बैंक की नौकरी छोड़ महज डेढ़ कट्ठा में मशरूम उत्पादन कर 60 हजार महीना कमा रहा किसान

By: MeriKheti
Published on: 18-Sep-2023

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि किसान देवाशीष कुमार MBA पास हैं। वह पहले एचडीएफसी बैंक में नौकरी किया करते थे। परंतु, उनका मन खेती में नहीं लगता था। अब ऐसी स्थिति में उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़कर उन्होंने मशरूम की खेती चालू कर दी। खेती की शुरुआत उन्होंने महज एक हजार रुपये से की थी। मशरूम की सब्जी बेहद ही ज्यादा स्वादिष्ट होती है। इसका सेवन करना अधिकांश लोग पसंद करते हैं। मशरूम में विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B12, विटामिन C, विटामिन E, प्रोटीन, खनिज, डाइटरी फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका नियमित तौर पर सेवन करने से लोगों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है। यही कारण है, कि बाजार में मशरूम की मांग काफी बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में इसकी खेती करने वाले किसानों की तादात भी बढ़ रही है। बिहार एवं झारखंड में किसान आज कल पारंपरिक फसलों के साथ-साथ मशरूम का भी उत्पादन कर रहे हैं। इससे उनको काफी मोटी आमदनी हो रही है।

किसान देवाशीष की मशरूम की खेती ने बदली किस्मत

इस लेख में हम झारखंड के एक ऐसे किसान के विषय में चर्चा करेंगे, जिनकी तकदीर मशरूम की खेती से बदल चुकी है। वह अब मशरूम उत्पादन से महीने में हजारों रुपये की आमदनी कर रहे हैं। मशरूम की खेती करने वाले इस किसान का नाम देवाशीष कुमार है। वह पूर्वी सिंहभूम जनपद मौजूद जमशेदपुर के मूल निवासी हैं। उन्होंने डेढ़ कट्ठे भूमि पर मशरूम की खेती कर रखी है, जिससे उनको प्रति महीने 50 से 60 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। मुख्य बात यह है, कि देवाशीष कुमार ने अपने इस व्यवसाय की शुरुआत केवल 1 हजार रुपये की धनराशि से की थी।

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देवाशीष कुमार पहले कहां नौकरी किया करते थे

जैसा कि उपरोक्त में बताया गया है, कि देवाशीष कुमार एबीए पास हैं। बतादें, कि साल 2015 से पूर्व वह एचडीएफसी बैंक में नौकरी किया करते थे। इसी दौरान उनका बिहार राज्य के समस्तीपुर मौजूद राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में जाना हुआ। जहां पर उनको मशरूम की खेती के विषय में जानकारी मिली है। इसके पश्चात उन्होंने मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी एवं घर आकर एक हजार रुपए की पूंजी लगाकर मशरुम की खेती चालू कर दी है। हालांकि, आरंभ में घर वालों ने उनके इस निर्णय का कड़ा विरोध किया, परंतु वह अपने काम में बिना रुके लगे रहे।

किसान देवाशीष मशरुम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं

देवाशीष कुमार का गांव में काफी बड़ा घर है। वह घर के ही चार कमरों में मशरुम की खेती कर रहे हैं। उनको पहली बार में ही सफलता हाथ लग गई। मशरूम की पैदावार भी अच्छी हुई बाजार में भाव भी अच्छा मिल गया, जिससे उन्हें काफी मोटी आमदनी भी हुई। इसके उपरांत देवाशीष कुमार ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उन्होंने अपनी खेती में 2 महिलाओं को स्थाई तौर पर रोजगार भी दे रखा है। खास बात यह है, कि देवाशीष मशरूम उत्पादन के साथ-साथ नए लोगों को मशरुम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।

देवाशीष इन किस्मों के मशरूम की खेती कर रहे हैं

देवाशीष ने बताया है, कि चारों कमरों का क्षेत्रफल तकरीबन डेढ़ कट्ठे जमीन के समतुल्य होता है। साथ ही, गर्मी के मौसम में कमरे का तापमान कम करने के लिए भूमि पर तीन इंच बालू को बिछा देते हैं। बाद में उसके ऊपर समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहते हैं। इससे कमरे का तापमान एक संतुलित मात्रा में रहता है। देवाशीष प्रमुख रुप से मिल्की मशरूम, ऑएस्टर, पैडी स्ट्रॉ एवं क्लाऊड मशरुम की खेती करते हैं। साथ ही, मशरुम पाउडर भी निर्मित करते हैं। वेंडर्स आकर उनसे सारा मशरुम खरीद लेते हैं। सर्दियों के दौरान चार के स्थान पर छह कमरों में मशरुम की खेती करते हैं।

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