भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित की चना की नयी किस्म पूसा चना 4037 अश्विनी

Published on: 05-May-2025
Updated on: 05-May-2025
Chickpea plant and chana seeds
फसल खाद्य फसल चना

किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से कृषि विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान लगातार अधिक उत्पादन देने वाली फसलों की नई किस्मों का विकास कर रहे हैं। 

इसी दिशा में, ICAR-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, नई दिल्ली ने चने की एक नई उन्नत किस्म पूसा चना 4037 अश्विनी विकसित की है। 

इस किस्म की विशेषता यह है कि यह लगभग 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देने की क्षमता रखती है। इस किस्म का नामकरण IARI की प्रतिभाशाली छात्रा एवं वैज्ञानिक डॉ. अश्विनी के सम्मान में किया गया है, जिनका हाल ही में तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में आई बाढ़ में दुखद निधन हो गया था।

पूसा चना 4037 अश्विनी की मुख्य विशेषताएँ: 

  • पूसा चना 4037 अश्विनी किस्म की फसल को हार्वेस्टर मशीनों की सहायता से आसानी से काटा जा सकता है, जिससे किसानों को समय और श्रम की बचत होती है।  
  • पूसा चना 4037 अश्विनी की औसत उपज क्षमता 2673 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जबकि अच्छी देखरेख में यह 3646 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन दे सकती है।  
  • पूसा चना 4037 अश्विनी किस्म में प्रोटीन की मात्रा 24.8% तक पाई जाती है, जिससे यह पोषण की दृष्टि से भी बेहतर विकल्प है।  
  • यह फ्यूजेरियम विल्ट रोग के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है और ड्राई रूट रॉट, कॉलर रॉट तथा स्टंट जैसी अन्य बीमारियों के प्रति मध्यम प्रतिरोधक क्षमता रखती है।

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पूसा चना 4037 अश्विनी किन स्थानों के लिए विकसित किया गया है     

पूसा चना 4037 अश्विनी को विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के लिए अधिसूचित किया गया है। 

यह किस्म चने की खेती में लगने वाले कई रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता रखती है, जिससे उत्पादन लागत कम आती है और लाभ अधिक होता है।

पूसा चना 4037 अश्विनी किस्म का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह रोग प्रतिरोधक होने के कारण रासायनिक दवाइयों की आवश्यकता को कम कर देती है, जिससे किसानों को खेती की लागत कम पड़ती है। 

इसके साथ ही मशीन से कटाई की सुविधा और अधिक उत्पादन क्षमता इसे एक लाभकारी किस्म बनाती है। भविष्य में यह किस्म चना उत्पादकों के लिए एक बेहतर विकल्प बन सकती है और उनके जीवन स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभा सकती है।


Q1: पूसा चना 4037 अश्विनी किस संस्थान द्वारा विकसित की गई है?

उत्तर: यह किस्म ICAR-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है।

 Q 2: पूसा चना 4037 अश्विनी किस्म की औसत और अधिकतम उपज क्षमता कितनी है?

उत्तर: औसत उपज क्षमता 2673 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर और अधिकतम उपज 3646 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।

Q 3: इस किस्म की प्रमुख पोषण विशेषता क्या है?

उत्तर: इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा 24.8% तक पाई जाती है, जो इसे पोषण की दृष्टि से बेहतर बनाती है।

Q 4: यह किस्म किन रोगों के प्रति प्रतिरोधी है?

उत्तर: यह किस्म फ्यूजेरियम विल्ट के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है और ड्राई रूट रॉट, कॉलर रॉट एवं स्टंट रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है।