इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

By: MeriKheti
Published on: 31-May-2023

आज हम आपको इस लेख में एक सफल फूल उत्पादक किसान के बारे में बताने जा रहे हैं। जो कि प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल की पैदावार कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल की स्वयं ही बाजार में आपूर्ति करते हैं। सामान्य तौर पर जब हम हरियाणा का नाम सुनते हैं, तो सबसे पहले हमारे मन में धान और गेंहू की खेती का नाम सामने आता है। लोगों का ऐसा मनना है, कि हरियाणा में किसान केवल धान और गेंहू की ही खेती किया करते हैं। परंतु, इस तरह की कोई बात नहीं है। देश के अन्य राज्यों की ही भांति हरियाणा में भी किसान बागवानी फसलों का उत्पादन किया करते हैं। इससे किसान भाइयों की अच्छी-खासी कमाई हो जाती है। विशेष बात यह है, कि बागवानी फसलों पर राज्य सरकार के स्तर से किसान भाइयों को अनुदान दिया जाता है। हरियाणा के फूल उत्पादक किसान राजेश कुमार ने गुलाब की खेती करके अन्य लोगों के लिए नजीर पेश की है।

राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है

किसान तक के मुताबिक, इस किसान का नाम राजेश कुमार है। जो कि हिसार जनपद के हिदवान गांव के निवासी हैं। दरअसल, पहले राजेश सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते थे। परंतु, इसके बावजूद भी उनके घर में आर्थिक समस्या बनी रहती थी। ऐसी स्थिति में उनको एक माली ने गुलाब की खेती करने की राय दी। इसके उपरांत राजेश ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी। वह हिदवान गांव में आकर अपनी पुश्तैनी जमीन पर जैविक विधि से गुलाब की खेती करने लगे। वर्तमान में राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है। इससे वह प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल उत्पादित कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल को स्वयं ही बाजार में सप्लाई करते हैं।

राजेश कुमार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं

साथ ही, अपने खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल द्वारा गुलकंद, शरबत और गुलाब जल भी तैयार करते हैं। इन उत्पादों को वह और उनकी पत्नी मिलकर स्वयं ही घर-घर जाकर बेचते हैं। राजेश ने बताया है, कि गुलाब की खेती से वह प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि अब वह अन्य किसानों को भी जैविक विधि से गुलाब के फूलों की खेती करने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उनको देखकर फिलहाल 40 किसानों ने गुलाब की खेती चालू कर दी है। इससे समस्त किसान भाइयों को काफी ज्यादा लाभ हो रहा है। ये भी देखें: गमले में कैसे उगाएं गुलाब के खूबसूरत फूल

किसान राजेश खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग करते हैं

किसान राजेश कुमार ने बताया है, कि उनके खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल एवं उससे निर्मित किए गए उत्पादों की मांग बाजार में आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ती जा रही है। उनका कहना है, कि अपने खेत में वह खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग किया करते हैं। वह अपने उत्पाद को भिवानी, बहादुरगढ़, पंचकूला, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, चंडीगढ़, मोहाली, अंबाला और रोहतक में जाकर स्वयं ही सप्लाई करते हैं। राजेश कुमार के मुताबिक, किसान राजेश और उनकी पत्नी दोनों एकसाथ मिलकर प्रतिदिन सुबह गुलाब के फूलों को तोड़ने के बाद बेचने के लिए बाजार लेकर जाते हैं।

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