स्ट्रॉ रीपर पर मिल रही है भारी सब्सिडी, जानें आवेदन प्रक्रिया और लाभ

Published on: 11-Oct-2025
Updated on: 13-Oct-2025

Straw Reaper: मध्यप्रदेश के किसानों के लिए राज्य सरकार ने एक नई राहत की घोषणा की है। पराली जलाने की समस्या को कम करने और फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब स्ट्रॉ रीपर (Straw Reaper) पर किसानों को आकर्षक सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत किसान अब ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए शुरू हुई महत्वपूर्ण योजना

कृषि विभाग, मध्यप्रदेश की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, स्ट्रॉ रीपर पर सब्सिडी के लिए आवेदन 3 अक्टूबर 2025 से शुरू हो चुके हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और यह ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर संचालित की जा रही है। किसानों से प्राप्त आवेदनों की समीक्षा के बाद सरकार पात्र किसानों के चयन के लिए लॉटरी प्रणाली अपनाएगी।

कृषि विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आवेदन के साथ किसानों को 10,000 रुपए की धरोहर राशि (Security Deposit) के रूप में एक डिमांड ड्राफ्ट (DD) जमा करना अनिवार्य होगा। यह डिमांड ड्राफ्ट संबंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री (Assistant Agriculture Engineer) के नाम से बनवाना होगा। जिन किसानों के आवेदन में यह राशि संलग्न नहीं होगी, उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

स्ट्रॉ रीपर क्या है और यह किसानों के लिए क्यों उपयोगी है

स्ट्रॉ रीपर एक अत्याधुनिक कृषि यंत्र है जो कटाई के बाद खेतों में बचे हुए फसल अवशेष (जैसे गेहूं या धान की पराली) को एकत्रित कर लेता है। इस मशीन की मदद से किसान उन अवशेषों को पशु चारे, जैविक खाद या अन्य उपयोगी रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

इससे खेतों में पराली जलाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और वायु प्रदूषण में भी कमी आती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, स्ट्रॉ रीपर का उपयोग करने से किसान अपने खेतों को अगली बुवाई के लिए जल्दी तैयार कर सकते हैं, जिससे समय और श्रम दोनों की बचत होती है। इसके अलावा, पशुपालकों को चारे की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित होती है।

किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी

मध्यप्रदेश सरकार किसानों को स्ट्रॉ रीपर की खरीद पर 40% से 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। यह सब्सिडी किसानों की सामाजिक श्रेणी के आधार पर निर्धारित की गई है—

  • सामान्य वर्ग के किसानों को 40% तक अनुदान मिलेगा।
  • अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी।

इस पहल का उद्देश्य किसानों को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल खेती तकनीकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि पराली जलाने जैसी हानिकारक प्रथाओं को समाप्त किया जा सके।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

स्ट्रॉ रीपर पर सब्सिडी पाने के इच्छुक किसानों को आवेदन करते समय कुछ जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इनमें शामिल हैं:

  1. आधार कार्ड की प्रति
  2. बैंक पासबुक की प्रति
  3. भू-अधिकार पत्र या खतौनी
  4. किसान पंजीयन संख्या
  5. 10,000 रुपए के डिमांड ड्राफ्ट की स्कैन कॉपी

कृषि विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अधूरे या गलत दस्तावेजों वाले आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

आवेदन प्रक्रिया कैसे करें

स्ट्रॉ रीपर पर सब्सिडी के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। इच्छुक किसान नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं:

  • सबसे पहले किसान [ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल](https://farmer.mpdage.org) पर जाएं।
  • वहां पंजीकरण (Registration) के लिए [यह लिंक](https://farmer.mpdage.org/Registration/AadharVerification) खोलें।
  • अपना आधार नंबर, बैंक विवरण, और भूमि संबंधी जानकारी भरें।
  • 10,000 रुपए के डिमांड ड्राफ्ट की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
  • आवेदन जमा करने के बाद किसान को एक स्वीकृति रसीद (Acknowledgment Receipt) प्राप्त होगी।

सभी वैध आवेदनों में से पात्र किसानों का चयन लॉटरी प्रणाली से किया जाएगा। चयनित किसानों की सूची कृषि विभाग की वेबसाइट और जिले के कृषि कार्यालय में प्रकाशित की जाएगी। चयनित किसानों को सूचना SMS या पोर्टल नोटिफिकेशन के माध्यम से दी जाएगी।

योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • आवेदन केवल निर्धारित अवधि तक ही स्वीकार किए जाएंगे।
  • योजना सीमित लक्ष्य (Target Limit) पर आधारित है, यानी यदि आवेदनों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है तो केवल लॉटरी में चयनित किसानों को ही लाभ मिलेगा।
  • जिन किसानों के आवेदन चयनित नहीं होंगे, उनके डिमांड ड्राफ्ट वापस कर दिए जाएंगे।
  • आवेदन से पहले किसान [जिलेवार सहायक कृषि यंत्री की सूची](https://www.mpdage.org/Advertisement/e-krishiDD_090921062243.pdf) अवश्य देखें, ताकि सही नाम और पते पर DD बनवाया जा सके।

योजना का उद्देश्य और लाभ

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को पराली जलाने की बजाय वैज्ञानिक तरीकों से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रेरित करना है। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता, मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और खेतों में अगली फसल की तैयारी जल्दी हो जाती है। सरकार का मानना है कि यदि किसान इस योजना का लाभ उठाकर आधुनिक उपकरणों का प्रयोग बढ़ाते हैं, तो न केवल खेती की लागत कम होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थायी कृषि को भी बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक है। स्ट्रॉ रीपर पर सब्सिडी से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और पराली जलाने जैसी समस्याओं से भी निजात मिलेगी। जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें जल्द से जल्द ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर जाकर आवेदन करना चाहिए, क्योंकि चयन प्रक्रिया सीमित लक्ष्य और लॉटरी प्रणाली पर आधारित है।

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