गेहलोत सरकार लाखों का अनुदान देकर अनाज प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करेगी

गेहलोत सरकार लाखों का अनुदान देकर अनाज प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करेगी

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राजस्थान मिलेट प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत राज्य की 100 मिलेट प्रोसेसिंग इकाइयों को कुल खर्च का 50% फीसद वहीं बाकी समस्त इकाईयों को 25% फीसद सब्सिडी उपलब्ध कराने की योजना है। आवेदन करने की प्रक्रिया भी बेहद सुगम है। वर्ष 2023 में सारा विश्व अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जाना है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मोटे अनाजों की पैदावार को बढ़ाके इसको लोगों के भोजन में स्थापित करना है। इस उद्देश्य के चलते मिलेट (Millet) की फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारों द्वारा भी मिलेट के स्टार्ट अप, व्यवसाय एवं प्रोसेसिंग इकाइयों को प्रोत्साहन प्रदान कर रही हैं।

इन इकाईयों के अंतर्गत मोटे अनाजों से विभिन्न खाद्य उत्पाद निर्मित किये जाते हैं। बहुत सारे लोगों के लिए सीधे मोटे अनाजों का उपभोग करना सुगम नहीं होता है। परंतु, मिलेट्स द्वारा निर्मित स्नैक्स को आहार में लेना काफी सुलभ होता है। यह मिलेट्स के उपभोग में वृद्धि करने का सर्वाधिक कारगर उपाय होता है। इसी वजह से मिलेट की प्रोसेसिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी क्रम के बीच में राजस्थान सरकार के जरिए राजस्थान मिलेट प्रोत्साहन योजना भी जारी की गई है, जिसके अंतर्गत 25 से 50% फीसद अनुदान का प्रावधान होता है।

मिलेट प्रसंस्करण हेतु अनुदान प्रदान किया जाएगा

राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के अंतर्गत राज्य में 100 प्रसंस्करण इकाईयों को खर्च का 50% प्रतिशत सब्सिडी मतलब अधिकतम धनराशि 40 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, बाकी बची प्रोसेसिंग इकाइयों को कुल खर्च पर 25% प्रतिशत सब्सिडी मतलब कि 50 लाख रुपये प्राप्त होंगे। अगर आप भी मिलेट्स के उत्पाद निर्मित करते हैं अथवा इसकी प्रोसेसिंग इकाई को स्थापित करने की सोच रहे हैं। तो आपको rajkisan.rajasthan.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा।

मिलेट प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है

राजस्थान सरकार की मिलेट प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रदेश में बाजरा, ज्वार जैसे अन्य दूसरे छोटे अनाजों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने एवं प्रसंस्करण के माध्यम से राज्य को मिलेट हब के रूप में विकसित करने की तैयारी है। इस योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये के खर्च से आगामी वर्षों में 15 लाख कृषकों को लाभ पहुँचाने की तैयारी है। इसमें से अनुमानित 10 लाख लघु और सीमांत किसानों को 25 करोड़ रुपये की लागत से उन्नत किस्मों के बीजों की निशुल्क मिनी किट एवं 2 लाख कृषकों को 20 करोड़ के खर्च से सूक्ष्म पोषक तत्व एवं कीटनाशकों की किट छूट पर उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इसी योजना के अंतर्गत प्रथम 100 प्रोसेसिंग यूनिट हेतु 40 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रवाधान है।

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जीरा और ईसबगोल हेतु भी करोड़ों की सब्सिडी देगी सरकार

राजस्थान सरकार के नवीन निर्देशों के अनुसार, राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन के अंतर्गत जोधपुर संभाग में जीरो एवं ईसबगोल के निर्यात आधारित 100 प्रोसेसिंग इकाईयों को कुल लागत पर 50% फीसद सब्सिड़ी मतलब कि अधिकतम 2 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता का प्रावाधान है। इसके अतिरिक्त, , झालावाड़ में संतरे की, जयपुर में टमाटर और आंवले की, कोटा, वारां, प्रतापगढ़ और चित्तौडगढ़ में लहसुन की बाड़मेर और जालोर में अनार की अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर में सरसों की प्रसंस्करण इकाई के निर्माण हेतु भी 50% प्रतिशत अनुदान अथवा अधिकतम 2 करोड़ रुपये की सब्सिड़ी देने की योजना है।

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