सिंघाड़े की खेती से किसान वार्षिक लाखों की आमदनी कर रहा है

By: MeriKheti
Published on: 01-Sep-2023

आज हम आपको एक सफल सिंघाड़े किसान साहेब जी के बारे में। बतादें, कि किसान साहब पहले किराये की जमीन में प्याज, गेहूं और धान की खेती करते थे। परंतु, उन्हें उतना मुनाफा नहीं हो पा रहा था। बहुत बार तो उन्हें हानि भी उठाना पड़ा। ऐसी स्थिति में उन्होंने सिंघाड़े की खेती चालू कर दी। वर्तमान में वह लाखों में आमदनी कर रहे हैं। समयचक्र के साथ-साथ खेती करने का तरीका भी परिवर्तित हो गया है। अब किसानों के पास खेती करने के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। यदि एक फसल की खेती में नुकसान होता है, तो किसान अगले वर्ष से दूसरी फसल की खेती चालू कर देते हैं, जिससे पैदावार बढ़ने के साथ-साथ आमदनी भी बढ़ जाती है। आज हम एक ऐसे किसान के विषय में चर्चा करेंगे, जिन्हें प्याज की खेती में काफी घाटा हुआ तो उसने सिंघाड़े की खेती चालू कर दी। वर्तमान में ये सिंघाड़े की खेती से वर्ष भर में लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं, इससे इनकी संपूर्ण जनपद में चर्चा हो रही है।

धान और प्याज की खेती में हानि होने पर सिंघाड़े की खेती की

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि किसान साहेब उदयनी गांव जनपद पटना के निवासी हैं। साहेब जी पहले धान और प्याज की खेती किया करते थे। इससे उन्हें काफी अच्छा मुनाफा नहीं हो रहा था। लागत की तुलना उन्हें घाटा ही उठाना पड़ रहा था। ऐसी स्थिति में उन्होंने पारंपरिक फसलों की खेती छोड़ सिंघाड़े की खेती चालू कर दी, जिससे वह एक वर्ष में ही लखपति बन गए। विशेष बात यह है, कि वह 10 बीघा भूमि किराए पर लेकर सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं। इससे उनको प्रति वर्ष 15 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। यह भी पढ़ें: इस राज्य में धान की खेती के लिए 80 फीसद अनुदान पर बीज मुहैय्या करा रही राज्य सरकार

सिंघाड़े की फसल को काफी समय में तैयार होती है

किसान साहेब का कहना है, कि सिंघाड़े की खेती करने से पूर्व उन्होंने इसकी बारीकियों को सीखा। उन्होंने बताया है, कि सिंघाड़े की फसल तैयार होने में अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा समय लेती है। ऐसी स्थिति में इसकी खेती करने वाले किसान भाइयों को थोड़ा धैर्य के साथ कार्य करना पड़ेगा।

किसी फसल में हानि हो तो दूसरी फसल शुरू करदें

प्रगतिशील किसान साहेब अपने गांव में लगभग दो वर्ष से सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं। इनका कहना है, कि रबी सीजन के दौरान ये गेहूं एवं चना की भी खेती करते हैं। इससे भी उन्हें काफी मोटी आय हो जाती है। 55 वर्षीय साहेब जी ने बताया है, कि यदि आधुनिक विधि से खेती की जाए, तो आप कम खर्चे में अच्छी आमदनी कर सकते हैं। बस इसके लिए आपको थोड़ा परिश्रम करना पड़ेगा। उनकी मानें तो यदि किसी एक फसल की खेती में बार-बार हानि हो रही है, तो किसान को तुरंत दूसरी फसल की खेती शुरू कर देनी चाहिए।

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