देशी कपास की उन्नत किस्में

Published on: 09-May-2025
Updated on: 09-May-2025
cotton bolls on plant with green leaves in sunlight
फसल नकदी फसल कपास

कपास एक प्रमुख रेशा फसल है। कपास सफेद सोने के नाम से मशहूर है। इसके अंदर नैचुरल फाइबर विघमान रहता है, जिसके सहयोग से कपड़े बनाए जाते हैं। 

भारत के कई इलाकों में कपास की खेती काफी बड़े स्तर पर की जाती है। इसकी खेती देश के सिंचित और असिंचित इलाकों में की जा सकती है। 

इस लेख में हम आपको कपास की खेती की संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं, भारत में कपास की दो किस्मों की खेती की जाती है देशी कपास और अमेरिकन कपास। 

देशी कपास की खेती भारत में कई स्थानों पर की जाती है, भारत में इसकी कई किस्में मौजूद है। इस लेख में हम आपको देशी कपास की किस्मों के बारे में जानकारी देंगे।                      

1. उन्नत किस्में (Advanced Varieties):

  • HD 107: देशी कपास की ये किस्म हिसार में विकसित की गयी, ये कपास की रोग प्रतिरोधी किस्म है , इसका रेशा लंबाई भी काफी अच्छी, होती है देशी कपास की ये किस्म हरियाणा-पंजाब-राजस्थान के लिए उपयुक्त।
  • HD 432: ये देशी कपास की सूखा सहनशील किस्म है, इसका मध्यम रेशा काफी अच्छा होता है, उत्तरी भारत के शुष्क क्षेत्रों हेतु ये किस्म उपयुक्त है।   
  • RG 18: उड़ीसा व आंध्रप्रदेश के लिए ये किस्म तैयार की गयी है साथी ही यह किस्म रोगरोधी और अच्छी गुणवत्ता वाली है 
  • RG 8: दक्षिण भारत के लिए, उच्च उत्पादन और रोग प्रतिरोधक।
  • DS 5: इस किस्म को कर्नाटक-महाराष्ट्र में उपयुक्त, कीट व रोग सहनशील माना जाता है ।
  • LD 230, 327, 491: पंजाब में विकसित की गयी है, इस किस्म से अच्छी गुणवत्ता और उत्पादकता मिलती है।

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2. प्रचलित किस्में (Popular Varieties):

  • HD 123, HD 324: उत्तरी भारत के लिए, बेहतर उत्पादन व रेशा वाली किस्म है।
  • RG 542: ये दक्षिण भारत में प्रचलित, सूखा सहनशील और अच्छा फाइबर देने वाली किस्म है।

3. संकर किस्में (Hybrid Varieties):

  • AAH 1: देसी कपास का पहला संकर, उच्च उपज, बेहतर रेशा।
  • राज DH 9: राजस्थान के लिए, रोगरोधी और अधिक उत्पादन।
  • HHH 223, 287: हरियाणा हेतु, अच्छा फाइबर व उत्पादन।
  • KR 64: कर्नाटक में विकसित, कीट प्रतिरोधी, उच्च उपज।
  • CICR 2: नागपुर से विकसित, रोग सहनशील, संकर व अधिक उपज।

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4.CICR Series (CICR 1, 2, 3):

  • CICR 1: ये देशी कपास की सूखा सहनशील, लंबा रेशा वाली किस्म है।
  • CICR 2: ये देशी कपास की संकर, अधिक उपज देने वाली किस्म है।
  • CICR 3: ये किस्म भी रोग प्रतिरोधी, उच्च गुणवत्ता वाली है।

5 AAH-1 (हिसार):

  • देसी कपास का पहला संकर, 20-22 क्विंटल/हेक्टेयर उपज, गुलाबी सुंडी प्रतिरोधी, 150-160 दिन में तैयार।
  • उपयुक्त क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, राजस्थान।