जाने किस व्यवसाय के लिए मध्य प्रदेश सरकार दे रही है 10 लाख तक का लोन

By: MeriKheti
Published on: 24-Jan-2023

हमारे देश में दूध की बहुत मांग है। अलग अलग तरह के डेयरी प्रोडक्ट्स भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। दूध को प्रोटीन और कैल्शियम का एक अच्छा सोर्स मानते हैं। इसी डिमांड का नतीजा है, कि आजकल बहुत सी जगह किसानों ने खेती के साथ-साथ पशुपालन का व्यवसाय अपनाना शुरू कर दिया है। इस काम में किसान इसलिए लगे हुए हैं। क्योंकि पशुपालन-डेयरी फार्मिंग से अतिरिक्त आमदनी हो ही जाती है। खेत के लिए खाद का इंतजाम भी हो जाता है। अब सरकार भी किसानों को इस काम में आर्थिक और तकनीकी सहयोग दे रही है। बहुत ही राज्य सरकार किसानों को इस व्यवसाय से जुड़ने के लिए जागरूक कर रही है। इसी पहल में मध्य प्रदेश सरकार भी आगे आई है। सरकार ने अपने राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए ऐसे किसानों को ₹1000000 लोन देने की एक स्कीम निकाली है। जो पशुपालन भी करते हैं, किसान बहुत ही आसान प्रक्रिया अपनाते हुए इस स्कीम के तहत लाभ उठा सकते हैं।

क्या है ये योजना

कुछ समय पहले ही मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक एमओयू (EOU) साइन किया है। इस एमओयू (EOU) का मकसद राज्य में दूध के उत्पादन को बढ़ाना है। सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही राज्य के किसानों और पशुपालकों को किसी भी तरह का दुधारू पशु खरीदने के लिए 1000000 रुपए तक की लोन राशि देने की बात की है। पशुपालकों को यह लोन राशि देते समय सरकार किसी भी तरह की गारंटी नहीं मांग रही है। योजना के आधार पर समझ आता है, कि इस स्कीम से छोटे और मझोले किसानों को भी काफी लाभ होगा। ज्यादातर छोटे किसान साथ में पशुपालन करना चाहते हैं। क्योंकि उनकी खेती की जमीन उतनी ज्यादा नहीं होती है, कि वह उससे बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकें। साथ ही, धनराशि के अभाव में वह कुछ नया भी नहीं कर पाते हैं और इस आर्थिक रेस में बहुत पीछे रह जाते हैं। ऐसे ही किसानों को आर्थिक बल देने के लिए और राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

कैसे कर सकते हैं लोन का भुगतान

एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच हुए इस एमओयू के अनुसार, किसान और पशुपालकों को 2 मवेशियों से लेकर, 4, 6 और 8 की संख्या में मवेशी खरीदने की छूट दी जाएगी। जिसके लिए वो अपने जिले में चिन्हित 3 से 4 बैंक की शाखाओं में लोन के लिए आवेदन कर पाएंगे। इस स्कीम के तहत दस लाख तक का मुद्रा लोन और ₹60000 तक का लोन मुद्रा लोन किसानों को दिया जाएगा। किसान इस मुद्रा की वदल में 10% तक की मार्जिन मनी जमा करवाते हैं। अच्छी बात यह है, कि लोन की रकम को चुकाने के लिए कैसा भी दवाब नहीं होगा। बल्कि किसान चाहें तो 36 किस्तों में लोन की रकम का भुगतान कर सकते हैं।

किन-किन चीजों के लिए मिलता है लोन

वैसे तो देश में पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे किसानों और पशुपालकों को आर्थिक संबल मिला है। इन सबके अलावा भी सरकार द्वारा कई तरह की अन्य व्यवसाई योजनाओं के लिए फंड जारी किया जाता है। कई योजनाओं में आवेदन करने पर केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्रालय से फंड जारी होता है। तो कुछ परियोजनाओं में नाबार्ड का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग मिलता है। ये भी देखें: मत्स्य पालन की पूरी जानकारी (Fish Farming information in Hindi) इस कड़ी में अब एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी आगे आया है। एसबीआई की ओर से मिल्क कलेक्शन यूनिट के निर्माण से लेकर ऑटोमैटिक मिल्किंग मशीन, मिल्क कलेक्शन सिस्टम, मिल्क ट्रांसपोर्ट वैन आदि के लिए भी लोन दिया जाता है। इस तरह के लोन में हमेशा ही लोन की ब्याज दर भी नियम और शर्तों के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। यह दरें ज्यादातर 10% से लेकर 24% तक होती हैं। इन योजनाओं में आवेदन करने के लिए अपने जिले के पशुपालन विज्ञान, कृषि विज्ञान केंद्र या पशु चिकित्सालय में भी संपर्क कर सकते हैं।

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