आंध्र प्रदेश ने पंजाब को इस मामले में पीछे छोड़ प्रथम स्थान हासिल किया।

Published on: 14-Nov-2022

आंध्र प्रदेश आज कृषि के क्षेत्र में अच्छे राज्य की भूमिका अदा कर रहा है। यहां के किसानों को खेती के लिए कर्ज देने में आंध्र प्रदेश सरकार प्रथम स्थान पर आ गयी है। हालाँकि आजकल हर राज्य सरकार अपने अपने राज्यों के किसानों के लिए भांति भाँति की योजनाएं ला रही हैं, जिससे उनके राज्यों के किसान अच्छा मुनाफा और पैदावार हासिल कर सकें। साथ ही कृषि जगत से जड़ी नवीनतम तकनीकों को अपना कर एक आय का बेहतर स्त्रोत बना सकें। आंध्र प्रदेश सरकार राज्य के किसानों की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बतादें कि आंध्र प्रदेश के किसानों को आज पहले से अधिक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड; NABARD) के दस साल के एक शोध से पता चला है। नाबार्ड के शोध में बताया गया है कि भारत में आंध्र प्रदेश किसानों को खेती के लिए कर्ज देने में प्रथम स्थान पर है। अध्ययन के अनुसार १० वर्षों से ज्यादा वक्त तक सर्वोच्च स्थान पर अड़िग पंजाब द्वितीय फिसलकर दूसरे नंबर पर आ गया है। नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट ने 2011-12 और 2021-22 के मध्य कृषि उद्योग हेतु कर्ज संवितरण के आंकड़ों की जांच पूर्ण की है।

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बैंकों से ऋण की उच्च दर प्राप्त हो सकती है

शोधानुसार, आंध्र प्रदेश सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिये प्रयास किये हैं। सरकार का यह प्रयास काफी सफल भी रहा है। इसी वजह से आंध्र प्रदेश के किसानों को पंजाब की अपेक्षा में 1 लाख प्रति हेक्टेयर की तुलना में लगभग 129 लाख प्रति हेक्टेयर भूमि मिली है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि आंध्र प्रदेश में किसानों को तंबाकू, कपास, हल्दी और मिर्च सहित नकदी-समृद्ध वाणिज्यिक फसलों की अच्छी खेती के अनुरूप बैंकों से कर्ज लिया जाता है। मीडिया के अनुसार, पूर्व वर्ष में सर्वाधिक कर्ज भारत के दक्षिणी भाग से था। बतादें कि २०११ में केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश सहित कर्नाटक राज्य का प्रति एक किसान परिवार बकाया कर्ज की सर्वाधिक औसत राशि वाले परिवार थे। जिसमें हर एक किसान परिवार कर्ज का कुल ७४,१२१ , आंध्र प्रदेश और केरल में क्रमशः 2.45 लाख रुपये और 2.42 लाख रुपये हैं।

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