एक्सटेंडेड ऑपरेशन ग्रीन्स स्कीम से आएगी खुशहाली

By: MeriKheti
Published on: 04-Jul-2020

खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री श्रामेश्वर तेली ने कहा है कि पीएम एफएमई (सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का पीएम औपचारिककरण एक्सटेंडेड ऑपरेशन) स्कीम जैविक खाद्य उत्पादन का लाभ उठायेगी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को इससे भारी लाभ प्राप्त होगा। श्री तेली ने ‘सपनों की उड़ान‘ के वर्चुअल लॉन्‍च को संबोधित करते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 55 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है तथा यह क्षेत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जो कोविड-19 संकट के दौरान अपने गांव  और घरों में लौट आएं हैं। श्री तेली ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य असंगठित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मुख्यधारा से जोड़ना है। श्री रामेश्वर तेली ने आगे यह भी कहा कि इस स्कीम के तहत फलों एवं सब्जियों के क्लस्टरों में वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, विपणन एवं ब्रांडिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने यह भी सूचित किया कि यह स्कीम पूर्वोत्तर, महिलाओं, एससी, एसटी एवं आकांक्षी जिलों पर फोकस करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र अपने जैविक उत्पादों के लिए विख्यात है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अनानास, केला, हल्दी, अदरक, संतरे, काला चावल, बांस और अन्य उत्पाद बहुतायत से पाए जाते हैं। श्री तेली ने कहा कि कृषि ऊपजों का प्रसंस्करण बढ़ाये जाने की आवश्यकता है जिसे आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई नई योजनाओं की सहायता से किया जा सकता है। इस योजना का विवरण देते हुए श्री तेली ने बताया कि एक्सटेंडेड ऑपरेशन ग्रीन्स स्कीम के तहत अब फलों एवं सब्जियों की सभी किस्मों को शामिल कर लिया गया है। यह योजना मूल्य स्थिरता और किसानों को उचित मूल्य प्राप्त होने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत फलों एवं सब्जियों की माल ढुलाई के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने यह कहते हुए समापन किया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की दोनों ही योजनाएं रोजगार सृजन में उल्लेखनीय योगदान देंगी, कृषि ऊपजों के अपशिष्ट को कम करेगी, सूक्ष्म इकाइयों का औपचारिककरण करेंगी और किसानों को उचित लाभ उपलब्ध कराएंगी।

श्रेणी