पराली प्रदूषण से लड़ने के लिए पंजाब और दिल्ली की राज्य सरकार एकजुट हुई

By: MeriKheti
Published on: 20-Sep-2022

पराली आज कल देश की विषम परिस्थिति एवं प्रदुषण का कारण बनी हुई है, शासन प्रशासन दोनों ही इस विषय से चिंतित है। पराली के जलाने से वायु प्रदुषण काफी मात्रा मे बढ़ता जा रहा है जो कई बिमारियों को बुलावा दे रहा है। पंजाब और दिल्ली राज्य सरकार इसको लेकर बेहद सजग है एवं इससे निपटने के लिए कदम से कदम मिलाकर साथ आ गए हैं, जिसकी जानकारी पंजाब राज्य सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल (Kuldeep Singh Dhaliwal) ने दी। धालीवाल जी ने अवगत कराया की राज्य सरकार परस्पर सहमति एवं सहयोग से पराली समस्या (यानी फसल अवशेष or Crop residue) से निजात पाने की दिशा में कार्य करने जा रही है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पे भी निशाना साधते हुए कहा की केंद्र सरकार पूर्व में पराली से निपटने के लिए आर्थिक मदद देने के वादे से मुकर गयी है। दिल्ली राज्य सरकार के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल जी ने भी इस समस्या को गहन विचार विमर्श करते हुए प्राथमिकता दी है, क्यूंकि पराली के जलने के कारण दिल्ली का प्रदूषण काफी हद तक प्रभावित होता है। इससे दिल्ली की जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पूर्व में इस प्रकार के अनुभवों के कारण दिल्ली सरकार इस समस्या को काफी गंभीरता से ले रही है।

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पंजाब व दिल्ली सरकार किसानो के लिए ४५२ करोड़ की राशि, सब्सिडी वाले कृषि यंत्रों पर देने की घोषणा कर चुकी है। आप सरकार ५००० एकड़ जमीन पर पराली के लिए पूसा बायो डीकम्पोज़र के छिड़काव का उपयोग करेगी, जो कि प्रदुषण नियंत्रण में मुख्य भूमिका निभाएगा। सरकार पराली से सम्बंधित समस्या को हर हाल में दूर करने का भरपूर प्रयास कर रही है। सरकार आधुनिक कृषि यन्त्र एवं द्रव्य पदार्धों की सहायता भी लेगी। पंजाब में धान की खेती लगभग २९-३० लाख हेक्टेयर रकबे में होने का अनुमान है, जिससे अंदाजा है की २० मिलियन टन धान की पुआल पैदा हो सकती है। पंजाब सरकार ने इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार से मदद मांगी थी, जिसमे केंद्र सरकार ने पंजाब और दिल्ली राज्य प्रत्येक को ३७५ करोड़ की मदद देने की बात संयुक्त प्रस्ताव में कही थी, जिसमे पंजाब व दिल्ली सरकार ने केंद्र से ११२५ का परिव्यय माँगा।

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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI ) के माध्यम से लागू की जाने वाली पायलट परियोजना के अंतर्गत लगभग २०२३ हेक्टेयर भूमि पर सरकार द्वारा बायो डीकम्पोज़र का छिड़काव किया जायेगा, जिसमे धालीवाल जी ने कुछ जगहों पर मुफ्त में छिड़काव करने की भी बात कही। दिल्ली का वातावरण अत्यधिक यातायात व वाहनों के धुएं से प्रदूषित तो होता ही है, पराली जलाने के कारण और भी दूषित हो जाता है। दिल्ली व पंजाब सरकार किसान हित में योजना बनाने की तैयारी में है ,लेकिन इसके लिए राज्य सरकार के पास पर्याप्त धनकोष नहीं है। इसलिए पंजाब व दिल्ली राज्य सरकार को केंद्र से आर्थिक सहायता की आवश्यक्ता है, जिसके लिए केंद्र सरकार इंकार कर देती है। उपरोक्त में धालीवाल जी ने केंद्र पर आर्थिक मदद न करने का आरोप लगाया है।

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