Sugar Mill Crushing Season Begins: सरकार की तरफ से एक गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी सामने आ रही है। प्रदेश की चीनी मिलों में गन्ना पेराई का कार्य शुरू हो गया है। समय पर गन्ना पेराई का कार्य शुरू होने से किसान बेहद खुश हैं। इसी के साथ सरकार की तरफ से किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए चीनी मिलों को समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान करने के सख्त निर्देश भी दिए हैं। इस तरह राज्य सरकार गन्ना किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीद के साथ ही समय पर भुगतान सुनिश्चित कर उनका सहयोग कर रही है।
उत्तर प्रदेश में नया गन्ना पेराई सत्र 2025-26 आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है। राज्य की कुल 21 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के आयुक्त ने सभी मिलों को किसानों के गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान करने के साफ निर्देश जारी किए हैं। आयुक्त के अनुसार इस साल राज्य की 53 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है, जबकि 21 मिलों में पेराई का कार्य शुरू हो चुका है। इनमें सहकारी क्षेत्र की 1 और निजी क्षेत्र की 20 चीनी मिलें शम्मिलित हैं। विभाग का कहना है, कि शेष मिलें भी अगले कुछ दिनों में पूर्णतय संचालित हो जाएंगी।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि राज्य के चार प्रमुख परिक्षेत्रों में पेराई सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सहारनपुर परिक्षेत्र की 19 मिलों में से 5 ने संचालन शुरू कर दिया है। मेरठ परिक्षेत्र की 16 में से 8 मिलें सक्रिय हैं। मुरादाबाद परिक्षेत्र की 23 में से 2 मिलों ने कार्य शुरू किया है। लखनऊ परिक्षेत्र की 19 में से 6 मिलों ने पेराई सत्र का शुभारंभ कर दिया है।
इसके अलावा प्रदेश की अन्य 32 चीनी मिलों ने भी अपने संचालन की तैयारी पूरी कर ली है और गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है। विभाग का अनुमान है, कि आने वाले कुछ ही दिनों में सभी मिलें पेराई कार्य प्रारंभ कर देंगी। इसके साथ ही, शेष 69 चीनी मिलें भी जल्द ही उत्पादन प्रक्रिया में शम्मिलित हो जाएंगी।
गन्ना विभाग ने इस बार मिलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान नियमानुसार समय पर किया जाए। पिछले कुछ सत्रों में भुगतान में देरी को लेकर किसानों में असंतोष देखने को मिला था लेकिन इस बार सरकार ने स्थिति को पहले से सुधारने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आयुक्त ने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र के देय गन्ना मूल्य का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। चीनी मिलों से कहा गया है कि गन्ना क्रय के सात दिनों के भीतर किसानों के खातों में राशि भेजी जाए। सरकार ने भुगतान प्रक्रिया पर निगरानी के लिए संबंधित परिक्षेत्रों में अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी है।
पेराई सत्र समय पर शुरू (Sugarcane crushing season begins) करने से किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा। पहला यह कि उन्हें समय पर गन्ने की कीमत मिलेगी, जिससे उनकी नकदी प्रवाह (cash flow) की समस्या दूर होगी। दूसरा, मिलों के समय पर संचालन से खेती का अगला चक्र यानी गेहूं की बुवाई भी समय पर हो सकेगी। विशेषज्ञों का यह कहना है, कि यदि पेराई में देरी होती है, तो खेत खाली करने में समय लगता है, जिससे रबी फसलों की बुवाई प्रभावित होती है। इस बार समय पर मिलें चलने से किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे उत्पादन में भी सुधार की संभावना है।
गन्ना विभाग का जोर इस बार पारदर्शी और समयबद्ध प्रणाली पर है। इसके तहत हर मिल को यह सुनिश्चित करना होगा कि गन्ना तौल, क्रय, भुगतान और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दर्ज हो। राज्य सरकार ने मिलों को चेतावनी दी है, कि यदि भुगतान में देरी की शिकायत मिलती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे गन्ना तौल और भुगतान से जुड़ी रसीदें संभालकर रखें ताकि किसी विवाद की स्थिति में विभाग को सटीक जानकारी मिल सके।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि विभाग अगले कुछ हफ्तों में गन्ना पेराई की प्रगति की समीक्षा करेगा। इसके साथ ही, मिलों की दैनिक क्रशिंग क्षमता, भुगतान अनुपात और गन्ना उपलब्धता की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।
सरकार का यह लक्ष्य है, कि इस बार का पेराई सत्र समय पर शुरू हो, सुचारु रूप से चले और किसानों को भुगतान में कोई परेशानी न आए। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह व्यवस्था बनाए रखी गई, तो यह न केवल किसानों के हित में होगी बल्कि प्रदेश की चीनी उद्योग की साख को भी मजबूत करेगी।
उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र की समय पर शुरुआत और सरकार द्वारा जारी सख्त भुगतान निर्देशों से किसानों में उत्साह है। विभाग को उम्मीद है, कि इस बार किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य समय पर मिलेगा और आगामी रबी सीजन में उत्पादन में भी सकारात्मक बढ़ोतरी होगी।
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