धान के अधिक उत्पादन हेतु उन्नत कृषि सलाह

Published on: 30-Jun-2025
Updated on: 30-Jun-2025
Mature paddy crop with golden rice grains ready for harvest in field
फसल बागवानी फसल चावल

धान की खेती से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए गर्मी में उपयुक्त समय पर यथा संभव खेत का एक या दोबार ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई अवश्य करें। 

बुआई के पहले200 से 250 क्विंटल अच्छी तरह सड़ी हुयी गोबर की खाद या कम्पोस्ट 80 से 100 क्विंटल प्रति एकड के हिसाब से डालें। यदि प्रतिवर्ष संभव न हो तो हर दूसरे या तीसरे वर्ष में अवश्य डालें। 

धान के अधिक उत्पादन के लिए स्वस्थ बीज का चुनाव एवं बीजोपचार

किसी भी फसल से अधिक उत्पादन लेने के लिए बीज की गुणवत्ता एवं किस्म का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक तीन वर्ष में बीज एक बार जरूर बदलें क्योंकि तीसरे वर्ष तक 64 प्रतिशत बीज अशुद्ध हो जाते हैं। 

बीज बदल देने से उपज में 15  प्रतिशत की वृद्धि होती है। बीज बदलने का सबसे सरल और सस्ता तरीका है कि प्रत्येक वर्ष अपनी कुल जमीन के दसवें हिस्से में प्रमाणित बीज लगायें। 

हमेशा स्वस्थ और मजबूत बीज की बुआई करें, जिसमें अंकुर को शुरूआती 10 दिनों तक भोजन उपलब्ध कराने की क्षमता हो। पुष्ट बीज का चयन करने के लिये बीज को 17 प्रतिशत नमक घोल (100 लीटर पानी में 17 किलो नमक की मात्रा) में डुबायें एवं उपर तैर रहे अस्वस्थ एवं हल्के (मठबदरा) दाने को अलग करके नीचे बैठे पुष्ट बीज को साफ पानी में 1 से 2 बार धोकर छाया में सुखायें। 

इसके बाद 2 ग्राम कार्बन्डाजिम /मेन्कोजेब अथवा 5-10 ग्राम ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंदनाशक प्रति किलो धान बीज की मात्रा को उपचार करके बुआई करें। 

साथ ही साथ जैविक कल्चर (एजोस्पाइरिलम एवं पी.एस.बी.कल्चर) 5-10  ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें। किस्म का चुनाव भूमि के प्रकार और उपलब्ध सिंचाई सुविधा को ध्यान में रखते हुए करे। 

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बुआई करने का उपयुक्त समयः-

बारिश शुरू होने पर मिट्टी में 15-20 से.मी.गहराई (हाथ का एक बीता के बराबर) तक पर्याप्त नमी हो जाने पर छिड़काव विधि या कतार बोनी विधि से बुआई करें। रोषा विधि के लिये सिंचाई सुबिधा होने पर थरहा की बुआई जून के पहले सप्ताह में करें।