कहां कराएं मिट्टी के नमूने की जांच | Soil Testing Laboratories

कहां कराएं मिट्टी के नमूने की जांच

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जमीन की सेहत लगातार बिगड़ रही है।इसका प्रमुख कारण यह है कि किसान भाई पिछले कुछ दशकों में खेती में कार्बनिक खादों का प्रयोग बंद प्रायः कर चुके हैं। जमीन से लगातार फसलें ली जा रही हैं। दावेदार फैसले लेने से जमीन की उपज क्षमता लगातार प्रभावित हुई है। देश के हर राज्य में एवं जिला मुख्यालय स्तर पर मृदा नमूना जांचने के लिए प्रयोगशाला स्थापित है जहां किसान अपनी नमूने की जांच निशुल्क या अधिकतम 5-7 रुपए मैं करा सकते हैं।

वेस्ट बंगाल में 48, उत्तराखंड में 44, यूपी में 180, त्रिपुरा में 21, तेलंगाना में 64, तमिलनाडु में 321, आंध्र प्रदेश में 951, पंजाब में 149 ,हरियाणा में 65 मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित हैं। देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह प्रयोगशाला स्थापित हैं। जिला स्तर पर प्रयोगशाला कहां पर स्थित है उसकी जानकारी farmer.gov.in पोर्टल पर जाकर राज्यवार ली जा सकती है। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर स्थित जिला कृषि अधिकारी एवं उप कृषि निदेशक कार्यालय तथा कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से जानकारी लेकर नमूना दिया जा सकता है। इतना ही नहीं उर्वरक कंपनी इफको एवं क्रभको के केंद्रों पर भी म्रदा जांच की व्यवस्था कई जगह रहती है। भारत सरकार के फार्मर पोर्टल पर दिए गए विवरण के अनुसार देश में 3887 मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित हैं।

मृदा परीक्षण के लिए कई इलाकों में प्राइवेट लोगों ने भी प्रयोगशाला स्थापित की हैं जहां 50 से ₹100 में मृदा नमूने की जांच कराई जा सकती है।

अच्छे रोजगार का है माध्यम

मृदा परीक्षण का काम रोजगार के नजरिए से भी काफी अच्छा है। ₹25000 से ₹50000 के सेटअप के माध्यम से मृदा परीक्षण प्रयोगशाला शुरू की जा सकती है। पूसा संस्थान नई दिल्ली द्वारा विकसित मृदा परीक्षण किट तकनीकी प्राइवेट कंपनियों को दी जा चुकी है । यह कंपनी एक छोटी सी किट गो मार्केट में उतार चुकी हैं। स्केट के माध्यम से दिन में 100 से 200 नमूनों की जांच की जा सकती है।

सोयल हेल्थ कार्ड को लेकर भ्रम

सॉइल हेल्थ कार्ड किसी क्षेत्र विशेष में कृषि विभाग के लोगों द्वारा खुद-ब-खुद लिए गए नमूनों के आधार पर तैयार किए जाते हैं। इस कार्ड को बनाने के पीछे और नमूना लेने के पीछे सिर्फ यही उद्देश्य है के देश के हर गांव और क्षेत्र की मृदा में मौजूद तत्वों की स्थिति का पता सरकार को रहे। हर किसान को कार्ड देना इस स्कीम में सरकार का उद्देश्य नहीं है।

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