जानें केसर से भी महंगे वनीला पौधे से संबंधित जानकारी | Vanilla Cultivation In Hindi

जानें केसर से भी महंगे वनीला पौधे से संबंधित जानकारी

0

भारत देश के प्रत्येक उस हिस्से पर वनीला की खेती आसानी से सकती है। जहां का तापमान मध्यम हो। इसके साथ ही इसकी खेती छायादार हिस्सों पर भी हो सकती है। भारत में कई ऐसे प्रदेश हैं जो इसके खेती के लिए बेहद उपयुक्त हैं।

अब तक हम जानते हैं, कि मसालों में अथवा फिर फ्लेवर युक्त पौधे में केसर सर्वाधिक महंगा होता है। काफी हद तक यह सच्चाई भी है। परंतु, केसर की खेती आप संपूर्ण भारत में नहीं कर सकते हैं। साथ ही, हम जिस पौधे की बात कर रहे हैं, यह विश्व में दूसरा सबसे महंगा फ्लेवर वाला पौधा है। बतादें कि आप इसकी खेती पूरे भारत में कर सकते हैं। इसकी कीमत का अनुमान आप इसी बात से लगाया जा सकता हैं, कि बाजार में ये पौधा 50 हजार रुपये प्रति किलो तक बिकता है। अब ऐसी स्थिति में यदि भारत में किसान इसकी खेती बेहतर ढ़ंग से करें तो वह एक वर्ष में काफी मोटा मुनाफा उठा सकते हैं।

वनीला कैसा होता है

भारत में अधिकांश किसानों को अभी ये भी नहीं पता होगा कि वनीला होता कैसा है। दरअसल, यह बाहर की फसल होती है एवं भारत में इसकी खेती काफी कम की जाती है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग काफी अधिक है। वनीला एक पौधा होता है, जिसमें बीन्स के जैसे फल लगते हैं। वहीं, इसके फूल कैप्सूल की भाँति होते हैं। वनीला के फूलों की सुगंध काफी शानदार होती है। इनके सूख जाने के उपरांत इनका पाउडर बनाया जाता है। उसके उपरांत इसे बाजार में महंगी कीमतों पर बेची जाती है। वनीला में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही, इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण विघमान होते हैं। ऐसा माना जाता है, कि इनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की शक्ति होती है। यह लोगों के शरीर के लिए काफी लाभकारी होते हैं।

ये भी पढ़ें: फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिल रहा 40% प्रतिशत अनुदान

वनीला की खेती किस तरह की जाती है

भारत के अंदर मध्यम तापमान वाली जगह पर वनीला की खेती की जा सकती है। इसके साथ ही इसकी खेती छायादार इलाकों पर भी की जा सकती है। भारत में विभिन्न ऐसे प्रदेश हैं, जो इसकी खेती के लिए काफी अच्छे होते हैं। वहीं जहां अत्यधिक तापमान है, वहां इसकी खेती आप शेड हाउस में काफी आसानी से कर सकते हैं। दरअसल, इसके पौधों की बढ़वार के लिए हल्की रौशनी प्राप्त होती रहनी चाहिए। साथ ही, इसकी खेती के लिए अनुकूल मृदा भुरभुरी होती है एवं इसका पीएच मान 6.5 से 7.5 के मध्य होना चाहिए।

वनीला की बिजाई

वनीला एक बेलदार पौधा है। मतलब कि इसकी लताएं होती हैं, जो कि दूर-दूर तक फैलती हैं। ऐसी स्थिति में वनीला का पौधा स्थापित करने के लिए आपको खेत नें थोड़ी-थोड़ी दूर पर गड्ढे करने होते हैं। फिर इन गड्ढों में वनीला का पौधा लगा देना होता है। पौधरोपण के दौरान इन पौधों में चाहें, तो जैविक खाद भी लगा सकते हैं। जब इसके पौधे बड़े होने शुरू हों और बेल फैलने लग जाए तब उसके बाद आप इनकी लताओं को फैलने के लिए इन्हें तार के साथ बांध सकते हैं। साथ ही, फव्वारा विधि के माध्यम से इनकी सिंचाई कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बतादें, वनीला की फसल 9 से 10 माह में तैयार होती है और इसके तैयार होने के उपरांत 40 से 50 हजार रुपये किलो में बेच सकते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More