विश्व दलहन दिवस, जानें दालों से जुड़ी खास बातें

By: MeriKheti
Published on: 10-Feb-2023

हर साल आज के दिन यानि की 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस मनाया जाता है. इस खास दिन को मनाने के पीछे दालों के पोषण और पर्यावरण से जुड़े लाभ छुपे हुए हैं. पर्यावरण और पोषण से जुड़े फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस को मनाया जाता है. जैसा की हम सब जानते हैं कि, दालों को फलियां भी कहा जाता है. पूरे विश्व में मिलने वाले दाल एक मात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसका उत्पादन लगभग हर देश में किया जाता है. साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूरे विश्व में दालों को लेकर जागरूकता फैलाने का फैसला लिया और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए आज का खास दिन दालों पर समर्पित कर दिया.

क्या है थीम?

कृषि और पर्यावरण के लिए दालें काफी फायदेमंद होती हैं. साल 2023 में इस बार विश्व दलहन दिवस की थीम ‘एक सतत भविष्य के लिए दलहन’ के रूप में चुनी गयी है. इस साल इस खास दिन का जश्न मानाने के लिए मिट्टी की उत्पादकता में सुधार करने और कृषि प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ाने के अलावा पानी के कमी वाली जगहों में रहा रहे किसानों को अच्छी लाइफ देने के लिए दालों के योगदान के बारे में बताया जा रहा है. ये भी देखें: देश में दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास करेगी सरकार, देश भर में बांटेगी मिनी किट

इस दिन से जुड़ा इतिहास, विश्व दलहन दिवस क्यों मनाया जाता है

  • साल 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दालों के दामों को मान्यता दी.
  • साल 2016 में अंतराष्ट्रीय दलहन वर्ष के रूप में अपनाया गया.
  • एफएओ ने दालों की पौष्टिकता और पर्यावरण से जुड़े लाभों के बारे में सार्वजिनक रूप से जागरूकता बढ़ाई.
  • बुर्किना फासो और लैंडलॉक देश ने विशव दलहन दिवस को मनाना जारी रखने का प्रस्ताव रखा.
  • साल 2019 में संयुक्त महासभा ने 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में समर्पित किया.

दालों से जुड़ा महत्व

  • दाल को प्रोटीन और जरूरी तत्वों से भरपूर अच्छा स्रोत माना जाता है.
  • दाल में कम फैट और ज्यादा फाइबर होता है.
  • कोलेस्ट्रोल कम करने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में दाल मददगार है.
  • मोटापे से निपटने में भी दाल मददगार होती है.
  • डायबिटीज और दिल की बिमारी से बचने में भी दाल मददगार हो सकती है.
दालें किसानों की आय के लिए महत्वपूर्ण संसाधन है. जिसे वह बेच भी सकता है और खा भी सकता है. दालों की खेती करना बेहद आसान है. इन्हें फलने और फूलने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. इसके अलावा अगर कोई आपदा आ जाए तो किसान इससे बेहतर तरीके से निपट सकते हैं.

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