कीड़ाजड़ी की खेती से किसान बन सकते हैं करोड़पति, जानिए कैसे होती है खेती

By: MeriKheti
Published on: 20-Feb-2023

उत्तराखंड से लेकर लद्दाख, चीन भूटान और नेपाल जैसे इलाकों में कीड़ाजड़ी (keedajadi or caterpillar fungus; Ophiocordyceps sinensis) पाया जाता है. मई से जुलाई के बीच का समय इनकी पैदावार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. हम ऐसे देश का हिस्सा हैं जहां की धरती को संजीवनी धरती कहा जाता है. यहां पर नेचुरल औषधी और जड़ी बूटियों की भरमार है. यहां पर कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जिनकी मदद से गंभीर से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है जिनमें से एक है कीड़ा जड़ी. भारत में कीड़ाजड़ी का उत्पादन औषधी के रूप में किया जाता है जिसकी डिमांड पूरी दुनिया में है. वहीं इसकी बिक्री की बात करें, जो काफी ज्यादा होती है. सोने से भी महंगा बिकने वाली कीड़ा जड़ी को सुखाकर बाजार में करीब 50 से 60 लाख रुपये किलो तक में बेचा जाता है. इसे दुनिया की सबसे महंगी जड़ी माना जाता है. कीड़ाजड़ी से लोग लाखों रुपये कमा सकते हैं. इससे जुड़े कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं. अपने अनगिनत गुणों की वजह से ये पूरी दुनिया भर में फेमस है. बता दें जब हिमालय की बर्फ पिघलती है तो नेपाल के सैंकड़ों ग्रामीण चोटी से इस जड़ी बूटी को इकट्ठा करते हैं और साफ़ करके रख लेते हैं. ऐसे में अगर आप भी कीड़ा जड़ी की खेती करके मालामाल होने के बारे में सोच रहे हैं, तो इससे जुड़ी ये जानकारियां आपके काफी काम आ सकती हैं.

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कीड़ाजड़ी की खेती के बारे में (About wormwood cultivation)

कीड़ा जड़ी एक फफूंद है, जो सबसे ज्यादा पहाड़ों की चोटियों में पाया जाता है. यह उस जगह पर मिलता है, जहां पर पेड़ पौधे उगना बंद हो जाते है. मई से लेकर जुलाई तक के महीने के बेच में बर्फ पिघलने के समय इसकी पैदावार हिमालय के साथ साथ उत्तराखंड, लद्दाख, चीन, भूटान और नेपाल जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा होती है. कीड़ा जड़ी एक खास तरह की जड़ी बूटी है, जिसकी खेती हर जगह करनी संभव नहीं है. इस जड़ी बूटी के लिए सबसे अच्छा महिना जून से लेकर अगस्त के बीच का होता है. लेकिन इसे नियंत्रित वातावरण में ग्रीन हाउस के अंदर विकसित किया जा सकता है. सिर्फ सेहत के लिहाज से ही नहीं बल्कि यह पहाड़ियों की आमदनी का अच्छा खासा जरिया है. इसकी महंगाई की वजह से इसे बेचना काफी मुश्किल होता है. ज्यादातर हिमालयी इलाकों में लोग इसकी तस्करी भी करते हैं.

क्या है कीड़ाजड़ी ?

आसान शब्दों में समझा जाए तो इसे एक तरह का जंगली मशरूम कहा जा सकता है, जो कैटरपिलर्स को मारकर उसी के ऊपर पनपना शुरू कर देता है. ये आधा कीड़ा होता है, इसलिए इसे कीड़ा जड़ी कहा जाता है.इसका साइंटिफिक नाम कॉॢडसेप्स साइनेसिस (cordyceps sinensis) है.

10 बाई 10 के कमरे में करें खेती

आजकल के किसान खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. जो उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. लाखों की कमीत वाला कीड़ा जड़ी की खेती अगर आप भी करना चाहते हैं, तो उसके लिए 10 बाई 10 का कमरा ही काफी है. लेकिन इसके लिए आपको कमरा एक आधुनिक लैब में बदलना होगा. जिसमें आपकी मदद संबंधित कृषि विशेषज्ञ कर सकता है.

कैसा हो लैब का वातावरण?

कीड़ा जड़ी की कहती के लिए लैब में ठीक वैसा ही वातावरण होना चाहिए, जैसा हिमायत की घाटियों में होता है. इसके लिए बेसिक इक्विपमेंट की जरूरत पड़ती है. इसके लिए 7 से 8 लाख रुपये तक का खर्च हो सकता है. जिसके करीब तीन महीने के अंदर कीड़ा जड़ी की फसल तैयार हो जाती है. पहली फसल 5 किलो तक होती है. जिसकी बाजार में कीमत लगभग 8 से 9 लाख रुपये तक हो सकती है. इस तरह आप साल भर में चार बार कीड़ा जड़ी की फसल को तैयार कर सकते हैं. जो एक साल में लगभग 60 लाख तक का मुनाफा दे सकती है.

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क्या है कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल?

वैसे तो कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल अलग अलग तरीके से किया जा सकता है. वो क्या है ये जान लेते हैं.
  • कीड़ा जड़ी ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है.
  • सांस लेने की तकलीफ को कीड़ा जड़ी दूर करता है.
  • कीड़ा जड़ी से किडनी या लीवर से जुड़ी समस्या नहीं होती.
  • शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बनाए रखने में कीड़ा जड़ी कारगर है.
  • पुरुष और महिलाओं में प्रजनन क्षमता और स्पर्म काउंट बढ़ाने में कीड़ा जड़ी मदद करती है.
  • इम्यून सिस्टम को अच्छा रखने के लिए कीड़ा जड़ी फायदेमंद है.
  • कीड़ा जड़ी से खून और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है.

कैसे करें कीड़ा जड़ी की पहचान?

काफी लोग हैं जो कीड़ा जड़ी की पहचान नहीं कर पाते. अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो बता दें कि कीड़ा जड़ी एक कीड़े की तरह होता है. जब वो उगता है तो हरे रंग का होता है. जो खुरदुरा होता है. इसके अलावा वो कई जगह से नुकीला होता है. इसे छीलकर खाया जाता है. इसे चूर्ण उया पाउडर के रूप में भी तैयार किया जाता है.

कीड़ा जड़ी की प्रजातियां

पूरी दुनियाभर में कीड़ा जड़ी की कुल 680 प्रजातियां हैं. जिसमें से डसेप्स मिलिट्रि का उत्पादन कई देशों में सबसे ज्यादा किया जाता है. इंटरनेशन मार्केट में इसकी काफी ज्यादा डिमांड है. इससे चाय, कैप्सूल और पाउडर तैयार किया जाता है.

गुणों से भरपूर कीड़ा जड़ी

कीड़ा जड़ी में कई पोषक तत्वों के अलावा प्रोटीन, पेपटाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन बी 1, बी 2 और बी 12 भी मौजूद होते हैं. किडनी का इलाज करने हो एनर्जी को बढ़ाना हो, हर मामले में कीड़ा जड़ी जीवन रक्षक की तरह काम करता है.

कैसे खाएं कीड़ा जड़ी

कीड़ा जड़ी को खाने का काफी आसान तरीका है. एक समान्य व्यक्ति कीड़ा जड़ी की एक बार  में लगभग 0.3 से 0.7 ग्राम के बीच में खा सकता है. इसका सेवन रोजाना किया जा सकता है. इसे खाने का तरीका कैसा होना चाहिए, ये जान लेते हैं.
  • कीड़ा जड़ी का सेवन गर्म पानी में घोलकर किया जा सकता है.
  • अगर अप चाहें तो कीड़ा जड़ी के चूर्ण को दूध में मिलाकर पी सकते हैं.
  • आप चाहें तो इसे ऐसे ही जड़ी बूटी के रूप में खा सकते हैं.
  • अगर दूध नहीं तो किसी भी तरह के पेय में मिलाकर कीड़ा जड़ी का सेवन कर सकते हैं.
लाजवाब औषधीय गुणों से भरपूर कीड़ा जड़ी की कीमत लाखों में है. इसके इंटरनेशल बाजार की बात करें तो इसकी कीमत 20 से 25 लाख रुपये तक हो सकती है. इसकी खेती करने के लिए आप जितनी लागत लगाएंगे उससे कहीं गुना ज्यादा मुनाफा आपको मालामाल कर सकता है.

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