Kharif Tips: बारिश में घर-बागान-खेत में उगाएं ये फसल-साग-सब्जी, यूं करें बचत व आय में बढ़ोतरी

By: MeriKheti
Published on: 20-Jul-2022

इसे प्रकृति का मानसून ऑफर समझिये और अपने घर, बगिया, खेत में लगाएं मानसून की वो फसल साग-सब्जी, जिनसे न केवल घरेलू खर्च में हो कटौती, बल्कि खेत में लगाने से सुनिश्चित हो सके आय में बढ़ोतरी। लेकिन यह जान लीजिये, ऐसा सिर्फ सही समय पर सही निर्णय, चुनाव और कुशल मेहनत से संभव है। घर की रसोई, छत की बात करें, इससे पहले जान लेते हैं मानसून की फसल यानी खरीफ क्रॉप में मुख्य फसलों के बारे में। खरीफ की यदि कोई मुख्य फसल है तो वह है धान

धान के उन्नत परंपरागत बीज मुफ्त प्रदान करने वाले केंद्र के बारे में जानिये

(Paddy Farming: किसानों को इस फार्म से मुफ्त में मिलते हैं पांरपरिक धान के दुर्लभ बीज) जबलपुर निवासी, अनुभवी एवं प्रगतिशील युवा किसान ऋषिकेश मिश्रा बताते हैं कि, बारिश के सीजन में धान की रोपाई के लिए अनुकूल समय, बीज, रोपण के तरीके के साथ ही सिंचन के विकल्पों का होना जरूरी है।

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धान (dhaan) के लिए जरूरी टिप्स (Tips for Paddy)

खरीफ क्रॉप टिप्स (Kharif Crop Tips) की बात करें, तो वे बताते हैं कि शुरुआत में ही सारी जानकारी जुटा लें, जैसे खेत में ट्रैक्टर, नलकूप आदि के साथ ही कटाई आदि के लिए पूर्व से मजदूरों को जुटाना, लाभ हासिल करने का बेहतर तरीका है। समय पर डीएपी, यूरिया, सुपर फास्फेट, जिंक, पोटास आदि का प्रयोग लाभ कारी है। धान की प्रजाति की किस्म का चुनाव भी बहुत सावधानी से करना चाहिए।

ये भी पढ़ें: स्वर्ण शक्ति: धान की यह किस्म किसानों की तकदीर बदल देगी ऋषिकेश बताते हैं कि, एक एकड़ के खेत में बोवनी से लेकर कटाई की मजदूरी, बिजली, पानी, ट्रैक्टर, डीजल आदि पर आने वाले खर्चों को मिलाकर, जुलाई से नवंबर तक के 4 से 5 महीनों के लगभग 23 से 24 हजार रुपये के कृषि निवेश से, औसतन 22 क्विंटल धान पैदा हो सकता है। मंडी में इसका समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल था। ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रति एकड़ पर 20 से 21 हजार रुपये की कमाई हो सकती है। खरीफ सीजन की मेन क्रॉप धान की रोपाई वैसे तो हर हाल में जुलाई में पूर्ण कर लेना चाहिए, लेकिन लेट मानसून होने पर इसके लिए देरी भी की जा सकती है बशर्ते जरूरत पड़ने पर सिंचाई का पर्याप्त प्रबंध हो।

ये भी पढ़ें: तर वत्तर सीधी बिजाई धान : भूजल-पर्यावरण संरक्षण व खेती लागत बचत का वरदान (Direct paddy plantation) कृषि के जानकारों की राय में, धान की खेती (Paddy Farming) में यूरिया (नाइट्रोजन) की पहली तिहाई मात्रा को रोपाई के 58 दिन बाद प्रयोग करना चाहिए।

खरीफ कटाई का वक्त

जून-जुलाई में बोने के बाद, अक्टूबर के आसपास काटी जाने वाली फसलें खरीफ सीजन की फसलें कही जाती हैं। जिनको बोते समय अधिक तापमान और आर्द्रता के अलावा परिपक़्व होने, यानी पकते समय शुष्क वातावरण की जरूरत होती है।

घर और खेत के लिए सब्जियों के विकल्प

खरीफ की प्रमुख सब्जियों की बात करें तो भिंडी, टिंडा, तोरई/गिलकी, करेला, खीरा, लौकी, कद्दू, ग्वार फली, चौला फली के साथ ही घीया इसमें शामिल हैं। इन बेलदार सब्जियों के पौधे घर की रसोई, दीवार से लेकर छत पर लगाकर महंगी सब्जियां खरीदने के खर्च में कटौती करने के साथ ही सेहत का ख्याल रखा जा सकता है।

ये भी पढ़ें: बारिश में लगाएंगे यह सब्जियां तो होगा तगड़ा उत्पादन, मिलेगा दमदार मुनाफा वहीं किसान खेत के छोटे हिस्से में भिंडी, तोरई, कद्दू, करेला, खीरा, लौकी, के साथ ही फलीदार सब्जियों जैसे ग्वार फली लगाकर एक से सवा माह की इन सब्जियों से बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं।

साग-सब्जी टिप्स

घर में पानी की बोतल, छोटे मिट्टी, प्लास्टिक, धातु के बर्तनों में मिट्टी के जरिये जहां इन सब्जियों की बेलों को आकार दिया जा सकता है, वहीं खेत में मिश्रित खेती के तरीके से थोड़े, थोड़े अंतर पर रसोई के लिए अनिवार्य धनिया, अदरक जैसी जरूरी चीजें भी उगा सकते हैं। घरेलू उपयोग का धनिया तो इन दिनों घरों में भी लगाना एक तरह से नया ट्रेंड बनता जा रहा है।

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