केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को देश का बजट 2025-26 प्रस्तुत किया। इस बजट में सरकार ने किसानों, महिलाओं, युवाओं समेत विभिन्न वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं।
कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए इस बार सरकार ने 1.71 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 19 हजार करोड़ रुपये अधिक है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है।
इस बार सरकार का विशेष ध्यान दलहन-तिलहन मिशन, मखाना और कपास की खेती पर रहेगा, ताकि इन क्षेत्रों में उत्पादकता को बढ़ाया जा सके और किसानों की आय में सुधार हो।
सरकार ने छह साल का मिशन शुरू किया है, जिससे देश दालों और तिलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सके।
यह मिशन किसानों को दलहन और तिलहन की बेहतर किस्मों की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि देश में इन उत्पादों का आयात कम किया जा सके।
इसके अलावा, कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए भी एक छह साल का विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, और सिंचाई की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
इससे कपास की उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। यह कदम न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा, क्योंकि भारत दुनिया का प्रमुख कपास उत्पादक है।
कृषि क्षेत्र के लिए एक और महत्वपूर्ण घोषणा की गई है कि किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
इससे किसानों को अपनी खेती से जुड़ी आवश्यकताओं के लिए अधिक लोन मिल सकेगा। इससे किसानों को अपने खेतों में आधुनिक तकनीक अपनाने, बेहतर बीज खरीदने, और उर्वरकों की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
इस कदम से किसानों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर तरीके से चला सकेंगे।
इसके अलावा, किसानों को समय पर भुगतान प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
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मखाना बोर्ड और फूड इंस्टीट्यूट बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिससे वहां के छोटे किसानों और व्यापारियों को लाभ मिलेगा।
मखाना की उत्पादकता और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) बनाएगी, जो किसानों को बेहतर कीमतों पर मखाना बेचने में मदद करेंगे।
इसके अलावा, मखाना के उत्पादन से जुड़े शोध और विकास को बढ़ावा देने के लिए खाद्य संस्थान की स्थापना भी की जाएगी।
यह कदम न सिर्फ बिहार के किसानों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि देशभर में मखाना की मांग बढ़ाने में भी मदद करेगा।
मखाना एक महत्वपूर्ण पारंपरिक उत्पाद है और इसके उत्पादन को बढ़ावा देने से ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
उच्च पैदावार वाले बीजों के लिए राष्ट्रीय अभियान सरकार ने उच्च पैदावार वाले बीजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की है।
इस अभियान के तहत, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, जो उनकी उपज को बढ़ाने में मदद करेंगे। इस अभियान से किसानों को बीजों की अधिकतम किस्मों तक पहुंच मिलेगी, और वे अपनी फसल की पैदावार में वृद्धि कर सकेंगे।
सरकार का यह कदम कृषि उत्पादन को बढ़ाने और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अभियान के माध्यम से, कृषि क्षेत्र में नए और अधिक स्थिर बीज विकसित किए जाएंगे, जो किसानों के लिए लाभकारी साबित होंगे।
दूसरे जीन बैंक की स्थापना देश में 10 लाख से अधिक नए बीजों की प्रजातियों को सुरक्षित रखने और उनके अध्ययन के लिए दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा। यह जीन बैंक कृषि क्षेत्र में जैविक विविधता को संरक्षित करने में मदद करेगा और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।
जीन बैंक में एकत्रित बीजों की प्रजातियों को सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि भविष्य में इन्हें पुनः उपयोग किया जा सके। यह कदम भविष्य में कृषि की स्थिरता और सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा और किसानों के लिए बेहतर कृषि उत्पादन की संभावनाओं को बढ़ाएगा।
कपास उत्पादकता बढ़ाने का अभियान सरकार अगले पांच वर्षों तक कपास की पैदावार में सुधार के लिए एक विशेष अभियान चलाएगी। इस अभियान के तहत, किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक, और सिंचाई सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
सरकार का उद्देश्य कपास की उत्पादकता को बढ़ाकर किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस अभियान से देश में कपास की उत्पादन दर में बढ़ोतरी होगी, और इसके साथ ही कपास के व्यापार से जुड़े उद्योगों में भी तेजी आएगी।
असम में उर्वरक संयंत्र असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता का एक नया उर्वरक संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे किसानों को सस्ते और पर्याप्त उर्वरक मिल सकेंगे।
यह संयंत्र राज्य के किसानों को उर्वरकों की कमी से राहत दिलाएगा, और इसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। इसके अलावा, इस संयंत्र से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा, क्योंकि यह रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
समुद्री मत्स्य पालन को बढ़ावा (अंडमान-निकोबार) और लक्षद्वीप में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार विशेष दीर्घकालिक योजना बनाएगी।
इस योजना के तहत, मछुआरों को नई तकनीकों और संसाधनों के साथ सहायता दी जाएगी, ताकि वे समुद्री मत्स्य पालन से अधिक लाभ उठा सकें। इससे इन क्षेत्रों के मछुआरों की आय में वृद्धि होगी, और देश की मछली उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी।