फिरंगियों को भा रहा है अपना देसी आलू - Meri Kheti

फिरंगियों को भा रहा है अपना देसी आलू

0

इस साल भारत में आलू का रिकार्ड उत्पादन हुआ है और रिकार्ड स्तर पर आलू का निर्यात भी हुआ है। आलू अपना जलवा खूब बिखेर रहा है और सबसे बड़ी बात यह कि फिरंगियों को भी भारतीय आलू बहुत पसंद आ रहा है।

पहले बिहार में और अब देश भर में एक कहावत कही जा रही है, जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा देश में लालू। यानी आप जब भी समोसे की बात करेंगे, उसमें आलू का रहना जरूरी है। आलू नहीं तो समोसा बेकार, यह ठीक वैसे ही है जैसे आप राजनीति की बात करें और उसमें लालू का जिक्र न हो। तो कुल मिलाकर आलू की फसल बंपर हुई है। यह बात अलग है कि डोमेस्टिक मार्केट में आलू के रेट इन दिनों बढ़े हुए हैं। वैसे सारा कुसुर आलू महाराज का ही नहीं है, शेष फसलों के भी रेट हाई हैं।

ये भी पढ़ें: हवा में आलू उगाने की ऐरोपोनिक्स विधि की सफलता के लिए सरकार ने कमर कसी, जल्द ही शुरू होगी कई योजनाएं

निर्यात बढ़ा

इस बार अच्छी बात यह हुई कि आलू का निर्यात बढ़ गया है, यह थोड़ा-बहुत नहीं बल्कि साढ़े चार गुणा बढ़ गया है। जो किसान आलू उगा कर अपने खाने के लिए रख लेते थे, उन्होंने भी इस बार लाइसेंस बनवा कर आलू का निर्यात किया है। आलू का निर्यात हुआ तो विदेशी पूंजी भारत में आई, इस पूंजी से किसानों ने अपनी माली हालत थोड़ी ठीक की है।

सिंगापुर भी गया अपना आलू

मोटे तौर पर अपना देसी आलू सिंगापुर नहीं जाता था। लेकिन, इस बार अपना देसी आलू सिंगापुर पहुंच गया है। सिंगापुर ही नहीं, यह फिरंगियों के देश इंग्लैंड में भी जा धमका है। मजे की बात यह है कि फिरंगी लोगों को भारतीय आलू बेहद पसंद आ रहे हैं। अभी भारत जिस देश को सबसे ज्यादा आलू का निर्यात करता है, वह है नेपाल। माना जाता है कि आलू के कुल निर्यात का 7 फीसद के करीब नेपाल को ही निर्यात किया जाता है, वैसे, अमेरिका, चीन, मॉरीशस, ओमान, मलेशिया, श्रीलंका जैसे देशों में हमारा आलू परंपरागत तरीके से निर्यात होता रहा है।

लाल और उजला, दोनों आलू की धूम

ऐसा नहीं है कि लाल आलू की ही डिमांड ज्यादा बढ़ी है, डिमांड तो उजले वाले आलू की भी बढ़ी हुई है। खास कर ब्रिटेन में इन दोनों किस्म के आलू की लगातार मांग बढ़ रही है, अभी कनाडा भी लाइन में है। वह भी भारत के आलू को लेना चाहता है, लेकिन वहां कुछ कानूनी लफड़ा फंस रहा है।

ये भी पढ़ें: भंवरपाल सिंह : वकील से लेकर सर्वश्रेष्ठ आलू उत्पादक अवॉर्ड पाने तक का सफर

स्वाद जोरदार

चीन से आई एक खबर में कहा गया है कि इस बार भारत से जो उजला (देसी) आलू आया है, उसका स्वाद जोरदार है। यह पनियल स्वाद वाला आलू है, पहले चीन की ही नहीं आम भारतीयों की भी शिकायत होती थी कि देसी आलू का स्वाद मीठा होता है। अब पंत विश्वविद्यालय ने आलू के जो बीज बनाए हैं, किसान उसे लेकर ही खेती कर रहे हैं। इस बीज के फसल बेहतरीन हुए हैं। इसका स्वाद पनियल है, अब आलू में वह पहले वाला मीठापन नहीं रहा। मीठापन के कारण ही कई देश हमारे आलू को रिजेक्ट कर देते हैं, अब तो यह भी सुनने में आ रहा है कि इस बार अक्टूबर में लगाई गई फसल को लेने के लिए पाकिस्तान भी लाइन में आ गया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More