किसान भाई ध्यान दें, खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए नई एडवाइजरी जारी - Meri Kheti

किसान भाई ध्यान दें, खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए नई एडवाइजरी जारी

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नई दिल्ली।
खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए नई एडवाइजरी जारी हो गई है। किसान भाई ध्यान से इस नई एडवाइजरी के बारे में विस्तार से जानें.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को चारे और सब्जियों की फसल की अच्छी खेती को लेकर एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के अनुसार यह समय चारे की फसल ज्वार की बुवाई के लिए उपयुक्त है।

खेत में पर्याप्त नमी को ध्यान में रखते हुए किसान पूसा चरी-9, पूसा चरी-6 या अन्य सकंर किस्मों की बुवाई तत्काल शुरू कर सकते है। इसके बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर 40 किलोग्राम से 42 किलोमग्राम तक होनी चाहिए।

लोबिया की बुवाई का भी यह ठीक समय है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस मौसम में किसान खरीफ प्याज, सेम, पालक, लोबिया, भिंडी, चौलाई आदि सब्जियों की बुवाई कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि खेत में पर्याप्त नमी रहे। इसके साथ ही बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें, ताकि नकली बीज होने की गुंजाइश कम हो।

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कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो कद्दूवर्गीय सब्जियों की वर्षाकालीन फसल की बुवाई शुरू हो जानी चाहिए। लौकी की उन्नत किस्में पूसा नवीन और पूसा समृद्वि हैं। सीताफल की पूसा विश्वास, करेला की पूसा विशेष, पूसा दो मौसमी, पूसा विकास, तुरई की पूसा चिकनी धारीदार, पूसा नसदार तथा खीरा की पूसा उदय, पूसा बरखा आदि किस्मों की बुवाई शुरू कर सकते हैं। हालांकि यह ध्यान रहे कि मिट्टी ऐसी हो जिसमें बीज का जमाव बेहतर ढंग से हो सके।

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बाग लगाने वाले गड्ढ़ों में गोबर की खाद डालें

– जिन गड्ढ़ों में फसल उगाने की तैयारी चल रही है। उनमें गोबर की खाद जरूर डालें, ताकि दीमक तथा सफेद लट से बचा जा सके। गोबर की सड़ी-गली खाद के प्रयोग करने से भूमि जल धारण और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। मिट्टी जांच के बाद उर्वरकों की संतुलित मात्रा का उपयोग करें।

पोटाश की मात्रा जरूर बढ़ाएं

इन फसलों को पानी की आवश्यकता होती है। फसल में पानी की कमी और सूखा से लड़ने के लिए पोटाश (Potash) की मात्रा अधिक होनी चाहिए। वर्षा आधारित एवं बारानी क्षेत्रों में भूमि में नमी के लिए पलवार का प्रयोग करना लाभदायक होगा।

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बारिश की आशंका को देखते हुए सभी किसानों को सलाह दी जाती है कि फसलों पर किसी प्रकार का छिड़काव न करें। साथ ही खड़ी फसलों व सब्जियों एवं नर्सररियों में उचित प्रबंध करें।

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लोकेन्द्र नरवार

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