जानें किस प्रकार किसान भाई पौधों में पोषक तत्वों की कमी का पता लगा सकते हैं

जानें किस प्रकार किसान भाई पौधों में पोषक तत्वों की कमी का पता लगा सकते हैं

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पौधों में भी आम इंसान की ही भांति पोषक तत्वों की कमी होती रहती है, जिसको पूरा करने के लिए उन्हें भी बाहरी पोषक तत्वों पर आश्रित रहना पड़ता है। परंतु, समस्या तब होती है, जब हम उनमें किस पोषक तत्व का अभाव है यह समझ ही नहीं पाते हैं। चलिए आज हम आपको यही बताते हैं, कि आप कैसे किसी पौधे में इसकी पहचान कर सकते हैं।

एक फलते-फूलते बगीचे अथवा सफल फसल के लिए स्वस्थ पौधे जरूरी हैं। पोषक तत्वों की कमी पौधों की उन्नति एवं वृद्धि को प्रभावित कर सकता है, जिससे बढ़वार रुक जाती है। वहीं, पत्तियां भी पीली पड़ जाती हैं एवं फल अथवा फूल का उत्पादन खराब हो जाता है। हम आपको आज पौधों में किस तत्व की कब कमी हो रही है इसके विषय में जानकारी प्रदान करेंगे। पौधों को अपनी बढ़वार एवं विकास के लिए बहुत सारे आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन पोषक तत्वों को मोटे रूप में दो समूहों में विभाजित किया जा सकता है। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स।

मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients)

पौधों को मैक्रोन्युट्रिएंट्स की भरपूर मात्रा में आवश्यकता होती है और इसमें नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटेशियम (K), कैल्शियम (CA), मैग्नीशियम (MG), और सल्फर (S) शम्मिलित हैं।

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सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients)

सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता कम मात्रा में होती है और इसमें आयरन (Fe), मैंगनीज (Mn), जिंक (Zn), तांबा (Cu), बोरान (B), मोलिब्डेनम (Mo), एवं क्लोरीन (Cl) शम्मिलित हैं।

पोषक तत्वों की कमी के लक्षणों को पहचानना

पोषक तत्वों की कमी सामान्यतः पौधों की पत्तियों, तनों एवं उनकी वृद्धि में उनके लक्षणों के आधार पर दिखाई देती है। बतादें, कि हम आपको कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर यह जानकारी देंगे कि किस प्रकार आप किसी पौधे में किस तत्व की कमी को पहचान पाऐंगे।

नाइट्रोजन (N) की कमी: पुरानी पत्तियों का पीला पड़ना (क्लोरोसिस) जो सिरों से शुरू होकर अंदर की तरफ फैलता है, विकास रुक जाता है।

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फास्फोरस (P) की कमी: लाल-बैंगनी रंग के साथ-साथ गहरे हरे पत्ते, पुरानी पत्तियां नीली-हरी अथवा भूरी हो सकती हैं और मुड़ सकती हैं।

पोटेशियम (K) की कमी: पत्तियों के किनारों और सिरों का पीला या भूरा होना, तने कमजोर होना।

आयरन (Fe) की कमी: नई पत्तियों पर इंटरवेनल क्लोरोसिस (नसों के बीच पीलापन), पत्तियां सफेद अथवा पीली हो सकती हैं।

मैग्नीशियम (Mg) की कमी: पुरानी पत्तियों पर इंटरवेनल क्लोरोसिस, पत्तियां लाल-बैंगनी अथवा मुड़ी हुई हो सकती हैं।

कैल्शियम (Ca) की कमी: नई पत्तियाँ विकृत हो सकती हैं और सिरे वापस मर सकते हैं, फलों में फूल के सिरे सड़ सकते हैं।

सल्फर (एस) की कमी: नई पत्तियों का पीला पड़ना, रुका हुआ विकास और बीज और फलों का उत्पादन कम होना।

सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी: यह सूक्ष्म पोषक तत्व के आधार पर अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए आयरन के अभाव से इंटरवेनल क्लोरोसिस दिखाई देता है। साथ ही, जिंक की कमी से पत्तियां छोटी और विकृत हो जाती हैं।

यदि आप इन लक्षणों को किसी भी पौधे में देखते हैं तो आप यह बेहद ही सुगमता से पहचान कर सकते हैं, कि उस पौधे में किस पोषक तत्व की कमी है। एक बार लक्षण का पता चल जाए तो आप उसके मुताबिक उसका उपचार बड़ी सुगमता से खोज सकते हैं।

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