पहले सब्जी, मसाले और अब गेंहू की कीमतों में आया उछाल

पहले सब्जी, मसाले और अब गेंहू की कीमतों में आए उछाल से सरकार की बढ़ी चिंता

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आपकी जानकारी के लिए बतादें कि सब्जी, मसाले और चावल के साथ-साथ अब मध्य प्रदेश के इंदौर में गेहूं की कीमतें मंगलवार को 1.5 फीसदी बढ़कर 25,446 रुपये (307.33 डॉलर) प्रति मीट्रिक टन हो गईं, जो 10 फरवरी के बाद सबसे अधिक है। विगत चार महीनों में कीमतें तकरीबन 18 प्रतिशत बढ़ी हैं।

चावल की कीमतें देश में सातवें आसमान पर हैं। कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने चावल की कुछ किस्मों के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब महंगाई की मार गेहूं पर भी पड़ती नजर आ रही है। भारत में गेहूं के भाव 6 महीने के हाई पर पहुंच गए हैं। डीलर्स के मुताबिक, सीमित सप्लाई और त्योहारी सीजन से पहले ज्यादा मांग की वजह से मंगलवार को भारतीय गेहूं की कीमतें छह महीने के हाई पर पहुंच गईं हैं। बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अनाज पर इंपोर्ट ड्यूटी को समाप्त करने जैसा निर्णय शीघ्र ले सकती है।

गेंहू की बढ़ती कीमतों से चिंतित सरकार

गेहूं की बढ़ती कीमतें फूड इंफ्लेशन को बढ़ा सकती है। साथ ही महंगाई को काबू करने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक दोनों के प्रयासों पर पानी फेर सकती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में नई दिल्ली के कारोबारी ने कहा कि सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में किसानों की तरफ से सप्लाई तकरीबन रुक गई है। आटा मिलें बाजार में सप्लाई की प्रतीक्षा कर रही हैं।

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जानें 4 महीने में कितने फीसद बढ़े भाव

मध्य प्रदेश के इंदौर में गेहूं की कीमतें मंगलवार को 1.5 फीसदी बढ़कर 25,446 रुपये (307.33 डॉलर) प्रति मीट्रिक टन हो गईं, जो 10 फरवरी के बाद सबसे अधिक है। बीते चार महीनों के अंदर कीमतें तकरीबन 18 फीसदी बढ़ी हैं। मुंबई बेस्ड डीलर ने कहा कि त्योहारी सीजन के चलते संभावित कमी से बचने के लिए सरकार को अपने गोदामों से भंडारण को ओपन मार्केट के लिए जारी करना चाहिए। 1 अगस्त तक, सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 28.3 मिलियन मीट्रिक टन था, जो एक साल पहले 26.6 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक है।

आयात शुल्क समाप्त करने की संभावना

डीलर के मुताबिक कीमतें कम करने के लिए इंपोर्ट काफी आवश्यक हो गया है। सरकार इंपोर्ट के बिना सप्लाई बढ़ा ही नहीं सकती। फूड मिनिस्ट्री के सबसे सीनियर सिविल सर्वेंट संजीव चोपड़ा ने विगत सप्ताह कहा था कि भारत गेहूं पर 40 फीसदी इंपोर्ट टैक्स में कटौती करने अथवा इसे खत्म करने और मिल मालिकों और व्यापारियों द्वारा रखे जाने वाले गेहूं के स्टॉक की मात्रा की हद कम करने पर विचार-विमर्श कर रहा है।

भारत में गेहूं की वार्षिक खपत

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, 2023 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर रिकॉर्ड 112.74 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो एक साल पहले 107.7 मिलियन मीट्रिक टन था। भारत में वार्षिक लगभग 108 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं की खपत की जाती है। परंतु, एक प्रमुख व्यापारिक संस्था ने जून में रॉयटर्स को बताया कि 2023 में भारत की गेहूं की फसल कृषि मंत्रालय के अनुमान से कम से कम 10 प्रतिशत कम देखने को मिली थी।

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