इस राज्य में फसल को नुकसान होने पर सरकार प्रदान करेगी 7,500 रुपए प्रति हेक्टेयर पर

Published on: 04-Feb-2023

आपको बतादें कि किसानों की फसल में अगर 20% फीसद तक हानि पाई जाती है। तो उनको सरकार की तरफ से 7,500 रुपये प्रति हेक्टेयर एवं 20% फीसद से ज्यादा की हानि हुई, तो 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायक धनराशि सीधे तौर पर किसानों के खाते में हस्ताँतरित कर दी जाएगी। कृषि एक ऐसा कार्य है, जिसकी पूर्णतया प्रकृति पर निर्भरता रहती है। प्रकृति की बेहतरीन गतिविधियों के माध्यम से फसलीय पैदावार काफी बढ़ जाती है, जिससे किसानों की बेहतरीन आमदनी होने की संभावना भी बढ़ती है। परंतु, विगत कुछ वर्षों से जलवायु परिवर्तन की वजह से प्रकृति का संचालन भी परिवर्तित हुआ है। प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी अथवा अन्य वजहों से फसलों के अंदर बेहद हानि देखने के मिल रही है। आए दिन कीट, रोग, मौसमिक हानि से फसलें बर्बाद हो रही हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं से हो किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जारी की है, जिसमें किसानों की फसल हानि होने पर किसान की आंशिक पूर्ति की जाती है। विभिन्न राज्य सरकारें भी स्वयं स्तर पर बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। बिहार राज्य सरकार द्वारा भी फसल सहायता योजना चलाई हैं। जिसके अंतर्गत फिलहाल रबी सीजन की - ईख, राई-सरसों, आलू, प्याज, गेहूं, मकई, मसूर,अरहर, चने की फसल अधिसूचित की गई हैं।

कौन से किसानों को कैसा अनुदान दिया जाएगा

बिहार राज्य की फसल सहायता योजना के अंतर्गत किसान को एक से अधिक फसल के चयन की सुविधा प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने पर किसान को 2 हेक्टेयर भूमि पर ही फायदा प्राप्त होगा। नगर पंचायत/नगर परिषद क्षेत्र के कृषक भी इस योजना के लिए किसान भाई आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत आवेदक किसान की फसल में 20% प्रतिशत तक की हानि होने पर 7,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान किया है। साथ ही, 20% फीसद से ज्यादा हानि होने पर 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायक धनराशि सीधे किसान के खातों में हस्ताँतरित कर दी जाएगी।

किन किसानों को मिलेगा फायदा

बिहार राज्य की फसल सहायता योजना के अंतर्गत बिहार राज्य का निवासी- रैयत एवं गैर-रैयत किसानों के अतिरिक्त आंशिक रूप में रैयत एवं गैर रैयत किसान भी आवेदन कर सकते हैं। ये भी देखें: PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान संग बीमा कंपनियों का हुआ कितना भला? इस योजना के अंतर्गत रैयत किसानों को अपडेटिड भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र/राजस्व रसीद एवं स्व घोषणा प्रमाण पत्र दर्ज करना आवश्यक है। गैर-रैयत किसानों को भी वार्ड सदस्य अथवा किसान सलाहकारों की तरफ से प्रति हास्ताक्षरित स्व-घोषणा पत्र पेश करना जरुरी है। रैयत एवं गैर-रैयत श्रेणी के अंतर्गत किसानों को अपडेटिड भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र/राजस्व रसीद एवं वार्ड सदस्य अथवा किसान सलाहकारों की तरफ से

हस्ताक्षरित स्व-घोषणा पत्र जमा कराना होगा।

फसल सहायता योजना के अंतर्गत चयनित ग्राम पंचायतों के आवेदक किसानों को प्रमाणीकरण के उपरांत डीबीटी के जरिए से आधार लिंक खाते में सहायक राशि हस्ताँतरित की जाएगी।

किसान भाई यहां करें आवेदन

अगर आप भी बिहार राज्य के किसान हैं, तब कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल या https://state.bihar.gov.in/Cooperative पर सीधे आवेदन कर सकते हैं। बिहार सरकार द्वारा ई-सहकारी मोबाइल एप्लीकेशन भी जारी किया गया है। किसान भाई अगर चाहें तो ज्यादा जानकारी प्राप्त करने हेतु विभागीय कॉल सेंटर (सुगम) के टोल फ्री नंबर- 180018000110 पर भी संपर्क साध सकते हैं। बिहार राज्य फसल सहायता योजना में 1 जनवरी 2023 से आवेदन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। किसान भाई यदि चाहें तो 31 मार्च 2023 तक Bihar DBT Portal पर सीधे आवेदन कर सकते हैं। इस समयांतराल में किसानों को अपनी फसल एवं बुवाई का क्षेत्रफल पता होना जरुरी है।

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