किसानों की आंदोलन की चेतावनी, मांगे नहीं मानी तो फिर सड़क पर उतरेंगे - Meri Kheti

किसानों की आंदोलन की चेतावनी, मांगे नहीं मानी तो फिर सड़क पर उतरेंगे

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पिछले साल का किसान आंदोलन भला किसे याद न होगा। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी से आए हजारों किसान महीनों तक दिल्ली के बॉर्डर पर डटे रहे थे और आखिरकार तीन किसान कानूनों को वापस करवाकर ही लौटे थे। लेकिन इसी बीच एक और किसान आंदोलन की आहट सुनाई दे रही है। खबरों के मुताबिक किसानों ने एक बार फिर से किसान आंदोलन की चेतावनी दे दी है और इस बार वजह गन्ने के बकाए भुगतान की है।

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लेकिन इस बार के किसान आंदोलन का केंद्र दिल्ली नहीं बल्कि पंजाब हो सकता है। खबरों के मुताबिक पंजाब राज्य के किसान अपनी राज्य सरकार से खफा चल रहे हैं। उनका कहना है कि उनके गन्ने की फसल का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। यह मुद्दा दूसरी बार उठ रहा है। पहली बार जब यह मुद्दा उठा था, तब सीएम भगवंत मान (Bhagwant Singh Mann) के कहने पर आंदोलन टाल दिया गया था। लेकिन, जब मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया, तो किसान फिर से उसी ढर्रे पर लौटने को मजबूर हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 31 किसान संघ 5 सितंबर को राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर सकते हैं।

किसानों का कहना है कि उनकी मांग राज्य सरकार से है कि उनके गन्ने का भुगतान जल्दी से जल्दी किया जाए। अगर राज्य सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतरती तो आंदोलन किया जाएगा। किसानों का कहना है कि 5 सितंबर से इस आंदोलन की शुरुआत असल मायनों में हो जाएगी क्योंकि इसी दिन राज्य के कैबिनेट मंत्रियों का घेराव किया जाएगा। इस दौरान किसान मंत्रियों के दफ्तरों और घरों के बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन करेंगे।

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किसानों के बकाए की बात करें, तो खबरों के मुताबिक किसानों की 24 करोड़ रुपये की बकाया रकम है जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इसको लेकर तनाव पहले से ही काफी बढ़ चुका है और कुछ किसान जालंधर-फगवाड़ा हाईवे पर धरना जारी किए हुए हैं। अब इस आंदोलन को राज्यव्यापी बनाने के लिए 31 किसान संघों ने हाथ मिला लिए हैं। किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो 30 अगस्त तक उनका धरना जारी रहेगा और 5 सितंबर से असली आंदोलन की शुरुआत होगी।

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अगस्त के महीने की शुरुआत में जब किसानों ने पहली बार आवाज उठाई थी, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान उनसे मिले थे। चार घंटे की बैठक के बाद किसानों ने फैसला लिया था कि वे अपना आंदोलन निरस्त कर देंगे, क्योंकि इस बैठक में मुख्यमंत्री ने गन्ना बकाए के भुगतान समेत किसानों की ज्यादातर मांगों को मान लिया था और ये भी कहा था कि जो आपसे कहा है वह निभाऊंगा। बैठक में कहा गया था कि 7 अगस्त को सबका बकाया मिल जाएगा। लेकिन जब सभी का बकाया नहीं मिला तो किसानों ने फिर से आंदोलन करने की तैयार कर ली है।

अब आने वाले दिनों में क्या सरकार फिर से किसानों से बातचीत करेगी। पल-पल की अपडेट के लिए मेरी खेती को पढ़ते रहें।

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