खारे पानी में मूंगफली की खेती कैसे करें : जानें खेती की पूरी जानकारी

Published on: 08-Sep-2025
Updated on: 08-Sep-2025
मूंगफली की खेती
फसल नकदी फसल मूँगफली

मूंगफली एक उष्णकटिबंधीय फसल है जो गर्म जलवायु और लंबे दिनों की मांग करती है। यह फसल सामान्यतः 50–125 सेमी समान रूप से वितरित वर्षा वाले क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन करती है। खारे पानी में मूंगफली की खेती चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि मिट्टी में क्षारीयता बढ़ जाती है, जिससे पौधों की वृद्धि बाधित होती है। ऐसे में मिट्टी का pH 6.0 से 7.5 के बीच बनाए रखना ज़रूरी होता है। अंकुरण के लिए मिट्टी का तापमान 19°C से अधिक होना चाहिए, जबकि वृद्धि के लिए आदर्श तापमान 26–30°C और प्रजनन के लिए 24–27°C उपयुक्त होता है। फली बनने की अवस्था में तापमान 30–34°C सर्वोत्तम रहता है। प्रकाश का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि यह पौधों में प्रकाश संश्लेषण को बढ़ाता है।


खारे पानी में मूंगफली की खेती: मिट्टी और खेत की तैयारी

खारे पानी में खेती के लिए रेतीली दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सर्वोत्तम होती है। भारी मिट्टी, जिसमें लवण अधिक हों, अनुपयुक्त मानी जाती है। जैविक खाद और जिप्सम मिलाकर मिट्टी की क्षारीयता को कम किया जा सकता है। खेत की तैयारी में एक बार पलटने वाले हल से और दो बार हैरो से 12–18 सेमी गहराई तक जुताई करें। इससे मिट्टी भुरभुरी होती है और जल संतुलन बेहतर बनता है। मल्चिंग और फ्रेमिंग तकनीकों से नमी बनाए रखी जा सकती है।


खारे पानी में मूंगफली की खेती: बीज चयन, उपचार और बुवाई (Cultivation of groundnut in salt water)

चुने गए बीज मोटे, स्वस्थ और रोगमुक्त होने चाहिए। बुवाई से पहले बीजों को थीरम (3 ग्राम/किग्रा) या मैंकोजेब से उपचारित करें। इसके अलावा, राइजोबियम कल्चर का प्रयोग मिट्टी में जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक होता है। सफेद सूंडी जैसे कीटों से बचाव के लिए क्लोरपायरीफॉस का छिड़काव करें। बीजों को 5 सेमी गहराई पर बोएँ और कतार-दर-कतार 60 सेमी तथा पौधे-दर-पौधे 10 सेमी की दूरी रखें। खारे पानी में ऊँची क्यारियों पर बुवाई अधिक उपयुक्त रहती है जिससे जल निकासी आसान होती है।


खारे पानी में मूंगफली की खेती: किस्में और बीज दर

कुछ प्रमुख किस्में जैसे GGUG-10, GG-13, J-11, GG-20 आदि खारे पानी के लिए अनुकूल हैं। बंच किस्मों के लिए 40–50 किग्रा/एकड़ और प्रसार किस्मों के लिए 30–40 किग्रा/एकड़ बीज की आवश्यकता होती है। यदि मिट्टी की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो, तो बीज दर 5–10% तक बढ़ाना लाभकारी हो सकता है।


खारे पानी में मूंगफली की खेती: उर्वरक, सिंचाई और कटाई

कम नाइट्रोजन (8 किग्रा/एकड़), उपयुक्त फास्फोरस और जिप्सम (200 किग्रा/एकड़) का प्रयोग करें। जैविक खाद और ग्रीन मैन्यूरिंग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। रबी में 3–4 सिंचाइयाँ पर्याप्त हैं, विशेषकर फूल, खूंटी और फली बनने के समय। कटाई तभी करें जब पत्तियाँ पीली पड़ जाएँ और फलियाँ परिपक्व हो जाएँ। समय पर कटाई से फसल की गुणवत्ता बनी रहती है।

खारे पानी में मूंगफली की खेती (Peanut Cultivation) में सही तकनीक, उपयुक्त किस्म और अच्छी प्रबंधन प्रणाली अपनाकर किसानों को संतोषजनक उत्पादन मिल सकता है।