राज्य में शुरू हुई ब्लू मशरूम की खेती, आदिवासियों को हो रहा है बम्पर मुनाफा

राज्य में शुरू हुई ब्लू मशरूम की खेती, आदिवासियों को हो रहा है बम्पर मुनाफा

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विश्व में मशरूम की खेती हजारों सालों से की जा रही है लेकिन भारत में इसकी खेती मात्र 3 दशक पहली ही शुरू हुई है। अगर हाल ही के कुछ वर्षों में गौर करें तो भारत में लोगों के बीच मशरूम खाने का चलन बढ़ा है, जिसके कारण बाजार में मशरूम की लगातार मांग बढ़ती जा रही है। प्रकृति में मशरूम की हजारों किस्में मौजूद हैं, इनमें से कुछ किस्में ही खाने योग्य होती हैं। इन दिनों मशरूम से बने व्यंजन उच्च श्रेणी के माने जाते हैं, जिसके कारण लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।

मशरूम की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए हाल ही कुछ वर्षों में मशरूम की खेती को लेकर भी देश के किसानों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। चूंकि मशरूम का भाव भी अच्छा रहता है इसलिए किसानों का इसकी खेती की तरफ रुझान तेजी से बढ़ रहा है। अब कई राज्यों में अन्य किसानों के साथ-साथ आदिवासी लोग भी मशरूम की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। जिसके कारण अब राज्यों के आदिवासी इलाकों में भी मशरूम की खेती बड़े पैमाने पर की जाने लगी है।

इन दिनों महाराष्ट्र के सतपुड़ा जंगल के अंतर्गत आने वाले नंदुरबार जिले में मशरूम की खेती की जा रही है। इस खेती में ज्यादातर आदिवासी सक्रिय हैं। पहले यहां इस खेती को असंभव माना जाता था लेकिन यहां के लोगों ने सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों के अंतर्गत प्रशिक्षण लेकर इस खेती को संभव बनाया है। मशरूम की खेती के प्रशिक्षण की वजह से अब बहुत से बेरोजगार लोग इसकी खेती करने में लग गए हैं जिससे जिले में बेरोजगारी कम हुई है। साथ ही जिले के युवा मशरूम की खेती करके अच्छा खास मुनाफा कमा रहे हैं।

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महाराष्ट्र का नंदुरबार जिला आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है। जिसके कारण यहां के लोगों के लिए आमदनी के स्रोत बेहद सीमित हैं। ऐसे में ब्लू मशरूम की खेती आदिवासी युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इसकी खेती से युवा जमकर पैसा काम रहे हैं, जिससे उन्हे अपना परिवार चलाने में काफी मदद मिल रही है।

देखा गया है कि मशरूम की खेती करने वाले ज्यादातर युवा किसान बेहद छोटी सी जगह में ब्लू ऑयस्टर मशरूम की खेती कर रहे हैं। यह बेहद तेजी से विकसित होने वाला मशरूम की किस्म है जो मात्र 15 दिनों के भीतर ही तुड़ाई के योग्य हो जाता है। इससे महीने में 2 से 3 बार तक युवा किसान इसकी फसल को बाजार में बेंच रहे हैं और पैसे कमा रहे हैं। 10 बाय 10 की छोटी सी जगह में खेती करने वाले किसान भी हर महीने 10 से 12 हजार रुपये तक कमा लेते हैं। मशरूम की खेती में बम्पर कमाई को देखते हुए अब अन्य युवा भी इसकी खेती की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।

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