मधुमक्खी पालकों के लिए आ रही है बहुत बड़ी खुशखबरी

By: MeriKheti
Published on: 15-Jan-2023

शहद के गुणों के बारे में कौन नहीं जानता है। प्राकृतिक मिठास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली यह गुणकारी चीज घर घर में पाई जाती है। आजकल लोग भारी मात्रा में मधुमक्खी पालन करते हैं और इस व्यवसाय से काफी मुनाफा कमा रहे हैं। आपके लिए शायद यह नई बात होगी, लेकिन मधुमक्खी पालन के व्यवसाय में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि, बहुत से ऐसे लोग हैं, जो मधुमक्खी पालन में अड़चन बन जाते हैं। साथी ही, मधुमक्खियों की सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं। हाल ही में मधुमक्खी पालन संघ के बोर्ड के मेंबर ट्रेवर टॉज़र ने सभी मधुमक्खी पालकों के लिए एक बहुत ही बेहतरीन खबर दी है। उनके अनुसार, नया टीका 'मधुमक्खी पालकों के लिए एक रोमांचक कदम' हो सकता है। उनके द्वारा की गई बातचीत से पता चलता है, कि इस टीके का इस्तेमाल करने के बाद आपको बहुत महंगे उपचार करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप इस व्यवसाय के बाकी क्षेत्रों पर अच्छी तरह से ध्यान दे सकते हैं। देश दुनिया के सभी मधुमक्खी पालन करने वाले व्यवसायियों के लिए यह खबर बेहद खुशखबरी लेकर आई है। क्योंकि अब उनकी मधुमक्खियां पहले के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ रहेगी, जिससे शहद का उत्पादन भी अपने आप ही बढ़ेगा। ये भी देखें: मधुमक्खी पालन को 500 करोड़ देगी सरकार मधुमक्खियों के लिए बने इस टीके के उपयोग के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंजूरी दे दी है। इस टीके को मधुमक्खी कालोनियों को अमेरिकी फाउलब्रूड रोग से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दरअसल, फाउलब्रूड एक ऐसा रोग है, जो जीवाणु संक्रमण का एक रूप है और यह सीधा मधुमक्खी के लारवा पर हमला करता है और मधुमक्खियों की पूरी कॉलोनी को कमजोर कर देता है। डालन एनिमल हेल्थ के सीईओ एनेट क्लेसर ने हाल ही में हुई बातचीत में बताया कि, मधुमक्खियां एक ऐसा जीव है जो ईको सिस्टम के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे में इस टीके को मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए भी एक बहुत ही कामयाब पहल मानी जा रही है। इन सबके साथ ही बायोटेक फॉर्म के अनुसार अमेरिकी कृषि विभाग ने इसी सप्ताह ही इस वैक्सीन के लिए लाइसेंस को पूरी तरह से मंजूरी दे दी है। संयुक्त राष्ट्र एफएओ के अनुसार, मधुमक्खियों, पक्षियों और चमगादड़ों जैसे परागणकों का वैश्विक फसल उत्पादन में लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। ये भी देखें: मधुमक्खी पालन कारोबार को संबल देगी हरियाणा सरकार की नई योजना रिपोर्ट की मानें तो संयुक्त राज्य अमेरिका में भी साल 2006 से मधुमक्खियों की कॉलोनियों में काफी ज्यादा कमी आई है। इसके लिए बहुत से कारक जिम्मेदार माने गए हैं। यह सभी कारक अंततः जाकर मधुमक्खी के स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं। बहुत से परजीवी और कीट मधुमक्खियों की सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं। कई बार मधुमक्खियों को इनके कारण इस तरह की बीमारियां हो जाती हैं। इस वैक्सीन का वितरण सभी तरह के मधुमक्खी योजना में एक योजना के अनुसार किया जाएगा

श्रेणी