ठंड़ और पाले की वजह से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा मांगने के लिए हरियाणा के किसान दे रहे धरना

By: MeriKheti
Published on: 28-Jan-2023

भारत की विभिन्न जगहों पर ठंड एवं पाला वर्तमान स्थिति में भी फसलों को काफी प्रभावित कर रहा है। हरियाणा राज्य के विभिन्न जनपदों में टमाटर, बैंगन, मटर जैसी बाकी फसलों को भी हानि पहुंचा रहा है। कृषि विशेषज्ञों द्वारा खेती किसानी करने वालों को सतर्कता एवं सावधानी बरतने की सलाह देदी है। भारत के विभिन्न स्थानों में फिलहाल भी प्रचंड कड़ाके की सर्दी पड़ी हुई है। हालांकि, कुछ प्रदेशों में विगत थोड़े समय से मौसम में नरमी अवश्य आई है। लेकिन विशेषज्ञों ने बताया है, कि फिलहाल जनवरी का माह चल रहा है। किसान इस धोखे में कतई ना रहें कि ठंड निकल गई हैं। किसानों को फसलों के संरक्षण हेतु सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है। साथ ही, पाले से संरक्षण हेतु आवश्यक इंतजाम करते रहें। वहीं, जिन राज्यों में पाले का असर फिलहाल भी देखने को मिल रहा है। पाले के आक्रमण से फसलों की जान खतरे में आनी आरंभ हो गई है।

हरियाणा राज्य में बागवानी फसलों को काफी हानि

हरियाणा के रोहतक में निरंतर पड़ रहे पाले का असर फसलों पर देखने को मिल रहा है। एकमात्र कनीना में ही लगभग 52 एकड़ में उत्पादित की जाने वाली टमाटर की फसल को 60 से 90 फीसद तक हानि होने की आशंका व्यक्त की है। यहां 15 से 18 जनवरी माह तक भयंकर पाला पड़ा है। इसका प्रभाव फिलहाल टमाटर, बैंगन, आलू, मटर एवं बेल वाली सब्जियों पर दिखाई दे रहा है। यह सब्जियां आहिस्ते-आहिस्ते सूखती जा रही हैं। इसके अतिरिक्त हिसार में मटर, आलू, टमाटर की लगभग 300 एकड़ फसल पाले से प्रभावित हुई है। किसानों ने राज्य सरकार से आर्थिक सहायता की मांग व्यक्त की है। किसानों ने बताया है, कि सर्दी और पाले की वजह से मटर व टमाटर की फसल की उन्नति एवं प्रगति थम गई। इससे टमाटर की फसल उत्पादन में भारी कमी आएगी। ये भी देखें: टमाटर की इन किस्मों की खेती से किसान हो सकते हैं मालामाल, जानें टमाटर की खेती की पूरी विधि

केवल इस फसल के लिए ठंड़ लाभकारी साबित होती है

विशेषज्ञों के बताने के अनुसार, ज्यादा सर्दी का फायदा सामान्यतः गेहूं की फसल पर अधिक देखने को मिलता है। गेहूं की फसल इस मौसम में तीव्रता से विकास करती है। वहीं, सर्दी अगर साधारण है, तब यह टमाटर, आलू, सरसों, मटर सहित समस्त फसलों हेतु लाभकारी भूमिका निभाती है। इस मौसम के अंदर बेहतरीन उत्पादन भी हो जाता है। परंतु, पाला अत्यधिक पड़ने की स्थिति में सब्जी, बागवानी फसलों को ज्यादा हानि होती है।

किसान अपनी फसल की सुरक्षा हेतु सतर्क और सावधान रहें

पाले से फसलों को बाचव के लिए लो टनल, शेड नेट, सरकंडे का उपयोग कर सकते हैं। फसलों व सब्जियों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। खेत के उत्तर-पश्चिम छोर पर रात के समय थोड़ा धुआं कर देना चाहिए। सांद्र गंधक का अम्ल 0.1 फीसद मतलब 1 मिलीलीटर 1 लीटर जल के अंदर इसके अतिरिक्त घुलन-शील गंधक 0.2 फीसद 2 ग्राम प्रति लीटर जल में अथवा थायो यूरिया (Urea) 500 पीपीएम 0.5 ग्राम प्रति लीटर जल में का घोल बनाकर छिड़काव कर देना चाहिए। अगर ठंड़ और पाला ज्यादा समय तक बना रहे, तो छिड़काव प्रत्येक 15 दिन के अंदर करना काफी जरूरी है।

फसलों में हुए नुकसान को लेकर हरियाणा के किसान सड़कों पर

फसल को सर्दी और पाले से हुए भारी नुकसान से परेशान किसानों ने हरियाणा सरकार से फसल का मुआवजा देने के लिए धरना प्रदर्शन किया है। भारत के किसान विगत साल से कई सारी प्राकृतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अब अत्यधिक ठंड़ और पाले की वजह से किसानों की विभिन्न फसलें प्रभावित हो चुकी हैं। इसलिए किसान निराशा की स्थिति में सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

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