गेहूं पर गर्मी पड़ सकती है भारी, उत्पादन पर पड़ेगा असर

गेहूं पर गर्मी पड़ सकती है भारी, उत्पादन पर पड़ेगा असर

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इस बार देश में गेहूं की बुवाई रिकार्ड क्षेत्र में की गयी है. रिकॉर्ड बुवाई को देखते हुए इस बार 11 करोड़ टन से भी ज्यादा गेहूं के उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन इस बार बढ़ती गर्मी गेहूं पर भारी पड़ सकती है. जिसका सीधा असर इसके उत्पादन पर दिख सकता है.

साल 2022 की गर्मी का सितम कौन भूल सकता है. जिसने सबसे ज्यादा गेहूं की फसल पर सितम बरपाया था. हालंकि इस साल किसान उस मुश्किल से उबरने की सोच ही रहे थे कि, इस साल गेहूं में बंपर उत्पादन होगा. लेकिन इस बार भी उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. इस साल की बढ़ती गर्मी गेहूं की फसल को बर्बाद कर सकती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो, गेहूं का सबसे ज्यादा उत्पादन एमपी में होता है. जहां फरवरी का पहला हफ्ता बेहद गर्म गया है. अगर ऐसे ही हालात रहें तो, इसका सबसे ज्यादा असर गेहूं के उत्पादन पर पड़ सकता है.

वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो अगर गर्मी का सितम वहां पर भी बरकरार रहा तो, वहां के गेहूं के उत्पादन की स्थिति बिगड़ सकती है.

एक्टिव मोड पर आई केंद्र सरकार

पिछले साल गेहूं का उत्पादन गर्मी की वजह से काफी ज्यादा प्रभावित हुआ था. वहीं इस साल आधे फरवरी में ही टेम्परेचर जरूरत से ज्यादा गर्म हो चुका है. जिस वजह से गेहूं का उत्पादन बड़े पैमाने में प्रभावित होने का अंदेशा है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने एक निगरानी कमेटी का गठन किया है. जो गेहूं की फसल को क्या नुकसान होगा, का आंकलन करेगी. कृष्ण आयुक्त को कमेटी की अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

इन राज्यों को सबसे ज्यादा खतरा

मौसम विभाग की मानें तो गुजरात, उत्तराखंड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां का तापमान समान्य से ज्यादा हो सकता है. मतलब साफ़ है कि, तापमान में बढ़ोतरी के जद सिर्फ एक राज्य ही नहीं बल्कि कई राज्य हैं. इन सभी राज्यों के गेहूं की फसल की निगरानी के लिए कमेटी का गठन किया गया है.

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वहीं अधिकारीयों की मानें तो, जिस तरह से गर्मी बढ़ी है, उसे देखते हुए कृषि मंत्रालय की कमेटी किसानों को कम सिंचाई से जुड़ी जरूरी जानकारी देगी. जिसकी अध्यक्षता कृषि आयुक्त डॉक्टर प्रवीन करेंगे. इसके अलावा कमेटी का अन्य सदस्य में गेहूं का उत्पादन करने वाले राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

अधिकारीयों का कहना है कि, इस साल देश में गेहूं की बुवाई रिकॉर्ड क्षेत्रों में की गयी है. वहीं एक्सपर्ट्स के मुताबिक तापमान ज्यादा होने का असर जमीन में दिखेगा. यूपी, बिहार, हरियाणा, एमपी, पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों के तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन इसमें सबसे ज्यादा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि, तापमान में हुए बदलाव की वजह से जनवरी का महीना सबसे ज्यादा ठंडा और गर्मी का महीना सबसे ज्यादा गर्म है. जिसका असर फसलों पर देखने को मिल सकता है.

बात जुलाई से जून तक की साल 2022 से 2023 की करें तो, इस साल गेहूं की पैदावार 11 करोड़ टन से भी ज्यादा होने का अंदेशा जताया जा रहा है. क्योंकि देश में इस साल पिछले साल की तुलना में गेहूं का रकबा बढ़ा है. वहीं पिछले साल लू की वजह से गेहूं की उत्पादकता में कमी आई थी. जहां गेहूं का उत्पादन बेहद कम रहा गया था.

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