय की यह पुंगनूर प्रजाति प्रति दिन औसतन 3-5 लीटर दूध उत्पादन करती है। इसके लिए इस गाय को रोजाना 5 किग्रा आहार की जरूरत होती है।

3. पुंगनूर मवेशी विशेष तौर से दूध उत्पादन के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनके दूध में वसा की मात्रा ज्यादा होती है और यह औषधीय गुणों से भरे होते हैं।

4. पुंगनूर मवेशी काफी कठोर जानवर हैं। वह अपने गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन के लिए मशहूर हैं। बाकी मवेशियों की प्रजातियों के दूध की अपेक्षा में उनके दूध में वसा की अधिक मात्रा होती है। सामान्य तौर पर गाय के दूध में 3 से 5 प्रतिशत वसा की मात्रा विघमान होती है। बतादें, कि पुंगनूर गाय के दूध में करीब 8 प्रतिशत वसा की मात्रा मौजूद होती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More