भारत के 90 प्रतिशत मखाना उत्पादक राज्य में मखाने की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है

भारत के 90 प्रतिशत मखाना उत्पादक राज्य में मखाने की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है

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बिहार राज्य मखाना उत्पादन में काफी बड़ा राज्य है। बिहार में भारत का 90 प्रतिशत मखाने का उत्पादन होता है। वर्तमान बिहार की राज्य सरकार मखाना उत्पादन में 72 हजार रुपये तक अनुदान मुहैय्या करा रही है।

भारत के कुछ राज्यों में मखाने का अत्यधिक उत्पादन किया जाता है। बिहार भी उन्हीं में से एक राज्य है। जानकारी के लिए बतादें कि बिहार का मखाना भारत के विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है। इतना ही नहीं बिहार के मखाने को विदेशों में भी बड़े स्वाद और जायके के साथ खाया जाता है। क्योंकि, मखाने की खपत काफी ज्यादा होती है, इस वजह से बिहार के किसान बेहतर आमदनी भी कर लेते हैं। बिहार सरकार की तरफ से मखाने की खेती हेतु किसानों प्रोत्साहित कर रही है। अब राज्य सरकार की तरफ से किसानों के फायदे में बड़ी पहल की गई है।

बिहार के मखाना किसानों को कितना अनुदान दिया जाएगा

बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, मखाने का उत्पादन करने वाले किसान भाइयों के लिए सुनहरा अवसर है। मखाना विकास योजना के अंतर्गत मखाने के उच्च किस्म के बीज का प्रत्यक्षण करने हेतु अनुदान मुहैय्या कराया जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से प्रति हेक्टेयर इकाई खर्च 97,000 रुपये निर्धारित किया गया है। इस पर लगभग 72750 रुपये अनुदान प्रदान किया जा रहा है। यह समकुल खर्च का 75 प्रतिशत है।

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अनुदान हेतु किसान कहाँ संपर्क करें

बिहार निवासी जो भी किसान भाई अनुदान का फायदा उठाना चाहते हैं अथवा योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी लेना चाहते हैं। वह जनपद में उपस्थिति कृषि विभाग में जाकर योजना के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कृषि अधिकारी से योजना से जुड़े समस्त नॉर्म्स की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

बिहार में भारत का कुल 90 प्रतिशत उत्पादन होता है

बिहार राज्य में मखाना उत्पादकता का अनुमान इसी बात से लगा सकते हैं, कि एकमात्र बिहार राज्य में ही मखाने की 90 प्रतिशत पैदावार की जाती है। इसमें प्रोटीन काफी अधिक और प्रचूर मात्रा मेें पायी जाती है। बिहार सरकार के अधिकारियों ने बताया है, कि मखाना उत्पादन करने के मामले में किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु अनुदान दिया जा रहा है। बिहार सरकार की तरफ से किसानों को अच्छी किस्मों के बीज मुहैय्या कराए जा रहे हैं। बतादें, कि बिहार के अंदर वर्ष में दो बार मखाने का उत्पादन किया जाता है। पहली फसल की बुवाई मार्च के माह में की जाती है। अगस्त-सितंबर तक पैदावार हो जाती है। द्वितीय फसल सितंबर-अक्टूबर के मध्य होती है, इसकी पैदावार फरवरी-मार्च के बीच प्राप्त होती है।

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