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कृषक भाई खेत में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर प्रति माह मोटी कमाई कर सकते हैं

कृषक भाई खेत में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर प्रति माह मोटी कमाई कर सकते हैं

किसान भाई एक ही खेत के अंदर बहुत सारी सब्जियों की खेती कर बेहतरीन आमदनी कर सकते हैं। किसान भाई एक ही बार में धनिया, पालक और टमाटर की फसल उगा सकते हैं। बतादें, कि जिस तीव्रता से तकनीक विकसित होती जा रही है। उसी तेजी से खेती में भी नए-नए उपकरण एवं तकनीकों का उपयोग बढ़ा है। अगर आप भी खेती करते हैं, तो यहां प्रदान की जा रही जानकारी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। हमारे भारत में एक बड़ी जनसँख्या कृषि पर आश्रित है। इस वजह से भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है। समय के साथ हुए परिवर्तनों ने खेती को भी एडवांस बना दिया है। यदि किसान भाई चाहें, तो वह एक ही फसल में अच्छा-खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। कई सारी ऐसी सब्जियां हैं, जो कम वक्त में शानदार मुनाफा देकर जाती हैं, जिनमें विशेष रूप से धनिया, टमाटर, पालक आदि शम्मिलित हैं।

सब्जियों की खेती से कमा सकते हो लाखों का मुनाफा

सामान्य दिनों की बात की जाए तो टमाटर का भाव बाजार में 250 से 350 रुपये प्रति कैरेट होता है। टमाटर बेचकर ही किसान साल भर में लाखों रुपये की आमदनी कर सकते हैं। साथ ही, आप धनिया, पालक, मिर्च की खेती करेंगे और बेचेंगे तो ये भी काफी शानदार मुनाफा आपको देकर जाऐंगी। आजकल बागवानी फसलों के अंतर्गत पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक आमदनी हो रही है। यह भी पढ़ें: किसान श्रवण सिंह बागवानी फसलों का उत्पादन कर बने मालामाल

धनिया-पालक के उत्पादन से होगा अच्छा-खासा मुनाफा

कृषक भाई इन सभी सब्जियों की बुवाई एक ही खेत में कर सकते हैं। इन सब्जियों को ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती है। इन सब्जियों से अच्छी आमदनी करने के लिए किसान भाई खेत की मेड़ों पर धनिया, पालक लगा सकते हैं। वहीं, मेड़ की दूसरी तरफ किसान टमाटर और मिर्च की खेती भी कर सकते हैं।

किसान भाई इन सब्जियों की भी पैदावार कर सकते हैं

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बेहतरीन आय करने के लिए किसान भाई मेड़ों के अतिरिक्त भी खेतों के बीच में भी कई फसलें उगा सकते हैं। किसान भाई यहां पर भिंडी,आलू, फूलगोभी और करेला उगा सकते हैं। ये समस्त सब्जियां बाजार में अच्छी कीमतों पर बिकती रहती हैं। अगर किसान यहां बताई गई समस्त बातों का अनुसरण करते हैं, तो वह शानदार आमदनी अर्जित कर सकते हैं।
सीवीड की खेती के लिए आई नई तकनीक, सरकार से भी मिलेगी सहायता

सीवीड की खेती के लिए आई नई तकनीक, सरकार से भी मिलेगी सहायता

इन दिनों बाजार में सीवीड (समुद्री सिवार या शैवाल) की मांग तेजी से बढ़ी है। जिसके कारण इसकी मांग को पूरा करने के लिए बहुत सी संस्थाएं नई तकनीकों की खोज में जुटी हैं। सीवीड की खेती आमतौर पर समुद्र पर फैलाई गई रस्सी में की जाती है। इसके साथ ही समुद्र में जाल फैलाकर भी सीवीड की खेती की जाती है। लेकिन इस प्रकार सीवीड की खेती करने में भारी खर्चा आता है जिसके कारण सीवीड की खेती करना बेहद मुश्किल हो गया है। इन सब के बावजूद केंद्र सरकार सीवीड की खेती करने के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। ताकि देश में सीवीड की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। सरकार ने अपने आंकड़ों से बताया है कि भारत में शैवाल की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं। जिनका इस्तेमाल लगभग 221 तरह के पदार्थ बनाने में होता है। इसलिए इसकी खेती करने से किसानों को भरपूर मुनाफा हो सकता है।

सीवीड की खेती की तकनीक

यह तकनीक बेंगलुरु स्थित एक
स्टार्टअप ने विकसित की है। जिसे 'सी सिक्स एनर्जी' के नाम से जाना जाता है। स्टार्टअप के संस्थापक ने बताया है कि उन्होंने कई ऐसे तरीके विकसित किए हैं जिनसे बड़ी मात्रा में बेहद आसानी से सीवीड उगाई जा सकती है और उनसे कई उपयोगी पदार्थ बनाए जा सकते हैं।

स्टार्टअप ने तैयार किया सी कंबाइन

सीवीड की खेती करने के लिए स्टार्टअप ने सी कंबाइन तैयार किया है। यह एक ऐसा यंत्र है जो समुद्र में सीवीड की कटाई करता है और दोबारा बीज रोप देता है। जिसे अगली बार के लिए सीवीड उगाने में आसानी होती है। यह यंत्र बेहद व्यवस्थित तरीके से सीवीड की कटाई करता है।

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सीवीड की खेती के लिए सरकार कर रही है प्रोत्साहित

सरकार सीवीड के किसानों को इसकी खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसान भाई ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सीवीड की खेती करें। इसके लिए सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 5 साल की परियोजना पर काम कर रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकार 640 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है। इस राशि से सरकार देश के तटीय राज्यों के मछुआरों को शैवाल के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सरकार का उद्देश्य है कि सीवीड की खेती में पुरुषों के साथ-साथ महिलायें भी आगे आएं और इस खेती में बराबर से भागीदार हों। इसके साथ ही सरकार शैवाल उत्पादन बढ़ाने के लिए राफ्ट बनाने के लिए सहायता भी दे रही है। सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत राफ्ट और मोनोलिन/ट्यूबनेट बनाने के लिए किसानों और मछुआरों को क्रमशः 1500 रुपये और 8000 रुपये की व‍ित्‍तीय सहायता कर रही है। सरकार का अनुमान है कि यह मदद निश्चित रूप से किसानों को सीवीड की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने में मददगार साबित होगी। जिससे देश मएब सीवीड के उत्पादन को बढ़ाया जा सकेगा साथ ही बाजार में सीवीड की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति भी की जा सकेगी।
रुद्राक्ष के पौधे का रोपण कब, कैसे और क्यों किया जाता है ?

रुद्राक्ष के पौधे का रोपण कब, कैसे और क्यों किया जाता है ?

आज हम आपको मेरीखेती के इस लेख में रुद्राक्ष के पौधे के विषय में जानकारी देंगे। जैसा कि हम सब जानते हैं, कि हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का एक विशेष आध्यात्मिक महत्व है। रुद्राक्ष को लेकर बेहद अहम बातें हैं, जिनको जानना आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। अधिकांश लोग अपने घर में ही रुद्राक्ष का पौधा लगाते हैं, जिससे कि उन्हें उनके घर पर ही एक मुखी रुद्राक्ष हांसिल हो सके। परंतु, इस बात की बिल्कुल गारंटी नहीं होती है, कि इस पौधे से एक मुखी रुद्राक्ष मिले। परंतु, आप कुछ टिप्स का अनुपालन कर रहे हैं, जिससे इसकी संभावना काफी बढ़ जाती है। अगर आप एक मुखी रुद्राक्ष हांसिल कर सकते हैं। हालांकि, इस बात का किसी भी प्रकार का वैज्ञानिक प्रमाण देखने को नहीं मिला है। 

रुद्राक्ष पौधे के बेहतर विकास हेतु उपयुक्त मृदा कैसी होती है ?

रुद्राक्ष पौधे के लिए उपयुक्त मृदा का चयन करें। रुद्राक्ष के पौधे के लिए हल्की और पोषक तत्वों से भरपूर सूखा वाली मिट्टी का प्रयोग करें। उसके बाद एक गमला लें, जो कि पौधे के आकार के समतुल्य हो। बतादें, कि गमला इतना ज्यादा बड़ा होना चाहिए कि पौधे की जड़ों को फैलने के लिए समुचित जगह सुनिश्चित हो सके। गमले के तल में छेद होने बेहद जरूरी हैं, जिससे की जल निकासी हो सके। आप गमले के अंदर मृदा भरें एवं पौधे को उसमें लगा दें। तत्पश्चात पौधे को बेहतर ढ़ंग से पानी डालें।

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रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किस समय करना उपयुक्त माना जाता है ?

रुद्राक्ष के पौधे का रोपण करने का अच्छा वक्त सर्दियां हो सकती हैं। क्योंकि, इसको विकास करने के लिए ठंडक की अत्यंत आवश्यकता होती है। इस पौधे को शेड के अंदर रखें। यदि आप बेहद ही गर्म जगह पर रहते हैं। अगर तापमान 35 डिग्री से ज्यादा है, तो इसे दोपहर की सीधी धूप से संरक्षित करें। जिससे कि यह सुगमता से फल-फूल सकें। इसको पूर्ण रूप से धूप में रखें। प्रकाश और हवाई जगहें उसको अच्छी लगती हैं। परंतु, तीव्र धूप उसके लिए अनुकूल नहीं मानी जाती है।

रुद्राक्ष उत्पादन के लिए इन बातों का विशेष ख्याल रखें 

  • पौधे को बेहतर रूप से सूखा हुआ ही रखें। 
  • पौधे को सुबह अथवा शाम के वक्त धूप में रखें। 
  • पौधे को प्रति माह जैविक खाद दें।
  • पौधे की नियमित तौर पर जांच करें अथवा किसी भी बीमारी या कीटों के संक्रमण का शीघ्र उपचार करें।