गुलाब में लगने वाले ये हैं प्रमुख कीड़े एवं उनसे बचाव के उपाय | Gulab ke rog

गुलाब में लगने वाले ये हैं प्रमुख कीड़े एवं उनसे बचाव के उपाय

0

वैसे तो गुलाब में कई प्रकार के कीड़े लगते हैं जो फूलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन आज हम यहां किसान भाइयों को कुछ प्रमुख प्रकार के कीड़ों के बारे में बताएंगे जो अक्सर गुलाब के फूलों की फसल को नष्ट करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। ये कीड़े गुलाब के पेड़ और गुलाब के फूलों को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं, जिनसे उत्पादन कम होता है और किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ता है।

एफिड या चेंपा:

यह एक विशेष प्रकार का कीड़ा होता है, जो गुलाब की फूलों की फसल पर जनवरी और फरवरी माह में आक्रमण करता है। ये कीड़े सामान्यतः काले रंग के होते हैं, जो गुलाब के फूलों पर या फूलों की कलियों पर चिपके रहते हैं। इस दौरान ये कीड़े फूल का और कलियों का रस चूसते हैं, जिसके कारण फूल और कलियां मुरझाकर पेड़ से गिर जाती हैं। इसके साथ ही फूलों में ढंग से ग्रोथ दिखाई नहीं देती और उनका आकार विकृत हो जाता है।

एफिड या चेंपा कीड़ों ने निपटने के लिए करें ये उपाय

इन कीड़ों ने निपटने के लिए रोगोर या मैलाथियान दवा की 2 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाएं और इसका स्प्रे मशीन की सहायता से छिड़काव करें। इसके अलावा एक मिलीलीटर मेटासिड को एक लीटर पानी में मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।

ये भी देखें: घर की बालकनी को गुलाब के फूलों से महकाने का आसान तरीका

थ्रिप्स:-

यह कीड़ा काले एवं भूरे रंग का होता है। साथ ही इस कीड़े का शिशु कीड़ा लाल रंग का होता है। इसका आक्रमण गुलाब के पेड़ की पत्तियों पर मार्च से नवंबर माह के बीच होता है। इन कीड़ों की वजह से पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। साथ ही पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। पत्तियों के साथ कलियां भी सिकुड़कर गिरने लगती हैं। इसके साथ ही ये कीड़े गुलाब के फूलों को भी भारी नुकसान पहुंचाते हैं।

थ्रिप्स कीड़ों से बचने के उपाय

साबुन के घोल के साथ आधा कप कैरोसीन डालकर स्प्रे मशीन की सहायता से छिड़काव करें। साथ ही रोगोर दवा की 2 मिली मात्रा को 1 लीटर पानी के साथ मिश्रित करके छिडक़ाव करें।

ये भी देखें: पारंपरिक खेती की जगह इस फूल की खेती किसानों को कर सकता है मालामाल

रेड स्केल:

इस कीड़े का प्रकोप जनवरी और फरवरी माह में होता है। यह सामान्यतः पेड़ के तनों पर पाया जाता है और पेड़ के रस को चूसता है, जिससे पेड़ बेजान हो जाता है। यह बेहद हानिकारक कीट तेजी से अपनी संख्या को बढ़ाता है। जिससे इसको कंट्रोल करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।

रेड स्केल कीड़ों से बचने के उपाय

इन कीड़ों से गुलाब की फसल को बचाने के लिए ट्राइजोफॉस 40 ईसी दवाई की एक मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाएं। इस घोल का स्प्रे मशीन की सहायता से छिड़काव करें। इसके अलावा कार्बोरिल का भी छिड़काव किया जा सकता है।

चैपर बीटल:-

ये अलग प्रकार के कीड़े होते हैं जो गुलाब के पेड़ की पत्तियों को खा जाते हैं। जिससे पत्तियों में छेद हो जाते हैं और पत्तियां पेड़ से गिर जाती हैं।

चैपर बीटल से बचने के उपाय

इन कीड़ों से गुलाब के पेड़ को बचाने के लिए 1 मिलीलीटर पेराथियान दवाई को 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

जैसिड्स:-

जैसिड्स कीटों का आक्रमण गुलाब के पेड़ों पर अप्रैल और मई के महीने में होता है। ये कीट पत्तियों पर चिपके रहते हैं और उनका रस चूसते हैं।

ये भी देखें: बारह महीने उपलब्ध रहने वाले इस फूल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे किसान

जैसिड्स से गुलाब की फसल को बचाने के उपाय

जैसिड्स कीटों से गुलाब की फसल को बचाने के लिए कार्बोरिल दवा का छिडकाव कर सकते हैं। इसके साथ ही रोगोर की एक मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

ब्रिसटली रोज स्लग्स:-

अगर इन कीड़ों की बात करें तो इनका आक्रमण फरवरी और मार्च में होता है। ये कीड़े पत्तियों के निचले भाग को खा जाते हैं। जिससे इन्हें तना छेदक, पणऊ कीट या रोज कैटरपिलर कहा जाता है। इन कीड़ों के चार पंख होते हैं।

ब्रिसटली रोज स्लग्स से गुलाब की फसल को बचाने के उपाय

बसंत आगमन से पूर्व पौधों की पत्तियों पर मैलाथियान या कार्बोरिल का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल में कम से कम दो बार करें।

निमेटोड:-

इन कीड़ों का आक्रमण गुलाब के पेड़ में हर मौसम में होता है। ये कीड़े ज्यादातर पेड़ की जड़ों में अटैक करते हैं। जिसे पौधा कमजोर हो जाता है और उसकी ग्रोथ रुक जाती है। पेड़ में फूल नहीं बनते और पत्तियां पीली पड़ जाती है।

निमेटोड से बचाव के उपाय

पौधों की रोपाई से कम से कम 6 सप्ताह पहले फ्यूराडान अथवा निमागोन दवाई का सिंचाई के साथ प्रयोग करें।

कैटरपिलर:-

ये एक प्रकार से भूरे रंग की सुंडियां होती हैं जो पेड़ों की पत्तियों को खा जाती हैं।

ये भी देखें: फूलों की खेती से कमा सकते हैं लाखों में

कैटरपिलर से बचाव के उपाय

हर सप्ताह कार्बोरिल को पानी के साथ मिश्रित करके छिड़काव करें।

रोज मिसीज:-

ये अलग तरह के कीड़े होते हैं जो पेड़ की पत्तियों और कलियों पर अंडे देते हैं, इनका लार्वा पत्तियों और कलियों को खा जाता है। ये पेड़ों के पास भुनगे की तरह उड़ते हैं, इनका रंग मटमैला, पीला या लाल होता है।

रोज मिसीज से बचाव के उपाय

जब गुलाब के फूल खिलने लगें तब कार्बोरिल और मैलाथियान दवा को पानी के साथ मिश्रित करके किड़काव करें।

स्पाइडर माइट्स:-

इन कीड़ों की आक्रमण गुलाब के पेड़ों पर सितंबर से जनवरी के मध्य होता है। लाल रंग के स्पाइडर माइट्स कीड़े पत्तियों के निचले भाग पर रेशमी धागों का जाला बुनते हैं। जिसके कारण पत्ते पीले पड़ जाते हैं और सूखकर झड़ जाते हैं।

स्पाइडर माइट्स से बचाव के उपाय

इथियान की 4 मिलीलीटर मात्रा को एक लीटर पानी में मिलाएं और पौधों पर छिड़काव करें। इसके साथ ही पैराथियान को भी पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More