मोती की खेती से बम्पर कमाई कर रहा है बिहार का आईटी प्रोफेशनल

By: MeriKheti
Published on: 16-Oct-2022

बिहार राज्य के बेगुसराई जनपद में सिंघोला निवासी कुणाल कुमार झा (Kunal Kumar Jha) ने अपने घर में ही छोटी सी जल की टंकी बनाकर मोती की खेती (pearl farming; moti ki kheti) करना शुरू कर दिया है। 

कुणाल का कहना है कि वह मोती की खेती से प्रतिवर्ष ३ लाख रूपए तक का लाभ प्राप्त करते हैं। रचनात्मक सोच, जुनून और मेहनत के बल पर मनुष्य असंभव को भी संभव बना देता है। 

कुणाल कुमार झा ने भी युवाओं के लिए एक नजीर पेश की है, हालाँकि कुणाल आईटी टेक्निकल के सफल विद्यार्धी रहे हैं, साथ ही प्राइवेट कंपनी में जॉब भी कर चुके हैं। 

लेकिन कुणाल अपनी आय की राह स्वयं चुनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने नौकरी की अपेक्षा कृषि को प्राथमिकता दी और कृषि की सहायता से अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं। घर में अनोखे अंदाज से खेती करने की प्रणाली की बात पुरे बेगूसराय में चर्चा का विषय बन चुकी है। 

आजकल कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ चुका है, साथ ही नए नए कृषि उपकरण भी खेती किसानी को बेहतर बनाने के लिए दिनो दिन इजात हो रहे हैं। ऐसे में समझदारी से कृषि करके किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं, कुणाल ने यह बात साबित भी करदी है।

ये भी पढ़ें: केमिस्ट्री करने वाला किसान इंटीग्रेटेड फार्मिंग से खेत में पैदा कर रहा मोती, कमाई में कई गुना वृद्धि!

कुणाल किस प्रकार करते है मोती की खेती

कुणाल कुमार झा ने अपने घर में १० बाई १० वर्ग फीट की टंकी से ही मोती की खेती को सुचारु रखा हुआ है, कुणाल मोती को देवताओं का स्वरुप भी प्रदान करते हैं, जो समुद्र में रेती के कारण नहीं बन पाता है। 

कुणाल प्रभु श्री राम, कृष्ण भगवान एवं गणेश जी जैसे अन्य स्वरूपों की कलाकृति बनाते हैं। यह मोती लगभग १० महीने में बनकर तैयार होता है, कुणाल मोती की खेती रचनात्मक तरीके से करके अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर लेता है।

कुणाल ने कृषि को प्राथमिकता क्यों दी

कुणाल कुमार झा आईटी प्रोफेशनल हैं उन्होंने नौकरी करते समय ही खेती करने का निर्णय लिया था। कुणाल का कहना है कि देश के अधिकतर नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं। 

युवाओं को आजीविका के लिए उनकी मेहनत से भी कम आय वाली नौकरी करनी पड़ती है और उसके लिए भी उनको अन्य राज्यों के शहरों में नौकरी करने जाना पड़ता है। 

इससे अच्छा, युवा आधुनिक तकनीक और विवेक का इस्तेमाल करके स्वयं का रोजगार उत्पन्न करें। आज देश में रोजगार के बहुत सारे अवसर हैं, युवाओं को अपने नजरिये और सोचने की दिशा को बदलने की बेहद आवश्यकता है।

ये भी पढ़ें: ‘मोती की खेती’ ने बदल दी किताब बेचने वाले नरेन्द्र गरवा की जिंदगी, अब कमा रहे हैं सालाना पांच लाख रुपए

मोती की खेती का बाजार में कितना दबदबा है

बाजार में मोती की काफी मांग है, गुजरात तक से व्यापारी खुद आकर मोती खरीदकर ले जाते हैं। कुणाल की ये अद्भुत खेती क्षेत्र और परिवार के लोगों को खुशी प्रदान कर रही है। 

मोती की खेती की चर्चा जोरशोर से आसपास के जिलों में भी हो रही है। कुणाल से मोती की खेती के बारे जानने के लिए काफी दूर से किसान आ रहे हैं, कुणाल खेती की पूरी विधि किसानों के साथ साझा भी करते हैं। कुणाल कुमार झा ने मोती की खेती का महत्त्व भी जिले के किसानों को अच्छी तरह बताया है।

श्रेणी