भारतीय अनानास की दुनियाभर में बढ़ी मांग, खूब हो रहा है एक्सपोर्ट - Meri Kheti

भारतीय अनानास की दुनियाभर में बढ़ी मांग, खूब हो रहा है एक्सपोर्ट

0

भारतीय फल बाजार हमेशा से चर्चा में रहा है, भारत में उपजने वाले फल अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। आश्चर्य की बात तो ये है कि भारत में उपजने वाले फल सिर्फ भारतीय लोगो की पसंद ही बनकर नही रह गए हैं, बल्कि अब व्यापक पैमाने पर विश्व के अनेक बाजारों में भी अब इनकी मांग बढ़ रही है। यूं कहे तो ये अब विदेशी लोगों के खाने की आदतों पर अपना अधिकार जमाने लगें हैं और दृढ़ता से अपनी छाप छोड़ रहें हैं। आम, लीची, केला और अनार जैसे फलों का विश्व के बाजारों में पहले से मांग है, लेकिन अब अनानास या अनन्नास (अंग्रेज़ी:पाइनऍप्पल (Pineapple), वैज्ञा:Ananas comosus ) की भी खूब मांग होने लगी है।

उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मणिपुर सरकार ने पहली बार अनानास को दुबई निर्यात किया है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में बदलाव हुआ है और मणिपुर के किसान ख़ुश दिखाई दे रहे हैं। पिछले दिनों ख्वाजावल जिले के सियालहॉक गांव के किसानों द्वारा उगाए गए 230 किलोग्राम अनानास की खेप को उपमुख्यमंत्री तवंलुइया नेहरी ने झंडी दिखाकर दुबई भेजा।

दोहा-बहरीन के साथ-साथ इन देशों में भी बढ़ी मांग

भारतीय अनानास लगभग दस देशों में पहले से ही भेजा जाता रहा है, जिसमें यूएई, नेपाल, कतर, मालदीव, अमेरिका, भूटान, बेल्जियम, ईरान, बहरीन और ओमान जैसे देश हैं। यहाँ अनानास की खूब मांग है। लगभग 4.45 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 7665.42 मीट्रिक टन अनानास का निर्यात सन 2021-22 में किया गया था, उसके बाद से विश्व बाजारों में भारतीय फल अनानास की खूब चर्चा हो रही है।अब कतर की राजधानी दोहा और बहरीन को भी अनानास भेजने को लेकर तैयारी चल रही है।

ये भी पढ़ें: फल फूल रहा शराब उद्योग, लंदन वाइन मेले में रहा भारत का जलवा

केरल, आंध्र प्रदेश और इन राज्यों में होती हैं अनानास की खेती

अनानास की बढती मांग को देखते हुए अब इसकी खेती मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में भी होने लगी हैं. लेकिन मुख्य तौर पर त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश, असम, और मिजोरम में इसकी खेती होती है। साल के 12 महीने इसकी खेती की जाती है और इससे किसानों को खूब फायदा होता है।

आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि मणिपुर जैसा राज्य अनानास के उत्पादन के कारण चर्चा में है। पिछले साल यानी 2020-2021 में 134.82 मीट्रिक टन (एमटी) अनानास का उत्पादन करके भारत में अनानास उत्पादन में मणिपुर ने खुद को छठे स्थान पर स्थापित किया था। मणिपुर का भारत में अनानास के कुल उत्पादन में 7.46 की हिस्सेदारी है। जिससे साफ़ जाहिर होता है की मणिपुर की सरकार किसानों के साथ मिलकर अनानास की उपज को लगतार बढ़ावा दे रही है।

पूर्वोत्तर राज्यों में एपीडा के सहयोग से पिछले कुछ वर्षों में कृषि उपज के निर्यात में एक शानदार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।आधिकारिक सूत्रों से जानकारी मिली कि हाल ही में दुबई में आयोजित इन-स्टोर एक्सपोर्ट प्रमोशन शो में मणिपुर के अनानास का प्रदर्शन और प्रचार किया गया, जिससे दुबई में भी अब अनानास की मांग बढ़ रही है।

इन-स्टोर एक्सपोर्ट प्रमोशन शो में, उपभोक्ताओं के बीच अनानास फल की मिठास का स्वाद लेने और इस फल के महत्व को बताने के लिए मणिपुर अनानास की पेशकश की गई थी। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानी एपीडा (APEDA – Agricultural & Processed Food Products Export Development Authority) ने मणिपुर से अन्य अनूठे उत्पादों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देने का फैसला लिया है, मणिपुर के अन्य अनूठे उत्पाद तामेंगलोंग संतरा, कचाई नींबू, काले चावल आदि हैं।

ये भी पढ़ें: असम के चावल की विदेशों में भारी मांग, 84 प्रतिशत बढ़ी डिमांड

वही त्रिपुरा की बात करे तो सन 2018 में दुबई और दोहा को अपनी ख़ास किस्म के अनानास ‘रानी’ (Tripura’s Queen Pineapple) का निर्यात करने वाला पहला उत्तर पूर्वी राज्य था। त्रिपुरा के अनानास को 2020 में बांग्लादेश को भी भेजा गया था। असम ने भी 2019 में दुबई में अनानास निर्यात की शुरुआत की थी, पिछले तीन वर्षों में एपीडा निर्यात जागरूकता पर 136 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित कर चुका है।

एपीडा का मुख्य उद्देश्य मणिपुर में निर्यातकों के लिए एक मंच को तैयार करना है जिससे राज्य के लोगों के बीच रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सके और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उत्पादकों को अतिरिक्त मूल्य मिल सके. साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले अनानास को संरक्षित करने पर भी प्रयास किया जाए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More