एक बार फिर प्याज की महंगाई ने आम जनता के निकाले आँशू

एक बार फिर प्याज की महंगाई ने आम जनता के निकाले आँशू

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आजकल त्योहारों का सीजन चल रहा है। ऐसे में महंगाई को लेकर आम लोगों के लिए एक चिंतिंत करने वाला समाचार है। आपकी जानकारी के लिए बतादें कि आने वाली दिवाली से पूर्व ही प्याज की कीमतों में आग लग चुकी है। इसके भाव में 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से इजाफा दर्ज किया गया है। इससे आम जनता का की जेब काफी प्रभावित हो गई है।

त्योहारों का समय आते ही महंगाई ने पुनः एक बार अपना रंग दिखाना चालू कर दिया है। इससे आम जनता का बजट डगमगा गया है। विशेष रूप से प्याज की कीमतों में आग लग चुकी है। बतादें कि 30 से 35 रुपये किलो बिकने वाला प्याज फिलहाल 45 रुपये के पार पहुंच चुका है। आंध्र प्रदेश में एक किलो प्याज का भाव 50 रुपये तक पहुँच चुका है। मतलब कि इसके भाव में 20 रुपये किलो तक की इजाफा दर्ज है। ऐसा कहा जा रहा है, कि आगामी दिनों में इसके भावों में और वृद्धि हो सकती है। ऐसी स्थिति में प्याज की कीमत ने एक बार पुनः लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

प्याज 50 रुपए किलो बेचा जा रहा है

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में प्याज 50 रुपये किलो विक्रय किया जा रहा है। वहीं, रायतु बाजार में प्याज की कीमत 40 रुपये प्रति किलो है। साथ ही, विशेषज्ञों ने बताया है, कि इस बार मानसून का आगमन विलंभ से हुआ था। ऐसी स्थिति में इसका प्रभाव प्याज की फसल के ऊपर भी देखने को मिला है। यही कारण है, कि बाजार में अब तक पर्याप्त मात्रा में प्याज की नवीन उपज नहीं आ पाई है। इसके चलते कीमतों में भी काफी इजाफा हुई है।

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सैकड़ों टन प्याज की आवक

टाइम्स ऑफ इंडिया के विश्लेषण के अनुसार, व्यापारियों ने बताया है, कि संपूर्ण आंध्र प्रदेश में प्याज की आपूर्ति रनूल और कर्नाटक के बेल्लारी से होती है। परंतु, इन दोनों स्थानों से प्याज की आपूर्ति आवश्यकता की तुलना में काफी कम हो रही है। इससे आंध्र प्रदेश में प्याज की बेहद समस्या हो गई। ऐसी स्थिति में यहां के व्यापारी महाराष्ट्र से प्याज खरीद रहे हैं। यही कारण है, कि लागत बढ़ने से प्याज की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जानकारी के लिए बतादें, कि आंध्र प्रदेश में प्रतिदिन 600 टन प्याज की आवक होती है।

प्याज की खेती में तकरीबन 120 दिन का विलंभ हुआ है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि सामान्य तौर पर इस बार बारिश विलंभ से होने की वजह प्याज की खेती में भी तकरीबन 120 दिन का विलंभ हुआ है। व्यापारियों की मानें तो नवंबर के प्रथम सप्ताह से प्याज की नवीन पैदावार मंडियों में आना शुरू हो जाएगी। इसके पश्चात प्याज के भावों में कुछ गिरावट भी देखने को मिल सकती है। हालांकि, इसके लिए लोगों को थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

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