किसानों ने फिर भरी हुंकार देशभर में 7 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन का ऐलान

Published on: 04-Apr-2024

बीते कई महीनों से किसान अपनी मांगों को लेकर धरना और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान फसलों पर एमएसपी कानून सहित बहुत सारी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने एक बार फिर हुंकार भरी है। 

किसान संगठनों ने सात अप्रैल को भारतभर में जुलूस निकालने की घोषणा कर दी है। इसके अलावा शम्भू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक को भी जाम करने का ऐलान किया है। 

संगठनों ने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी का पुतला भी फूंकने की बात कही है। साथ ही, 3 से 11 अप्रैल तक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में युवा किसान शुभकरण सिंह की श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी। 

बतादें, कि 13 फरवरी से किसान आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान शम्भू बॉर्डर, खनौरी, डबवाली और रतनपुरा बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

किसान नेताओं ने चंडीगढ़ के किसान भवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा ?

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने चंडीगढ़ के किसान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेताओं का कहना है, कि सरकार ने हाल ही में बहुत सारी मंडियों को समाप्त कर के गेहूं की फसल सीधे साइलो में लेकर जाने का आदेश जारी किया है, 

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जो पिछले दरवाजे से तीन कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने के समान है। किसान नेताओं ने बताया कि 10 फरवरी से हरियाणा में सैंकड़ों किसानों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 5 किसान नेता अभी भी जेल में हैं। 

7 अप्रैल को जिलास्तरीय जुलूस, 9 अप्रैल को रेलवे ट्रैक बंद करने का ऐलान  

किसान नेताओं का कहना है, कि कि सभी बार्डरों पर किसानों को परेशान करने के लिए बिजली व्यवस्था को जानबूझकर बाधित किया जा रहा है, जिस से किसानों को बहुत सारी दिक्कत-परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

दोनों मोर्चों ने निर्णय लिया है, कि मंडियों को बचाने के लिए जेल में बंद किसानों की रिहाई के लिये एवं किसानी मोर्चों पर बिजली की उचित व्यवस्था के लिए 7 अप्रैल को भारतभर में जिला स्तर पर बड़े जुलूस निकालकर सरकार का विरोध किया जाएगा। 

अगर सरकार ने उसके बाद भी किसानों की इन बातों को नहीं माना तो 9 अप्रैल को शम्भू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक को जाम किया जाएगा और उसके बाद आने वाले दिनों में रेल रोकने के स्थान बढ़ाये जा सकते हैं। 

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